यमुनानगर के गांव पंजुपुरा में चल रही राम कथा में पाँचवे दिन कथा वाचक संदीप कृष्ण शास्त्री ने राम विवाह का प्रसंग की कथा का स्वर्ण श्रद्धलुओ को कराया जिसका की उपस्थित संगत ने बहुत आनन्द लिया और राम सीता की झांकी को देख भगत प्रफुलित हो उठे वही हर साल की तरह इस साल भी कथा का आनन्द लेने आसपास के लोगो यहा पहुच रहे है और खूब आनन्द ले रहे है।
हर साल की तरह इस साल भी यमुनानगर के गांव पजुपुरा के हनुमान मंदिर में राम कथा का आयोजन मन्दिर के महंत श्री बाल कृष्ण जी की और से कराया जा रहा है जिसमे वृन्दावन से आये सन्दीप कृष्ण शास्त्री भक्तो को राम कथा का स्वर्ण करा रहे है पाँचवे दिन की कथा में राम विवाह का प्रसग की कथा में शास्त्री जी ने बताया की राजा जनक का दरबार सजा हुआ है और बड़े बड़े राजा दरबार में बेठे है और जनक की पुत्री सीता जी से विवाह करने के लिये बेठे है और सीता के द्वारा रखेगे धनुष को तोड़ने का प्रयास कर रहे है
पर कोई भी उसे उठाने में कायब नही हो रहा है जिससे राजा जनक उदास हो गए क्या कोई भी राजा ऐसा नही जो उसकी पुत्री के वर के योग्य नही है आखिर इस बात को लक्ष्मण ने भाप लिया जेसे ही लक्ष्मण बोलने के लिये खड़े हुये और बोले अगर राम जी की आज्ञा मिल जाये तो धनुष का चीज है में ब्रमांड को उठा लु पर बड़े भाई के होते में ऐसा करूँ शोभा नही देता तब लक्ष्मण ने कहा मेरा गुस्से से लाल हो रहा हु और आप बेठे हो तब राम जी गुरु विश्वामित्र की और देखा जेसे वो कहा रहे हो की उठो राम और धनुष को तोड़ो तब राम जी उठे और धनुष को हाथ में उठा और उसे तोड़ दिया जिसके बाद रामजी का विवाह सीता से हो गया।
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