कार्रवाई नहीं, अब करूंगी आत्मदाह
पिता के शराब की लत से परेशान होकर कई जगह लगाई युवती ने गुहार
विनोद धीमान
कहते है कि घर के मुख्या परिवार की रीढ़ की तरह काम करता है। लेकिन यदि मुख्या ही गलत राह पर चल पडेÞ तो यही रीढ़ कमजोर होकर खोखली होने लगती है। वहीं, परिवार में घरेलु परेशानियों का खामियाजा अन्य सदस्यों को उठाना पड़ता है। ऐसा ही एक किस्सा गांव हरनौल के परिवार में हुआ, जिस पर परिवार की एक युवती ने पत्राचार के माध्यम से अलग-अलग आलाधिकारियों से लेकर मंत्रियों तक गुहार लगाई। गुहार के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर अब युवती परेशान होकर आत्मदाह करने की बात कह रही है।
गांव हरनौल निवासी गुरमीत देवी ने बताया कि उसके परिवार में उसके पिता अत्याधिक शराब पीने के आदि है। जो उन्हें 13 साल पहले घर छोड़कर उनसे अलग हो गए। जिसके बाद परिवार की खुशियां भी धीरे-धीरे खत्म होने लगी। उसने बताया कि जैसे ही पिता घर छोड़कर चले गए तो परिवार में वह और उसके तीन भाई व मां परिवार में रह गए। परिवार की आमदन का कोई साधन नहीं रहा था, फिर कुछ समय बाद उसकी मां का भी देहांत हो चला। जिसके बाद अब वह और उसके छोटे भाई रह गए थे। किसी तरह व और उसके भाई घर चला रहे है। उसने बताया कि उसकी ही तरह घरेलु परेशानियों व शराब के सेवन से उजड़ते परिवारों की पुर्नवृति न हो इसके लिए उसने आलाअधिकारियों से मंत्रियों तक महिलाओं के उचित पालन-पौषण की गुहार लगाई। जिसमें उसने ग्रामीण स्तर पर शराबी परिवार की महिलाओं के लिए अलग से सुविधा का प्रबंध किए जाने की कोई सरकारी योजना लागू किए जाने की मांग की। उसने बताया कि उसने मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री व अन्य मंत्रियों को भी पत्राचार के माध्यम से यह मांग रखी, लेकिन ऐसा करते हुए उसे दो साल होने को है। लेकिन अब तक उसकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया और न ही कोई जवाब भी आया। इसी कारण अब उसने हताश होकर आत्मदाह करने की बात कहते हुए उसने कहा कि या तो राष्टÑपति उसे खुद आकर मिले या फिर उसकी मांग को लागू किए जाने के बारे में निर्णय लिया जाए। गुरमीत ने बताया कि जहां एक ओर सरकार महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए पे्ररित कर रही है, तो वहीं गांवों में इनकों जागरुक करने के लिए सरकार की ओर से कोई भी कार्य नहीं किया जा रहा है। आज के समय में जहां देश की भाग-डोर जहां एक महिला राष्टपति के हाथ में है। वह भी हम जैसी महिलाओं के बारे में ऐसा कोई कानून पास क्यों नहीं करती? जिससे शराबी परिवारों की महिलाओं को राहत मिल सके।
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