डीसी विधायकों से मिलने की बजाए अपने कार्यालय में ही नहीं पहुंचे
जिले के विकास के मुद्दे को लेकर एक बार फिर से इनेलो विधायक आज डीसी से मिलने लघु सचिवालय पहुंचे। पहले की तरह इस बार भी डीसी विधायकों से मिलने की बजाए अपने कार्यालय में ही नहीं पहुंचे। करीब आधा घंटे इंतजार करने के बाद डीसी के स्थान पर एडीसी ने विधायकों से मुलाकात कर उन्हें हर कार्य के बारे में बताने के लिए शुक्रवार तक का समय मांगा। इस पर इनेलो विधायकों ने साफ कहा कि वह अब के बाद प्रशासन के पास नहीं आएंगे। बल्कि यदि प्रशासन ने उनकी व जनता की सुनवाई नहीं की तो वह जनता के साथ सडक़ों पर उतर जाएंगे।
विधानसभा में स्पीकर द्वारा की जाने वाली अनदेखी की टीस डीसी से मिलने पहुंचे इनेलो विधायकों के मुंह से बाहर निकल ही आई। डीसी की गैर मौजूदगी में एडीसी से बात करते हुए इनेलो विधायक बोल ही पड़े की विधानसभा में स्पीकर उनकी नहीं सुनता। यहां पर डीसी उनकी नहीं सुनते। ऐसे में वह जनता को कैसे जवाब दे। इतना ही नहीं करीब आधे घंटे तक डीसी कार्यालय में बैठकर डीसी का इंतजार किए जाने के बाद भी जब कोई अधिकारी वहां नहीं पहुंचा तो इनेलो विधायक बीएल सैनी ने मुख्य सचिव कार्यालय पर टेलीफोन कर उनसे बात करने का प्रयास किया, लेकिन वह भी बाहर गए हुए थे। ऐसे में इनेलो विधायक फिर से प्रधान सचिव विनित गर्ग को नंबर पता कर उनसे बात करने का प्रयास करने लगे, लेकिन इसी बीच एडीसी वहां पहुंच गए। एडीसी के पहुंचने पर इनेलो विधायकों ने इसे डीसी का ड्रामा बता दिया।
एडीसी से बातचीत में विधायकों ने कहा कि डीसी खुद टाइम देने के बाद उनसे मिलते नहीं है। क्या वह विधायकों को कुछ नहीं मानते? इस पर एडीसी ने उन्हें समझाने का प्रयास किया तो इनेलो विधायक दिलबाग सिंह ने उन्हें अपना असली रोल दिखाने तक की बात कह दी। इतना ही नहीं जब इनेलो विधायक ने हाइवे पर पैच वर्क का काम किए जाने की बात कहकर वहां कुछ न होने की बात कहते हुए सरकारी कागज एडीसी को दिखाए तो एडीसी भी अधिकारी के बचाव में बोलते नजर आए। ऐसे में इनेलो विधायक एक बार फिर से इस बात पर भडक़ गए।
इनलो विधायक ने साफ कह दिया कि इस बार उन्होंने प्रशासन से आखिरी मुलाकात कर उन्हें विकास कार्य करने का मौका दिया है। अब शुक्रवार के बाद प्रशासन से कोई बात नहीं की जाएगी। यदि शुक्रवार तक प्रशासन ने अपनी स्थिति साफ नहीं की तो अब सडक़ों पर उतरकर अपना हक मांगा जाएगा। विधायकों ने साफ कहा कि हरियाणा में सरकार व प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। विधानसभा में स्पीकर उन्हें सस्पेंड कर बाहर निकाल देता है, जिससे उन्हें बोलने का मौका नहीं मिलता। यहां पर डीसी भी उनसे नहीं मिलता। हर बार प्रशासन केवल आश्वासन ही देता है।
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