Monday, 5 March 2012

मैली न रहेंगी अब यमुना की धारा! CITY NEWS YNR



                           मैली न रहेंगी अब यमुना की धारा!
सुप्रीम कोर्ट ने दिया दिल्ली के अलावा हरियाणा व यूपी को छह सप्ताह का                                            समय दिए समय में पेश करना होगा हल्फनामा 
विनोद धीमान
जगधरी वर्कशाप। शायद! अब यमुना की धारा मैली न रहे। देवी समान पूजनीय इस नदी की धारा को स्वच्छ रखने की कवायद शुरु होने वाली है। ऐसा ही कुछ सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद होता दिखाई दे रहा है। जिसमें कोर्ट ने यमुना नदी के संदर्मे दिल्ली के अलावा हरियाणा व उत्तरप्रदेश से यमुना की धारा को स्वच्छ रखे जाने की क्या प्रयास हो रहे है? इस संबंध में छह सप्ताह के अंतराल में रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
बता दें कि, यमुना नदी पहाड़ी क्षेत्रों से बहकर मैदानी क्षेत्रों से बहते हुए प्रदेश में सर्वप्रथम जिला यमुनानगर आकर गिरती है। यहीं से इस यमुना की स्वच्छ धारा यूपी व हरियाणा की सीमा से होते हुए दिल्ली की ओर बहती है। इन्हीं क्षेत्रों में लाखों लोगों की आबादी को आबाद कर रही इस नदी को लगातार अनदेखा किया जा रहा है। इसी का नतीजा है कि नदी में आज प्रदुषण अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया है। इसी को मद्देनजर रखते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा कड़े आदेश दिए है कि यमुना की धारा को स्वच्छ रखने के लिए क्या कयास किए जा रहे है? इसमें तमाम कार्यों का हल्फनामों दोनो प्रदेशों व दिल्ली सरकार से छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। कोर्ट के आदेशों के बाद सिंचाई विभाग व प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड हरकत में आने लगे है। दोनों ही विभागों को उक्त आदेशों की पालना करते हुए अपने-अपने क्षेत्रों में यमुना की धारा को स्वच्छ रखना है। तो दोनों ही विभागों द्वारा उन्हें मिले छह सप्ताह के समय के धीरे-धीरे बीतने पर चुस्ती  दिखानी शुरु कर दी गई है।
प्रदेश में प्रवेश पर ही होने लगती  मैली
अपने राज्य के बाद यमुना नदी जब दूसरे राज्यों में प्रवेश करती है। तो नदी का पहला पड़ाव जिला यमुनानगर ही माना जाता है। ऐसे में जिला यमुनानगर में 12 लाख से अधिक आबादी व उस पर हजारों औद्योगिक ईकाइयां से लगातार यमुना नदी में प्रदुषण को बढ़ावा मिल रहा है। जिसमें सबसे अधिक ट्विनसिटी  जगाधरी व यमुनानगर में व्यवसायिक गतिविधियों के चलते साथ लगती यमुना में लगातार गंदगी व विषेले रासायन गिराए जा रहे है। जहां मेटलनगरी जगाधरी में 800 छोटी बड़ी बर्तन बनने संबंधित औद्योगिक ईकाइयां है, जिनसे लगातार तेजाबी पानी व कई कैमिकल युक्त गंदगी निकल रही है। इसके अलावा यमुनानगर शहर में प्लाईवुड से संबंधित 500 से अधिक औद्योगिक ईकाइयों से भी  लगातार कैमिकल युक्त पानी निकल रहा है। दोनों ही के जरिए निकल रहे रासायन व गंदगी नालों  के जरिए सीधे-सीधे यमुना में गिर रहे है।
ट्रीटमेंट योजना भी  यमुना को बचाने में फैल
स्वच्छता एंव जलापूर्ति विभाग द्वारा जिला यमुनानगर में यमुना की धारा को स्वच्छ रखने के लिए यूं तो यमुना एक्शन प्लान के तहत करोड़ों रुपए खर्च किए गए है। जिसमें अधिक्तम प्रदुषण वाले स्थान ट्विनसिटी जगाधरी व यमुनानगर में दो स्थानो पर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए। जिसमें एक कैंप  व तीर्थ नगर पुल समीप लगाया गया है। जिनमें एक की 10 एमएलडी व दूसरे की 25 एमएलडी क्षमता है। दोनों प्लांट सीवेरेज से निकलने वाली गंदगी व प्रदुषण को दूर करने के लिए लगाए गए थे। किंतु इनमें से कैंप में लगाया गया प्लांट यमुना को स्वच्छ रखने में नाकाम साबित हो रहा है। क्योंकि विभाग की लापरवाही के चलते ट्रीटमेंटर प्लांट के साथ जाते शहर के सबसे बड़े नाले को सीधे-सीधे यमुना नदी में छोड़ दिया गया है। जिससे यह कई किलो मीटर लंबाई तय कर शहर की गंदगी व प्रदुषण युक्त पानी लगातार यमुना नदी में गिरा यमुना को मैला किए जा रहा है। इसी प्रकार तीर्थनगर स्थित लगाया गया ट्रीटमेंट प्लांट की हालत भी  दयनीय है।

यमुना में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए एक ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाने व एक 40 एमएलडी का नया प्लांट लगाने के लिए जिस पर 200 करोड़ रुपए खर्च किया जाना है। उसका बजट बनाकर उच्चाधिकारियों को •ोजा गया है।
मदनलाल, एक्सईएन, यमुना एक्शन प्लान।

शहरों के बाद अब कस्बों में भी  प्रदूषण को रोकने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की योजना बनाई जा रही है। साथ ही जो नाले व सीवर सीधे यमुना नहर व नदी में गिर रहे है। उन्हें भी  किसी ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से गंदगी दूर कर यमुना में छोड़े जाने के लिए दिशा-निर्देश दिए है। ताकि लगातार बढ़ रहे यमुना नदी में प्रदूषण पर नियंत्रण रखा जा सकें।
सीवी सिंह, रिजनल आफिसर, प्रदुषण कंट्रोल बोर्ड





















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