चार दीवारी में कैद हो कर गया परिवार
जिसका कोई नही है उसका तो ख़ुदा है यारों यह गाना तो आम आदमी की जुबान पर है लेकिन ऐसा ही हो रहा है यमुनानगर के गांव महेश्वरी ने यहा के एक सरपंच ने एक दलित परिवार के घर से बाहर निकलने का रास्ता ही बंद कर दिया है घर के आगे खडी कर दी है दीवार पर अब इस परिवार के लोगों का सहारा बनी है मदिर की दीवार जिसे फांद कर ही यह लोग अपने घरों से बाहर निकल रहे है
हालाकि मामला प्रशासन की नजर में है लेकिन समाधान अभी तक नही निकल पाया
किसी को अगर उसको घर में ही कैद कर दिया जाए तो उस आदमी पर क्या गुजरेगी जिसका पूरा परिवार ही चार दीवारी में कैद हो कर रह गया हो सुन कर तो हर आदमी को हैरानी होती है लेकिन यह हक्कित है और मामला है यमुनानगर जिले के गांव महेश्वरी का यहा एक दलित परिवार के घर से बाहर निकलने के रास्ते पर ही चार दीवारी खडी कर दी है दराअस्ल महेश्वरी निवासी गुरदयाल सिंह अपने पूरे परिवार के साथ इसी गांव में 35 साल से रह रहा था और तब से ही इसने इसी जगह पर अपना मकान बना रखा था लेकिन कुछ समय पहले जिस रास्ते से यह लोग अपने घर से बाहर निकलते थे उस रास्ते पर गांव के सरपंच ने दीवार खडी कर दी दराअस्ल गांव में आपसी रंजिश के कारण तो यह दीवार हो गई लेकिन अब इस दीवार को लेकर तरहा तरहा की सफाई दी जा रही है क्योंकि एक तरफ पीडित परिवार के लोग सरपंच पर आरोप लगाते हुए यह कह रहे है कि सरपंच को बार बार आग्रह करने के बाद भी सरपंच ने उनकी एक नही सुनी और जो रास्ता उनके घर को जाता था उस पर दीवार खडी कर इन लोगों को घर में ही नजरबंद कर दिया है जबकि घर में पीने के पानी का कनेक्शन भी काट दिया है यहा तक कि घर से बाहर आने वाला गंदा पानी की निकासी पर भी रोक लगा दी है पीडित परिवार का आरोप है कि अब इन लोगों का सहारा भी भगवान ही बने हुए है क्योंकि जिस दीवार को फांद कर यह लोग अपने घर से बाहर जाते है वह दीवार भी एक मंदिर की ही है और यदि मंदिर की दीवार भी उंची कर दी गई तो इन लोगों का घर से बाहर निकलना भी बहुत मुशिकल हो जाएगा
पीडित परिवार यहा दुहाई दे रहा है कि उसे घर से बाहर निकलने के लिए सरपंच कुछ रास्ता दे दे तो वही सरपंच ने उन्हें घर से बाहर निकलने का रास्ता तक नही दिया लिहाज पिछले कुछ दिनों में हुई जमकर बरसात में इन लोगों के घरों में पानी भर गया यहा तक उस पानी में रहने के बाद इनकी एक गाय भी बीमार हो गई जिसका सही इलाज न हो पाने के कारण उसकी भी मौत हो गई हालाकि गाय की मौत के बाद इन लोगों को उसे भी जब घर से बाहर भेजना पडा तो वह भी दीवार के सहारे ही इस पूरे मामले में एक तरफ सरपंच तो कह रहा है कि उसने अपने उच्च अधिकारियों के द्वारा भेजी गई ग्राट के बाद ही उसने बालमीकि चैपाल की चारदीवारी करवाई थी और यदि उन्हें उच्चधिकारी आदेश दे तो वह दीवार को तुडवाकर रास्ता दे देगा लेकिन सच्चाई आखिर है कहा इसका बारे में तो अभी कुछ कहा नही जा सकता क्योंकि एक तरफ तो सरपंच घर के बाहर दीवार बनाने की बात अधिकारियों पर फेंक रहा है तो दूसरी तरफ बीडीपीओ का तर्क है कि इन लोगों की आपसी रंजिश के चलते ही इन लोगों का घर से बाहर निकलने का रास्ता बंद कर रखा है जबकि उन्होंने कई बार सरपंच को बुलाकर रास्ता खुलवाने की बात कही है लेकिन सरपंच बार बार ब्यान बदल रहा है जबकि सरपंच व बीडीपीओ की आपस में क्या बात हो रही है यह तो यही जानते है लेकिन इन दोनों की बात में आपसी सहमती न होने के कारण आज भी वृद्वाओ को दीवार फांद कर ही बाहर जाना पड रहा है जबकि अब मामला नवनियुक्त जिला उपायुक्त के पाले मे चले गया है और उन्होंने स्वयं इस मामले में दख्ल देते हुए कहा है क़ी वह दो व तीन दिन में ही मामले को निपटा देंगे और आज से ह़ी वह इस मामले में कार्यावाई शुरू कर देंगे
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