Saturday, 18 March 2017

भगवान करते थे बाल लीलाए कथा में दोरान बताया कथा ब्यास दिवाकर मिश्रा CITY NEWS YNR



भगवान करते थे बाल लीलाए कथा में दोरान बताया कथा ब्यास दिवाकर मिश्रा ने 

यमुनानगर।  गांव पाजूपुर में चल रही श्री मद् भागवत कथा के पाचवे दिन की कथा को आगे बढ़ाते हुए संत दिवाकर मिश्रा ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण जब पौगंड अवस्था  में थे, तब तक उन्होंने गृह लीलाएँ कीं। जब वे मात्र छ: दिन के ही थे, तब चतुर्दशी के दिन पूतना आई, जब भगवान तीन माह के हुए तो करवट उत्सव मनाया जा रहा था, तभी शकटासुर आया, भगवान ने सकट भंजन करके उस राक्षस का उद्धार किया। इसी तरह बाल लीलाएँ, माखन चोरी लीला, ऊखल बंधन लीला, यमलार्जुन का उद्धार आदि दिव्य लीलाएँ कीं। श्रीकृष्ण की प्रत्येक लीला दिव्य है और हर लीला का आध्यात्मिक पक्ष है। श्रीकृष्ण के व्यक्तित्व के अनेक पहलू हैं। वे माँ के सामने रूठने की लीलाएँ करने वाले बालकृष्ण हैं तो अर्जुन को 'गीता' का ज्ञान देने वाले योगेश्वर कृष्ण। भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बाल्यकाल में अनेकों लीलाएँ कीं, जैसे- पूतना वध बन्दीगृह में शिशु के रोने की आवाज़ सुनकर पहरेदारों ने राजा कंस को देवकी के गर्भ से कन्या होने का समाचार दिया। कंस उसी क्षण अति व्याकुल होकर हाथ में नंगी तलवार लेकर बन्दीगृह की ओर दौड़ा।


 बन्दीगृह पहुँचते ही उसने तत्काल उस कन्या को देवकी के हाथ से छीन लिया। देवकी अति कातर होकर कंस के सामने गिड़गिड़ाने लगी- "हे भाई! तुमने मेरे छ: बालकों का वध कर दिया है। इस बार तो कन्या का जन्म हुआ है। तुम्हारे काल की आकाशवाणी तो पुत्र के द्वारा होने की हुई थी। इस कन्या को मत मारो। इसी तरह से कथा सुने आये श्रद्धालु कथा का आनन्द ले रहे है कथा ब्यास के दुवारा गए भजनों का आनन्द झूमकर उठा रहे है जेसे जेसे कथा सम्पति की और बढ़ा रही है वेसे ही भक्तो की भीड़ भी बढती जा रही है 








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