यमुनानगर (विनोद धीमान)। इस्कॉन प्रचार समिति यमुनानगर जगाधरी द्वारा सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा में दूसरे दिवस की कथा में कथा व्यास इस्कॉन कुरुक्षेत्र के अध्यक्ष श्रीमान साक्षी गोपाल दास प्रभु जी ने बताया कि भगवान कह रहे हैं जिसे भी इस भौतिक संसार में सुखी रहना है उसे यज्ञ करना होगा।
भगवान अर्जुन को कह रहे हे कि अर्जुन तुम अपने कर्मों को यज्ञ में बदल दो अगर तुमने अपने कर्मों को यज्ञ में नहीं बदला तो तुम चाहे कितना भी उतम कर्म कर लो वो कर्म तुम्हे इस भौतिक संसार में बांध कर रखेगा।
यज्ञ उन कर्मों को कहते है जो कर्म हम भगवान विष्णु की प्रसन्नता के लिए करते है और जो कर्म अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए करते है उसे कर्म कहते है। भगवान कहते है कि जो भक्त अपने जीवन के सारे कार्य मेरी प्रसन्नता के लिए करता है उस बचाने में रंच मात्र भी देरी नहीं करता।
भगवान कहते है काम, क्रोध, लोभ ये नर्क के तीन दरवाजे हैं। कभी भी किसी को इन तीनों के अधीन नहीं रहना चाहिए इनका परित्याग कर देने चाहिए। प्रतिदिन कथा उपरांत सभी भक्तों के लिए भंडारे की व्यवस्था की गई हैं ।
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