Friday 27 July 2012

आशिक मिजाज युवक की पीटाई CITY NEWS YNR

 आशिक मिजाज युवक की पीटाई
एक आशिक मिजाज युवक को रात के समय एक नवविवाहिता के साथ छेडछाड करना इतना मंहगा पडा कि उसे पहले तो लोगांे के लात व मुक्के खाने पडे और बाद में थाने पहुंचने पर महिला से चप्पले मामला यमुनानगर का है जहा एक नवविवाहिता जोडा जब अपनी कार में स्वार होकर घर जाने लगा था कि अचानक दो युवकों ने उससे छेडछाड कर डाली एक युवक तो मौके से फरार हो गया जबकि दूसरे को पकड कर पुलिस के हवाले कर दिया
 यमुनानगर के बस स्टेंड के नजदीक एक होटल पर नव विवाहिता अपने पति व अपनी बहन के साथ जब खाना खाने के बाद अपनी कार में बैठने लगी तो तभी दो युवकों ने पहले तो उस पर छींटाकसी की इस पर जब नवविवाहिता ने इस संबंध में अपने पति से बात की तो दोनों युवक महिला से छेडछाड पर उतारू हो गए महिला के साथ छेडछाड करने पर आसपास के लोगो ंने उन्हें पकडने की कोशिश की जिसमें एक युवक तो मौके से भागने में कामयाब हो गया जबकि दूसरा लोगो ंके हाथ चढ गया पहले तो होटल के सामने ही लोगो ंने इस आशिक मिजाज युवक की जमकर पीटाई की और बाद में उसे पीटते हुए थाना शहर ले आए जहा आने के बाद महिला व उसके पति ने उसकी जमकर जूतों के साथ पीटाई कर डाली और पुलिस के हवाले कर दिया पुलिस ने महिला की शिकायत पर आरोपी युवक के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफतार कर दूसरे युवक की तलाश शुरू कर दी है




Saturday 7 July 2012

निशुल्क दी जा रही कम्प्यूटर शिक्षा CITY NEWS YNR





                    निशुल्क दी जा रही कम्प्यूटर शिक्षा

बच्चों को कंप्यूटर की जानकारी देती शिक्षिका।
 आज के युग में  कम्प्यूटर के महत्व को देखते हुए सरकार द्वारा कई योजनाओं को धरातल दिया हुआ है। ऐसी ही एक योजना के तहत राष्टय साक्षरता मिशन के माध्यम से बीपीएल परिवार के बच्चों को सरकार की ओर से फ्री कंम्पूटर शिक्षा दी जा रही है।
लघु सचिवलय में पिछले काफी समय से फ्री कम्प्यूटर की शिक्षा दी जा रही है। काफी संख्या में बच्चे योजना का लाभ   उठा रहे हैं। शिक्षा पाकर बच्चे प्राईवेट नौकरी कर सकते है। मीनाक्षी, स्वेता व रीतू ने बताया कि आज कम्प्यूटर हर किसी की जरूरत है। सरकार की और से दी जा रही शिक्षा के बारे में उन्हे अपने पड़ोस की लड़कियों से पता चला और जिसके बाद वे कम्प्यूटर सेंटर पहुंची।
कैसे लें दाखिला?
यह कम्प्यूटर शिक्षा पूरी तरह फ्री है। इसके लिए बच्चे को सिर्फ सेंटर पर जाकर एक अपने राशन कार्ड की कॉपी संलग्न कर फार्म भरना होता है।  विभाग की ओर से उसे कोर्स पूरा होने पर एक प्रमाण पत्र भी  दिया जाता है।

यह शिक्षा पूरी तरह फ्री है। इसके लिए बस एक फार्म भरकर देना होता है। अलग-अलग बेच बनाकर बच्चों को शिक्षा दी जाती है
रूबी, सेंटर संचालिका, राष्टीय साक्षरता मिशन।



Thursday 5 July 2012

बाल विवाह CITY NEWS YNR


                                                 यह कैसी लाडो


 बाल विवाह कानून अपराध है इसके लिए सविंधान में सख्त सजा का प्रवाधान भी है मगर हरियाणा के यमुनानगर में यह सब सिर्फ कानून की किताबो में ही दबकर रह गया है इसका जीता जागता उदाहरण उस वक्त देखने को मिला जब एक 13-14 साल की बच्ची का विवाह उसी की उम्र के एक युवक से की जा रही थी मगर ऐन मौके पर पहुँची पुलिस की खबर लगते ही बारात बीच रास्ते से ही फरार हो गई और अधिकारियो नें इस गैरकानूनी शादी को बीच में ही रूकवाकर कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है।


यमुनानगर के गांव सुग निवासी मामचंद ने अपनी लाडली का नाम लाडो तो रख दिया मगर वह अपनी बेटी से कितना लाड करते है इस का अंदाजा इस बात से लगा लीजिये कि उसने अपनी बेटी की तेरह चौदह साल की कच्ची उम्र में ही शादी रचा डाली। लाडो की शादी उत्तरप्रदेश के सहारनपुर इलाके के गांव निराली के एक युवक के साथ की जा रही थी, बारात के स्वागत की सभी तैयारिया हो चुकी थी, परिवार के लोग बेसब्री से दूल्हे एंव बारात का इंतजार कर रहे थे मगर उनसे पहले शादी में पहुँच गई पुलिस और विवाह समारौह में भगदड़ मच गई किसी ने बारात को फोन पर पुलिस की सूचना दे दी और बारात बीच रास्ते से ही फरार हो गई। हांलाकि पकड़े जाने के बाद लाडो के पिता इन सबके पीछे गरीबी एंव मजबूरी को जिम्मेदार ठहरा रहा है।


 लाडो की उम्र का कोई ठोस अधार नही मिला क्यों कि ना तो उस का जन्म प्रमाण पत्र बनाया गया था और ना ही उसे कभी स्कूल भेजा गया। जिला बाल प्रोटेक्शन आफिसर ने भी लाडो से बातचीत की और उससे इस शादी की और उसकी उम्र से जुड़े कई चौंकाने वाले तथ्य हासिल किये जिसके बाद रेड पार्टी इस नतीजे पर पहुँची की अगर वह आने में देर कर देते तो बाल विवाह के नाम पर एक और नाबालिग की जिंदगी तबाह हो जाती।




 लाडो के मामले में सब से बड़ी कमी जो निकल कर सामने आई है वह है गरीबी, रेड पार्टी ने शादी तो रूकवा दी मगर कार्वाई के नाम पर मामला दर्ज कर कोर्ट के अगले निर्देशो तक छोड़ दिया है ऐसे में पुलिस द्वारा किसी को गिरफ्तार ना करना कहां तक जायज है। सावाल पैदा होते है कि क्या किसी को अपनी गरीबी को मजबूरी का नाम देकर एक इंसान की जिंदगी बर्बाद करने की छूट मिल जाती है अगर नही तो लाडो के मामले में कोई गिरफ्तारी क्यो नही की गई है।



        हरदयाल, पुलिस अधिकारी।   




                        विनोद  धीमान  सिटी न्यूज़ युमना नगर