हैल्दी दांत ही डॉ. मानसी का मिशन
कई पुरस्कारों से नवाजी जा चुकी हैं
यमुनानगर। ‘पापा हॉस्टल अलाउ नहीं करते थे। एरिया में कोई अच्छा प्राइवेट स्कूल भी नहीं था। इसके चलते 12वीं तक गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंड़री स्कूल फाजिल्का में पढ़ाई की। गवर्नमेंट स्कूल्स में व्याप्त व्यवस्था को जितनी अच्छी तरह से मैं समझ सकती हूँ शायद ही कोई और समझे। यही कारण है कि आज मैं अपने डाक्टरी के पेशे के व्यस्त शेड्यूल में से समय निकालकर गवर्नमेंट स्कूल्स के बच्चों के लिए समय निकालती हूं’, यह कहना है समाज सेवा के बल पर समाज में अपनी अलग पहचन बना चुकी यमुनानगर की यंग एचिवर डेंटिस्ट डॉ. मानसी अबोहरी का।
32 वर्षीय डॉ. मानसी गवर्नमेंट स्कूल्स के बच्चों के डेंटल हैल्थ को लेकर इतनी पैशॉनेट है कि वह पिछले 7-8 सालों में 105 निशुल्क डेंटल चेकअप कैंप लगाकर गवर्नमेंट स्कूल्स के 10 हजार बच्चों का फ्री ट्रीटमेंट कर चुकी हैं। वह इस मिशन को ताउम्र चालू रखना चहती है।
डॉ. मानसी के मुताबिक वह चाहते हुए भी गवर्नमेंट स्कूल्स में इंफ्रास्ट्रक्चर तो उपलब्ध नहीं करवा सकती, परंतु एक डेंटिस्ट होने के नाते उन्होंने संकल्प लिया है कि गवर्नमेंट स्कूल्स के ज्यादा से ज्यादा बच्चों के दांत हैल्थी हो। इस मिशन को सक्शेस करने के लिए वह अब तक 10 हजार स्कूली बच्चों के दांतों का फ्री ट्रीटमेंट कर चुकी हूं। इसके लिए उन्होंने गवर्नमेंट से कोई फाइनेंशियल हैल्प भी नहीं ली है।
बेसिकली पंजाब के फालिल्का टाउन से बिलॉंग करने वाली डॉ. मानसी 2002 में यमुनानगर के डेंटिस्ट डॉ. भानू अबोहरी से शादी करने के बाद से यमुनानगर में ही सैटल है। यहां वह अपने क्लीनिक के व्यस्त समय में से महीने में दो दिन स्कूल्स में कैंप लगाने के लिए निकालती है।
हालांकि डॉ. मानसी एक डाक्टर फेमिली से बिलॉंग करती है परंतु उन्होंने बाबा फरीद यूनिवर्सिटी आफ हैल्थ साइंसेज से बीडीएस इसलिए की है कि वह अपने पैरों पर खड़ी हो सके। उनका मानना है कि महिलाओं को पढ़ाई के मामले में बिल्कुल भी कंप्रोमाइज नहीं करना चाहिए। उन्हें ऐसी एजेकुशन लेनी चाहिए जिसके बल पर वह अपने पैरों पर खड़ी हो सकें। जीवन में कई बार ऐसे क्षण भी आते हैं कि परिवार की पूरी जिम्मेदारी महिला के ऊपर आ जाती है। यदि वह अपने पैरों पर खड़ी हो तो ऐसी जिम्मेदारी को वह बाखूबी निभा सकती है।
बच्चों के हैल्थी दांतों के मिशन के अलावा डॉ. मानसी का एक ओर ड्रीम प्रोजेक्ट है। वह अपने रिसोर्सेज से गरीब छोटे बच्चों के लिए एक स्कूल खोलना चाहती है, जिसमें बच्चे स्टडी कर शुरू से ही अपने पैरों पर खडेÞ होने की भविष्य में प्लान कर सके।
‘जब भी मैं गवर्नमेंट स्कूल्स में जाती हूं मेरी आत्मा मुझे गरीब बच्चों के लिए कुछ खास करने के लिए कटोचती है। इसलिए मंने एक छोटे बच्चों के लिए छोटा सा स्कूल बनाने की ठानी है। इस प्रोजेक्ट को हकीकत बनने में अभी लगभग टू ईर्य्स का टाइम लगेगा। मेरी एक इच्छा और है कि सभी गवर्नमेंट सर्वेंट्स के बच्चे गवर्नमेंट स्कूल्स में पढ़ाने कंपल्सरी हो। यदि ऐसा हो जाता है तो गवर्नमेंट स्कूल्स के माहौल में और सुधार होगा और देश में एक नए • भारत की तस्वीर बनेगी’
डॉ. मानसी को उनके उत्कृष्ठ कार्या के लिए वरिष्ठ नागरिक संस्था डे केयर क्लब, सीनियर सिटीजन काउंसिल, आउट सटेंडिंग विमन एचिवमेंट अवार्ड, कुमारी सेलजा द्वारा महिला सशक्तिकरण अवार्ड, तमिलनाडू के पूर्व गवर्नर भीष्ण नारायण सिंह व उड़ीसा के पूर्व गवर्नर सईद सिबती रजी द्वारा राष्ट्रीय अवार्ड समेत अनेक संस्थाएं उन्हें सम्मानित कर चुकी है।