Tuesday 30 April 2013

श्री कृष्ण करते हैं लोगों का बेड़ा पार CITY NEW YNR


श्री कृष्ण करते हैं लोगों का बेड़ा पार : अग्रवाल


श्री राधा-कृष्ण सखा मंडल वर्कशॉप द्वारा कराए जा रहे कार्यक्रम के पहले दिन भजन सम्राट विनोद अग्रवाल व बलदेव कृष्ण ने भजन वर्षा की। पहले दिन कार्यक्रम का शुभारंभ एचआर सरदाना व डॉ. रमेश कुमार ने की। भजन सुनने के लिए हजारों की संख्या में भक्त पूरे यमुनानगर व आसपास के जिला से पहुंचे थे। भजन सम्राट विनोद अग्रवाल के भजन सुनने के लिए शाम 6 बजे से ही भक्तों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। भीड़ इतनी थी कि पंडाल छोटा पड़ गया। 

कुछ रोज की जिंदगी है ढंग से जी लो : भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने कहा कि कुछ रोज की जिंदगी है इसे ढंग से जी लो। उन्होंने कहा कि भगवान के साथ हमें चलना चाहिए। यदि हम भगवान के बताए रास्ते पर चलेंगे तो वह भी हमारे साथ ही चलेंगे। यदि हम उसे अपनी सुनाएंगे तभी वे हमारी भी सुनेंगे। उन्होंने भजनों के माध्यम से भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने जहां ब्रजवासियों को भगवान का सबसे प्रिय बताया वहीं उन्होंने भगवान के बांके होने की भी गुणगान किया। जब तक भजन संख्या चलती रही तब तक महिला व पुरुष श्रद्धालु नाचते रहे। 
भजन संध्या में संस्कृति को बचाने का संदेश 
 श्री राधा कृष्ण सखा मंडल द्वारा विष्णुनगर में करायी जा रही भजन सर वर्षा में सिरसा से आए भजन गायक किशन दास ने यही संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हमें अपने बड़ों का सम्मान करना चाहिए। कृष्ण जी ने अपने माता-पिता को जो सम्मान किया। खुशी से नाचना अच्छी बात है। व्यक्ति जब भी खुश होता है तो वह नाचने लगता है। घर में कोई शादी समारोह हो तो हम डीजे की आवाज पर भी नाचते हैैं, लेकिन यदि हम डीजे में भगवान के गीत चलाकर नाचें तो हमारी संस्कृति भी बची रहेगी साथ ही हमारे संस्कार भी अच्छे होंगे। देर रात तक चली भजन संध्या में जहां श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया। 
वहीं पूरा क्षेत्र जय श्री राधे जय श्री कृष्णा के जयकारों से गुंज उठा। आयोजकों ने सभी भक्तों से आग्रह किया कि अपनी-अपनी क्षमता अनुसार कन्याओं की शादी के लिए दान जमा करवाएं। श्री राधा कृष्ण सखा मंडल के सदस्य सुशील अरोड़ा ने बताया कि पांच गरीब कन्याओं की शादी के लिए शहरवासियों द्वारा भरपूर सहयोग किया जा रहा है।
श्री राधा कृष्ण सखा मंडल द्वारा कराई जा रही भजन रस वर्षा संपन्न, 5 कन्याओं का सामूहिक विवाह हुआ 
श्री राधा कृष्ण सखा मंडल द्वारा करवाए जा रहे भजन रस वर्षा का समापन पांच कन्याओं के सामूहिक विवाह समारोह के साथ संपन्न हो गया।तीसरे दिन भजन गायिका अल्का गोयल ने भजन अमृत वर्षा की। भजन संध्या में मुख्य यजमान समाजसेवक गणेश गुप्ता, गजेंद्र कपूर, महेंद्र कुमार, दर्शन लाल व मदन मोहन अरोड़ा रहे। श्रद्धालुओं ने भजन संध्या का आनंद उठाया व दंपतियों को आशीर्वाद देकर उनके सुखी जीवन की कामना की। इसके साथ ही सामूहिक विवाह समारोह में आई बारात का स्वागत आयोजकों द्वारा किया गया। 
श्री राधा कृष्ण सखा मंडल द्वारा शादी में बर्तन, सिलाई मशीन, बिजली का चूल्हा, डिनर सैट, मिक्सी, कूकर, छत्त का पंखा, फर्राटा, प्रैस, चपाती बोक, वाटर कैंपर, दीवार की घड़ी, बाल्टी, गद्दे, रजाई, हैंड बैग, चांदी का मंगलसूत्र, पाजेब, सोने का कोका, लेडिज सूट, साड़ी, जैंटस सूट, चादर, तोलिए, दुपट्टे व मेकअप किट देकर कन्याओं की विदाई की गई। मौके पर सखा परिवार के सुशील कुमार अरोड़ा, तिलक राज, हरजीता नंद, दिनेश कुमार, राङ्क्षजद्र मोदी, नीतिन कुमार, राकेश शर्मा, प्रवीण कुमार, बलदेव राज, प्रमोद कथूरिया, राजू कथूरिया व अतुल चोपड़ा मौजूद रहे। 
इनका हुआ विवाह : कैंप निवासी दीप्ति, वर्कशाप निवासी रीना, अंबेदकर विहार निवासी पूजा, विष्णु नगर रेणु व अंबेदकर नगर की सीमा की शादी खारवन गांव के प्रदीप कुमार, रामपुर शाहा के विजय पाल, गांव कैल के जय किशन, फिरोजपुर पंजाब के हेत राम व मुस्तफाबाद के चरण ङ्क्षसह के साथ हुई। 





Sunday 21 April 2013

चूल्हे की रोटी का स्वाद ही न्यारा सै CITY NEWS YNR



  चूल्हे की रोटी का स्वाद ही न्यारा सै 
सब्सिडी के सिलेंडर कम करने से ग्रामीणों ने निकाला रास्ता, फिर से दिखने लग गए हैं घरों में मवेशी 
विनोद धीमान
जगाधरी वर्कशॉप। सरकार द्वारा सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडरों की संख्या सीमित करने से एक बार तो महिलाओं को जोर का झटका लगा था, लेकिन अब उन्होंने इसका भी तोड़ निकाल लिया है। गैस की जगह फिर से घर के आंगन में चूल्हा जल गया है। महिलाएं अब एलपीजी चूल्हे पर केवल नाममात्र का कार्य करती हैं और खाना बनाने का पूरा कार्य चूल्हे पर कर रहीं हैं। इससे पैसे की बचत तो हो ही रही है, साथ ही सिलेंडर खत्म होने के टेंशन से भी छुटकारा मिल गया है।
शहरी क्षेत्र की तर्ज पर देहात की महिलाएं घरेलू कार्य के लिए पूरी तरह से एलपीजी पर निर्भर हो चुकीं थीं। गांवों में भी चूल्हा बीते जमाने की बात बनकर रह गया था। सरकार द्वारा 21 दिन में उपभोक्ताओं को सब्सिडी पर सिलेंडर मुहैया करा दिया जाता था। अब सरकार ने अचानक प्रतिवर्ष केवल नौ सिलेंडर सब्सिडी पर देने का फैसला लिया है। खाना बनाने के लिए एलपीजी पर निर्भर रहने वाली महिलाओं ने सरकार को इसका जवाब दे दिया है। महिलाओं ने फिर से अपनी पुरानी परंपरा के मुताबिक चूल्हे पर खाना बनाना शुरू कर दिया है।
पैसे की बचत, टेंशन फ्री :
कैल गांव की शान्ती देवी ने बताया कि चूल्हे पर खाना बनाने के दो फायदे हैं। एक तो पैसे की बचत होती है, दूसरा सिलेंडर खत्म होने की परेशानी से छुटकारा मिल गया है। चूल्हे पर गैस की बजाय थोड़ा देरी से खाना जरूरत बनता है, लेकिन इसके लिए भी उन्होंने टाइम टेबल बना लिया है। जहां सुबह पांच बजे उठना पड़ता था, अब साढ़े चार बजे उठकर चूल्हा शुरू करना पड़ता है।
                                                                    चूल्हे का खाना है पौष्टिक 
कासंपुर की महिला इन्दु राणा ने कहा कि बेटा चूल्हे का खाना पौष्टिक होता है। गैस पर पकने वाली रोटी से मोटापा होता है। कुकर पर बनने वाली सब्जी से ज्यादा स्वाद सब्जी चूल्हे पर डेगची में बनने वाली सब्जी होती है। बीते दिनों की याद ताजा करते हुए कहा कि जब तैरे ताऊ घर आते थे तो चूल्हे के सामने बैठकर ही रोटी खाया करते थे। स्वाद-स्वाद में दो-तीन रोटी फालतू खा जाया करते। इब तो गैस की दो रोटी भी पूरा दिन कलेजे में धरी रहवै सै।
घरों में फिर आए पशु : 
ससोली गांव निवासी सीमा देवी ने कहा कि घरों में फिर से भैंस व गाय आ गई हैं। चूल्हे के लिए उपले और उपलों के लिए भैंस व गाय का गोबर चाहिए। इससे ग्रामीणों ने पशु रखने शुरू कर दिए हैं। पशु रखने से भी दो फायदे हैं। एक तो शुद्ध दूध घर का होता है और दूसरा उपले बनाने के लिए गोबर मिल जाता है।


चूल्हे की रोटी का स्वाद ही न्यारा सै CITY NEWS YNR



  चूल्हे की रोटी का स्वाद ही न्यारा सै 
सब्सिडी के सिलेंडर कम करने से ग्रामीणों ने निकाला रास्ता, फिर से दिखने लग गए हैं घरों में मवेशी 
विनोद धीमान
जगाधरी वर्कशॉप। सरकार द्वारा सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडरों की संख्या सीमित करने से एक बार तो महिलाओं को जोर का झटका लगा था, लेकिन अब उन्होंने इसका भी तोड़ निकाल लिया है। गैस की जगह फिर से घर के आंगन में चूल्हा जल गया है। महिलाएं अब एलपीजी चूल्हे पर केवल नाममात्र का कार्य करती हैं और खाना बनाने का पूरा कार्य चूल्हे पर कर रहीं हैं। इससे पैसे की बचत तो हो ही रही है, साथ ही सिलेंडर खत्म होने के टेंशन से भी छुटकारा मिल गया है।
शहरी क्षेत्र की तर्ज पर देहात की महिलाएं घरेलू कार्य के लिए पूरी तरह से एलपीजी पर निर्भर हो चुकीं थीं। गांवों में भी चूल्हा बीते जमाने की बात बनकर रह गया था। सरकार द्वारा 21 दिन में उपभोक्ताओं को सब्सिडी पर सिलेंडर मुहैया करा दिया जाता था। अब सरकार ने अचानक प्रतिवर्ष केवल नौ सिलेंडर सब्सिडी पर देने का फैसला लिया है। खाना बनाने के लिए एलपीजी पर निर्भर रहने वाली महिलाओं ने सरकार को इसका जवाब दे दिया है। महिलाओं ने फिर से अपनी पुरानी परंपरा के मुताबिक चूल्हे पर खाना बनाना शुरू कर दिया है।
पैसे की बचत, टेंशन फ्री :
कैल गांव की शान्ती देवी ने बताया कि चूल्हे पर खाना बनाने के दो फायदे हैं। एक तो पैसे की बचत होती है, दूसरा सिलेंडर खत्म होने की परेशानी से छुटकारा मिल गया है। चूल्हे पर गैस की बजाय थोड़ा देरी से खाना जरूरत बनता है, लेकिन इसके लिए भी उन्होंने टाइम टेबल बना लिया है। जहां सुबह पांच बजे उठना पड़ता था, अब साढ़े चार बजे उठकर चूल्हा शुरू करना पड़ता है।
चूल्हे का खाना है पौष्टिक 
कासंपुर की महिला इन्दु राणा ने कहा कि बेटा चूल्हे का खाना पौष्टिक होता है। गैस पर पकने वाली रोटी से मोटापा होता है। कुकर पर बनने वाली सब्जी से ज्यादा स्वाद सब्जी चूल्हे पर डेगची में बनने वाली सब्जी होती है। बीते दिनों की याद ताजा करते हुए कहा कि जब तैरे ताऊ घर आते थे तो चूल्हे के सामने बैठकर ही रोटी खाया करते थे। स्वाद-स्वाद में दो-तीन रोटी फालतू खा जाया करते। इब तो गैस की दो रोटी भी पूरा दिन कलेजे में धरी रहवै सै।
घरों में फिर आए पशु : 
ससोली गांव निवासी सीमा देवी ने कहा कि घरों में फिर से भैंस व गाय आ गई हैं। चूल्हे के लिए उपले और उपलों के लिए भैंस व गाय का गोबर चाहिए। इससे ग्रामीणों ने पशु रखने शुरू कर दिए हैं। पशु रखने से भी दो फायदे हैं। एक तो शुद्ध दूध घर का होता है और दूसरा उपले बनाने के लिए गोबर मिल जाता है।


Wednesday 3 April 2013

डीसी विधायकों से मिलने की बजाए अपने कार्यालय में ही नहीं पहुंचे।CITY NEWS YNR


 डीसी विधायकों से मिलने की बजाए अपने कार्यालय में ही नहीं पहुंचे


जिले के विकास के मुद्दे को लेकर एक बार फिर से इनेलो विधायक आज डीसी से मिलने लघु सचिवालय पहुंचे। पहले की तरह इस बार भी डीसी विधायकों से मिलने की बजाए अपने कार्यालय में ही नहीं पहुंचे। करीब आधा घंटे इंतजार करने के बाद डीसी के स्थान पर एडीसी ने विधायकों से मुलाकात कर उन्हें हर कार्य के बारे में बताने के लिए शुक्रवार तक का समय मांगा। इस पर इनेलो विधायकों ने साफ कहा कि वह अब के बाद प्रशासन के पास नहीं आएंगे। बल्कि यदि प्रशासन ने उनकी व जनता की सुनवाई नहीं की तो वह जनता के साथ सडक़ों पर उतर जाएंगे।



विधानसभा में स्पीकर द्वारा की जाने वाली अनदेखी की टीस डीसी से मिलने पहुंचे इनेलो विधायकों के मुंह से बाहर निकल ही आई। डीसी की गैर मौजूदगी में एडीसी से बात करते हुए इनेलो विधायक बोल ही पड़े की विधानसभा में स्पीकर उनकी नहीं सुनता। यहां पर डीसी उनकी नहीं सुनते। ऐसे में वह जनता को कैसे जवाब दे। इतना ही नहीं करीब आधे घंटे तक डीसी कार्यालय में बैठकर डीसी का इंतजार किए जाने के बाद भी जब कोई अधिकारी वहां नहीं पहुंचा तो इनेलो विधायक बीएल सैनी ने मुख्य सचिव कार्यालय पर टेलीफोन कर उनसे बात करने का प्रयास किया, लेकिन वह भी बाहर गए हुए थे। ऐसे में इनेलो विधायक फिर से प्रधान सचिव विनित गर्ग को नंबर पता कर उनसे बात करने का प्रयास करने लगे, लेकिन इसी बीच एडीसी वहां पहुंच गए। एडीसी के पहुंचने पर इनेलो विधायकों ने इसे डीसी का ड्रामा बता दिया।


एडीसी से बातचीत में विधायकों ने कहा कि डीसी खुद टाइम देने के बाद उनसे मिलते नहीं है। क्या वह विधायकों को कुछ नहीं मानते? इस पर एडीसी ने उन्हें समझाने का प्रयास किया तो इनेलो विधायक दिलबाग सिंह ने उन्हें अपना असली रोल दिखाने तक की बात कह दी। इतना ही नहीं जब इनेलो विधायक ने हाइवे पर पैच वर्क का काम किए जाने की बात कहकर वहां कुछ न होने की बात कहते हुए सरकारी कागज एडीसी को दिखाए तो एडीसी भी अधिकारी के बचाव में बोलते नजर आए। ऐसे में इनेलो विधायक एक बार फिर से इस बात पर भडक़ गए।

इनलो विधायक ने साफ कह दिया कि इस बार उन्होंने प्रशासन से आखिरी मुलाकात कर उन्हें विकास कार्य करने का मौका दिया है। अब शुक्रवार के बाद प्रशासन से कोई बात नहीं की जाएगी। यदि शुक्रवार तक प्रशासन ने अपनी स्थिति साफ नहीं की तो अब सडक़ों पर उतरकर अपना हक मांगा जाएगा। विधायकों ने साफ कहा कि हरियाणा में सरकार व प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। विधानसभा में स्पीकर उन्हें सस्पेंड कर बाहर निकाल देता है, जिससे उन्हें बोलने का मौका नहीं मिलता। यहां पर डीसी भी उनसे नहीं मिलता। हर बार प्रशासन केवल आश्वासन ही देता है।

 आज डीसी के ध्यान में नहीं रहा था कि उन्होंने विधायकों को समय दिया है। अचानक ही उन्हें मीटिंग में जाना पड़ गया। प्रशासन शुक्रवार तक हर काम की स्टेट्स रिपोर्ट विधायकों को दे देगा। ऐसा नहीं है कि विकास कार्य नहीं हो रहा। अलबत्ता कुछ कम गति से कार्य हो रहे है, जल्द ही जिले की तस्वीर बदल जाएगी।