Sunday, 24 February 2013

सेमीनार में छात्राओं को दिए हेयर कलरिंग के गुर CITY NEWS YNR




    सेमीनार में छात्राओं को दिए हेयर कलरिंग के गुर

यमुनानगर। डीएवी गल्र्स कालेज में रूप सज्जा विभाग व हाइजेनिक रिसर्च इंस्टीट्यूट मुंबई के संयुक्त तत्वावधान में एडवांस हेयर कलर, रिबांडिंग व स्पा पर सेमीनार का आयोजन किया गया। जिसमें सैयद शाह फैजल़ ने छात्राओं को विस्तार से जानकारी दी। सेमीनार में कालेज की करीब ६० छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विमेन स्टडी सेंटर की निदेशिका डा. विश्व मोहिनी ने की। मौके पर रूप सज्जा विभाग के प्राध्यापक मनिंदर शर्मा उपस्थित रहे।


फैजल़ ने कहा कि आमतौर पर लोगों में धारणा है कि कलर करवाने से बाल सफेद व क्षतिग्रस्त होना शुरू हो जाते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। बाल खराब होने के बहुत सारे कारण है। उन्होंनें बताया कि अत्याधिक समय तक धूप में रहने से बालों पर विपरित असर पड़ता है। इसके अलावा धूल, मिट्टी व अत्याधिक नमी भी बालों को नुकसान पहुंचाती है। वंशानुगत व काफी समय तक बीमार रहना भी बालों का सफेद होना भी एक कारण बताया गया है। उन्होंने कहा कि अगर बालों की किस्म के मुताबिक शैंपू व कंडीशनर का इस्तेमाल किया जाए, तो बालों को नुकसान नहीं पहुंचता है। उन्होंने छात्राओं को समुथनिंग व रिबांडिंग के अंतर के बारे में विस्तार से जानकार दी। उन्होंने बताया कि बालों से संबंधित उपरोक्त समस्याओं के समाधान के लिए ब्रांडेड कंपनी के प्रोडक्टस का इस्तेमाल करके निजात पाई जा सकती है। आज के युवाओं में ग्लोबल कलर और कलर ग्रेडेशन की डिमांड सबसे ज्यादा है। मानसून के दौरान स्किन पर डॉर्क चॉकलेट कलर, रेड कलर, मॉकाज़ कलर सबसे ज्यादा सुंदर लगते हैं। इन कलर्स के जरिए खूबसूरती में चार चांद लगाए जा सकते हैं। सेमीनार के दौरान कलर हाइलाइट्स की विस्तार से जानकारी दी। इसके अलावा उन्हें प्रैक्टिकल रूप में करके दिखाया। रूप सज्जा विभाग की अध्यक्षा रितू शर्मा व प्राध्यापक मनिंदर शर्मा ने कहा कि कार्यक्रम का मु य उद्देश्य प्रतिभागियों को ज्ञानवद्र्धन करना रहा। आने वाले दिनों में भी इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। सेमीनार को सफल बनाने में ब्यूटी कंसलट ईश अरोड़ा, बिजनेस डेवलेपमेंट ऑफिसर संजय पाल व करण कुमार ने सहयोग दिया। मौके पर रमन मेहता, नेहा राणा व मनीषा आनंद उपस्थित रहीं।



Friday, 22 February 2013

साइंस के प्रति बढ़ाया छात्राओं का रूझान CITY NEWS YNR




                   साइंस के प्रति बढ़ाया छात्राओं का रूझान
 
             राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में डीएवी में हुआ कार्यक्रम

यमुनानगर। डीएवी गल्र्स कालेज मे फिजिक्स विभाग द्वारा राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में एक्सटेंशन लेक्चर का आयोजन किया गया। जिसमें कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के फिजिक्स विभाग से आए डा. आरके मौदगिल, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से आई डा. सुमन बाला बेरी व डा. केया धर्मवीर ने छात्राओं को विज्ञान से जुड़े विभिन्न विषयों पर विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता फिजिक्स विभागाध्यक्षा डा. मंजू खन्ना ने की। यह कार्यक्रम नोबल पुरस्कार विजेता भारतीय वैज्ञानिक डा. रमन की खोज स्कैटरिंग ऑफ लाइट बाइ लिक्विड्स के संदर्भ में किया गया।
डा. आरके मौदगिल ने छात्राओं को एलीमेंट्री क्वांटम मैकनिक्स के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने क्लासिकल मैकेनिक्स की सीमाएं व क्वांटम मैकनिक्स की उत्पत्ति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके अलावा उन्होंने बताया कि क्वांटम मैकनिक्स के बिना कैसे साइंस की सभी विधाएं अधूरी है। उन्होंने स्लाइड के जरिए प्रोजेक्टर पर छात्राओं को समझाया और साथ ही उनकी शंकाओं का निवारण किया। डा. सुमन बाला बेरी ने बोहर अटॉमिक थ्यूरी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही उन्होंने अपने लार्ज हड्रोन कोलाइडर प्रोजेक्ट में हुई हिग्स बोसोन की उत्पत्ति के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। इसके उपरांत डा. केया धर्मवीर ने विज्ञान क्षेत्र में वि  न्न महान वैज्ञानिकों के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक नील्स बोहर, अलबर्ट आइंसटीन व इस्जैक न्यूटन इत्यादि द्वारा दिए गए योगदान को ताउम्र याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि साइंस के क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए अपार संभावनाएं हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि कैसे छात्राएं विज्ञान विषय में उच्च शिक्षा व रिसर्च में अपना कैरियर बना सकती है।


डीएवी गल्र्स कालेज फिजिक्स विभागाध्यक्षा डा. अंजू खन्ना ने कहा कि कार्यक्रम का मु य उद्देश्य छात्राओं की विज्ञान विषय के प्रति रूचि बढऩा था। ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्राओं का ज्ञानवर्धन हो सकें। छात्राएं विज्ञान विषय को कैरियर के रूप में चयन कर सकें। उन्होंने कहा कि  कार्यक्रम के दौरान एक्सपट्र्स ने छात्राओं द्वारा पूछे गए सवालों का बड़ी सहजता से उत्तर दिया और उनकी शंकाओं को दूर किया। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में भी इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। डा. खन्ना ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में फिजिक्स विभाग की प्राध्यापिका समता शर्मा, प्राध्यापक सुशील शर्मा, सूर्यकांत शर्मा, नीरज शर्मा, दीपिका शर्मा, ज्योति शर्मा, सुमन बाला, पूनम गांधी, नीतू कांबोज, ललिता गेरा, कविता ने सहयोग दिया।


Wednesday, 20 February 2013

चार दीवारी में कैद हो कर गया परिवार CITY NEWS YNR


               चार दीवारी में कैद हो कर गया परिवार 



 जिसका कोई नही है उसका तो ख़ुदा  है यारों यह गाना तो आम आदमी की जुबान पर है लेकिन ऐसा ही हो रहा है यमुनानगर के गांव महेश्वरी ने यहा के एक सरपंच ने एक दलित परिवार के घर से बाहर निकलने का रास्ता ही बंद कर दिया है घर के आगे खडी कर दी है दीवार पर अब इस परिवार के लोगों का सहारा बनी है मदिर की दीवार जिसे फांद कर ही यह लोग अपने घरों से बाहर निकल रहे है
हालाकि मामला प्रशासन की नजर में है लेकिन समाधान अभी तक नही निकल पाया 

किसी को अगर उसको घर में ही कैद कर दिया जाए तो उस आदमी पर क्या गुजरेगी जिसका पूरा परिवार ही चार दीवारी में कैद हो कर रह गया हो सुन कर तो हर आदमी को हैरानी होती है लेकिन यह हक्कित है और मामला है यमुनानगर जिले के गांव महेश्वरी का यहा एक दलित परिवार के घर से बाहर निकलने के रास्ते पर ही चार दीवारी खडी कर दी है दराअस्ल महेश्वरी निवासी गुरदयाल सिंह अपने पूरे परिवार के साथ इसी गांव में 35 साल से रह रहा था और तब से ही इसने इसी जगह पर अपना मकान बना रखा था लेकिन कुछ समय पहले जिस रास्ते से यह लोग अपने घर से बाहर निकलते थे उस रास्ते पर गांव के सरपंच ने दीवार खडी कर दी दराअस्ल गांव में आपसी रंजिश के कारण तो यह दीवार हो गई लेकिन अब इस दीवार को लेकर तरहा तरहा की सफाई दी जा रही है क्योंकि एक तरफ पीडित परिवार के लोग सरपंच पर आरोप लगाते हुए यह कह रहे है कि सरपंच को बार बार आग्रह करने के बाद भी सरपंच ने उनकी एक नही सुनी और जो रास्ता उनके घर को जाता था उस पर दीवार खडी कर इन लोगों को घर में ही नजरबंद कर दिया है जबकि घर में पीने के पानी का कनेक्शन भी काट दिया है यहा तक कि घर से बाहर आने वाला गंदा पानी की निकासी पर भी रोक लगा दी है पीडित परिवार का आरोप है कि अब इन लोगों का सहारा भी भगवान ही बने हुए है क्योंकि जिस दीवार को फांद कर यह लोग अपने घर से बाहर जाते है वह दीवार भी एक मंदिर की ही है और यदि मंदिर की दीवार भी उंची कर दी गई तो इन लोगों का घर से बाहर निकलना भी बहुत मुशिकल हो जाएगा  
 पीडित परिवार यहा दुहाई दे रहा है कि उसे घर से बाहर निकलने के लिए सरपंच कुछ रास्ता दे दे तो वही सरपंच ने उन्हें घर से बाहर निकलने का रास्ता तक नही दिया लिहाज पिछले कुछ दिनों में हुई जमकर बरसात में इन लोगों के घरों में पानी भर गया यहा तक उस पानी में रहने के बाद इनकी एक गाय भी बीमार हो गई जिसका सही इलाज न हो पाने के कारण उसकी भी मौत हो गई हालाकि गाय की मौत के बाद इन लोगों को उसे भी जब घर से बाहर भेजना पडा तो वह भी दीवार के सहारे ही इस पूरे मामले में एक तरफ सरपंच तो कह रहा है कि उसने अपने उच्च अधिकारियों के द्वारा भेजी गई ग्राट के बाद ही उसने बालमीकि चैपाल की चारदीवारी करवाई थी और यदि उन्हें उच्चधिकारी आदेश दे तो वह दीवार को तुडवाकर रास्ता दे देगा लेकिन सच्चाई आखिर है कहा इसका बारे में तो अभी कुछ कहा नही जा सकता क्योंकि एक तरफ तो सरपंच घर के बाहर दीवार बनाने की बात अधिकारियों पर फेंक रहा है तो दूसरी तरफ बीडीपीओ का तर्क है कि इन लोगों की आपसी रंजिश के चलते ही इन लोगों का घर से बाहर निकलने का रास्ता बंद कर रखा है जबकि उन्होंने कई बार सरपंच को बुलाकर रास्ता खुलवाने की बात कही है लेकिन सरपंच बार बार ब्यान बदल रहा है जबकि सरपंच व बीडीपीओ की आपस में क्या बात हो रही है यह तो यही जानते है लेकिन इन दोनों की बात में आपसी सहमती न होने के कारण आज भी वृद्वाओ को दीवार फांद कर ही बाहर जाना पड रहा है जबकि अब मामला नवनियुक्त जिला उपायुक्त के पाले मे चले गया है और उन्होंने स्वयं इस मामले में दख्ल देते हुए कहा है  क़ी वह दो व तीन दिन में ही मामले को निपटा देंगे और आज से ह़ी वह इस मामले में कार्यावाई शुरू कर देंगे


Monday, 18 February 2013

चीते का शिकार CITY NEWS YNR


                                            चीते का शिकार


 पहले खैर की लक्कड और अब जंगल में शिकार दोनों ही मामलो ंमें वन अधिकारियों पर उंगली उठ  रही है जबकि वन दरोगा इस बात का खुलासा भी कर चुके है लेकिन इन सब के बावजूद भी वन विभाग के अधिकारी शिकारियों पर लगाम कसने में नाकामयाब हो रहे है और ऐसे में शिकारियो ंने एक चीते को तो गोली मार दी लेकिन उसका शव पानी में तैरता हुआ मिला और अब भी अधिकारी मामले की जांच करने की बात कह रहे है



 जंगल के बीच कब्र खोद रहे कर्मचारी किसी व्यक्ति की नही बल्कि जंगल में दहशत रखने वाले चीते की है और इस चीते का शिकार शिकारियों ने कर डाला है हालाकि इस बात की पुष्टि तो अधिकारी खुल कर नही कर रहे लेकिन जो बात सामने है उस बात से इंकार भी नही किया जा सकता दराअस्ल इस चीते को किसी शिकारी ने गोली मार दी थी और गोली लगने के बाद चीता पानी में गिर गया जहा उसने तडफ तडफ कर अपनी जान दे दी लेकिन हैरानी इस बात की थी कि जब तक चीते का शव पानी के उपर नही आया तब तक किसी भी अधिकारी ने मौके पर पहुंच कर उसके शव को बाहर नही निकाला जबकि इस बात से वन विभाग के कर्मचारी से लेकर उपर तक के अधिकारियों को मालूम था लेकिन किसी ने भी चीते के शव को समय अनुसार पानी से बाहर नही निकाला अक्सर सुनने को तो मिलता है कि जंगल में जानवरों का शिकार होता है और इस बात की पुष्टि थोडे दिन पहले जंगल में काम करने वाले एक वन दरोगा ने पत्रकारों को दी थी और उसने खुलकर आरोप लगाए थे कि वन अधिकारी की देख रेख में ही जंगल के बीच शिकार होता है और जंगल से कीमती लक्कड काटी जाती है इस पर आज तक कोई कार्रावाई तो नही हुई नतीजा एक और चीते को अपनी जान देनी पड गई

 लगभग पांच दिन बीत जाने के बाद जब चीते का शव पानीपर तैरता हुआ मिला तो अधिकारी भी अपनी नींद से जाग गए और मौका का मुयाना करने के लिए चल पडे पानी से चीते के शव को बाहर निकालने के बाद अधिकारियों ने उसका मौके पर ही पोस्टमार्टम कर दिया और बाद में चीते के शव पर लक्कड डाल कर उसका अंतिम सस्कार कर दिया हैरानी इस बात की हुई कि जंगल की हर बात को जानने वाले अधिकारी अपने आप को चीते के मौत के स्वालों से कैसे बचा लेते है आप स्वयं ही सुन लिजिए क्योंकि अधिकारी चीते की मौत का कारण उसका पानी में डूबना बता रहे है पर जनाब भूल गए है कि चीता पानी में अच्छी तरहा से तैरना भी जानता है और पेड पर चढना भी शायद इस बात को अधिकारी जानते तो है लेकिन जानबूझ कर अनजान बनना इनकी फितरत है और इस बात का खुलासा वन दरोगा पहले से ही कर चुके है ऐसे में यदि अब भी वन माफियों से जंगल व जंगल में रहने वाले जानवरों को नही बचाया गया तो आने वाले समय में न तो जंगल रहेगा और न ही उसमें रहने वाले जानवर 








चीते का शिकार CITY NEWS YNR


                                            चीते का शिकार


 पहले खैर की लक्कड और अब जंगल में शिकार दोनों ही मामलो ंमें वन अधिकारियों पर उंगली उठ  रही है जबकि वन दरोगा इस बात का खुलासा भी कर चुके है लेकिन इन सब के बावजूद भी वन विभाग के अधिकारी शिकारियों पर लगाम कसने में नाकामयाब हो रहे है और ऐसे में शिकारियो ंने एक चीते को तो गोली मार दी लेकिन उसका शव पानी में तैरता हुआ मिला और अब भी अधिकारी मामले की जांच करने की बात कह रहे है



 जंगल के बीच कब्र खोद रहे कर्मचारी किसी व्यक्ति की नही बल्कि जंगल में दहशत रखने वाले चीते की है और इस चीते का शिकार शिकारियों ने कर डाला है हालाकि इस बात की पुष्टि तो अधिकारी खुल कर नही कर रहे लेकिन जो बात सामने है उस बात से इंकार भी नही किया जा सकता दराअस्ल इस चीते को किसी शिकारी ने गोली मार दी थी और गोली लगने के बाद चीता पानी में गिर गया जहा उसने तडफ तडफ कर अपनी जान दे दी लेकिन हैरानी इस बात की थी कि जब तक चीते का शव पानी के उपर नही आया तब तक किसी भी अधिकारी ने मौके पर पहुंच कर उसके शव को बाहर नही निकाला जबकि इस बात से वन विभाग के कर्मचारी से लेकर उपर तक के अधिकारियों को मालूम था लेकिन किसी ने भी चीते के शव को समय अनुसार पानी से बाहर नही निकाला अक्सर सुनने को तो मिलता है कि जंगल में जानवरों का शिकार होता है और इस बात की पुष्टि थोडे दिन पहले जंगल में काम करने वाले एक वन दरोगा ने पत्रकारों को दी थी और उसने खुलकर आरोप लगाए थे कि वन अधिकारी की देख रेख में ही जंगल के बीच शिकार होता है और जंगल से कीमती लक्कड काटी जाती है इस पर आज तक कोई कार्रावाई तो नही हुई नतीजा एक और चीते को अपनी जान देनी पड गई

 लगभग पांच दिन बीत जाने के बाद जब चीते का शव पानीपर तैरता हुआ मिला तो अधिकारी भी अपनी नींद से जाग गए और मौका का मुयाना करने के लिए चल पडे पानी से चीते के शव को बाहर निकालने के बाद अधिकारियों ने उसका मौके पर ही पोस्टमार्टम कर दिया और बाद में चीते के शव पर लक्कड डाल कर उसका अंतिम सस्कार कर दिया हैरानी इस बात की हुई कि जंगल की हर बात को जानने वाले अधिकारी अपने आप को चीते के मौत के स्वालों से कैसे बचा लेते है आप स्वयं ही सुन लिजिए क्योंकि अधिकारी चीते की मौत का कारण उसका पानी में डूबना बता रहे है पर जनाब भूल गए है कि चीता पानी में अच्छी तरहा से तैरना भी जानता है और पेड पर चढना भी शायद इस बात को अधिकारी जानते तो है लेकिन जानबूझ कर अनजान बनना इनकी फितरत है और इस बात का खुलासा वन दरोगा पहले से ही कर चुके है ऐसे में यदि अब भी वन माफियों से जंगल व जंगल में रहने वाले जानवरों को नही बचाया गया तो आने वाले समय में न तो जंगल रहेगा और न ही उसमें रहने वाले जानवर