Monday 18 February 2013

चीते का शिकार CITY NEWS YNR


                                            चीते का शिकार


 पहले खैर की लक्कड और अब जंगल में शिकार दोनों ही मामलो ंमें वन अधिकारियों पर उंगली उठ  रही है जबकि वन दरोगा इस बात का खुलासा भी कर चुके है लेकिन इन सब के बावजूद भी वन विभाग के अधिकारी शिकारियों पर लगाम कसने में नाकामयाब हो रहे है और ऐसे में शिकारियो ंने एक चीते को तो गोली मार दी लेकिन उसका शव पानी में तैरता हुआ मिला और अब भी अधिकारी मामले की जांच करने की बात कह रहे है



 जंगल के बीच कब्र खोद रहे कर्मचारी किसी व्यक्ति की नही बल्कि जंगल में दहशत रखने वाले चीते की है और इस चीते का शिकार शिकारियों ने कर डाला है हालाकि इस बात की पुष्टि तो अधिकारी खुल कर नही कर रहे लेकिन जो बात सामने है उस बात से इंकार भी नही किया जा सकता दराअस्ल इस चीते को किसी शिकारी ने गोली मार दी थी और गोली लगने के बाद चीता पानी में गिर गया जहा उसने तडफ तडफ कर अपनी जान दे दी लेकिन हैरानी इस बात की थी कि जब तक चीते का शव पानी के उपर नही आया तब तक किसी भी अधिकारी ने मौके पर पहुंच कर उसके शव को बाहर नही निकाला जबकि इस बात से वन विभाग के कर्मचारी से लेकर उपर तक के अधिकारियों को मालूम था लेकिन किसी ने भी चीते के शव को समय अनुसार पानी से बाहर नही निकाला अक्सर सुनने को तो मिलता है कि जंगल में जानवरों का शिकार होता है और इस बात की पुष्टि थोडे दिन पहले जंगल में काम करने वाले एक वन दरोगा ने पत्रकारों को दी थी और उसने खुलकर आरोप लगाए थे कि वन अधिकारी की देख रेख में ही जंगल के बीच शिकार होता है और जंगल से कीमती लक्कड काटी जाती है इस पर आज तक कोई कार्रावाई तो नही हुई नतीजा एक और चीते को अपनी जान देनी पड गई

 लगभग पांच दिन बीत जाने के बाद जब चीते का शव पानीपर तैरता हुआ मिला तो अधिकारी भी अपनी नींद से जाग गए और मौका का मुयाना करने के लिए चल पडे पानी से चीते के शव को बाहर निकालने के बाद अधिकारियों ने उसका मौके पर ही पोस्टमार्टम कर दिया और बाद में चीते के शव पर लक्कड डाल कर उसका अंतिम सस्कार कर दिया हैरानी इस बात की हुई कि जंगल की हर बात को जानने वाले अधिकारी अपने आप को चीते के मौत के स्वालों से कैसे बचा लेते है आप स्वयं ही सुन लिजिए क्योंकि अधिकारी चीते की मौत का कारण उसका पानी में डूबना बता रहे है पर जनाब भूल गए है कि चीता पानी में अच्छी तरहा से तैरना भी जानता है और पेड पर चढना भी शायद इस बात को अधिकारी जानते तो है लेकिन जानबूझ कर अनजान बनना इनकी फितरत है और इस बात का खुलासा वन दरोगा पहले से ही कर चुके है ऐसे में यदि अब भी वन माफियों से जंगल व जंगल में रहने वाले जानवरों को नही बचाया गया तो आने वाले समय में न तो जंगल रहेगा और न ही उसमें रहने वाले जानवर 








No comments:

Post a Comment