Wednesday 20 February 2013

चार दीवारी में कैद हो कर गया परिवार CITY NEWS YNR


               चार दीवारी में कैद हो कर गया परिवार 



 जिसका कोई नही है उसका तो ख़ुदा  है यारों यह गाना तो आम आदमी की जुबान पर है लेकिन ऐसा ही हो रहा है यमुनानगर के गांव महेश्वरी ने यहा के एक सरपंच ने एक दलित परिवार के घर से बाहर निकलने का रास्ता ही बंद कर दिया है घर के आगे खडी कर दी है दीवार पर अब इस परिवार के लोगों का सहारा बनी है मदिर की दीवार जिसे फांद कर ही यह लोग अपने घरों से बाहर निकल रहे है
हालाकि मामला प्रशासन की नजर में है लेकिन समाधान अभी तक नही निकल पाया 

किसी को अगर उसको घर में ही कैद कर दिया जाए तो उस आदमी पर क्या गुजरेगी जिसका पूरा परिवार ही चार दीवारी में कैद हो कर रह गया हो सुन कर तो हर आदमी को हैरानी होती है लेकिन यह हक्कित है और मामला है यमुनानगर जिले के गांव महेश्वरी का यहा एक दलित परिवार के घर से बाहर निकलने के रास्ते पर ही चार दीवारी खडी कर दी है दराअस्ल महेश्वरी निवासी गुरदयाल सिंह अपने पूरे परिवार के साथ इसी गांव में 35 साल से रह रहा था और तब से ही इसने इसी जगह पर अपना मकान बना रखा था लेकिन कुछ समय पहले जिस रास्ते से यह लोग अपने घर से बाहर निकलते थे उस रास्ते पर गांव के सरपंच ने दीवार खडी कर दी दराअस्ल गांव में आपसी रंजिश के कारण तो यह दीवार हो गई लेकिन अब इस दीवार को लेकर तरहा तरहा की सफाई दी जा रही है क्योंकि एक तरफ पीडित परिवार के लोग सरपंच पर आरोप लगाते हुए यह कह रहे है कि सरपंच को बार बार आग्रह करने के बाद भी सरपंच ने उनकी एक नही सुनी और जो रास्ता उनके घर को जाता था उस पर दीवार खडी कर इन लोगों को घर में ही नजरबंद कर दिया है जबकि घर में पीने के पानी का कनेक्शन भी काट दिया है यहा तक कि घर से बाहर आने वाला गंदा पानी की निकासी पर भी रोक लगा दी है पीडित परिवार का आरोप है कि अब इन लोगों का सहारा भी भगवान ही बने हुए है क्योंकि जिस दीवार को फांद कर यह लोग अपने घर से बाहर जाते है वह दीवार भी एक मंदिर की ही है और यदि मंदिर की दीवार भी उंची कर दी गई तो इन लोगों का घर से बाहर निकलना भी बहुत मुशिकल हो जाएगा  
 पीडित परिवार यहा दुहाई दे रहा है कि उसे घर से बाहर निकलने के लिए सरपंच कुछ रास्ता दे दे तो वही सरपंच ने उन्हें घर से बाहर निकलने का रास्ता तक नही दिया लिहाज पिछले कुछ दिनों में हुई जमकर बरसात में इन लोगों के घरों में पानी भर गया यहा तक उस पानी में रहने के बाद इनकी एक गाय भी बीमार हो गई जिसका सही इलाज न हो पाने के कारण उसकी भी मौत हो गई हालाकि गाय की मौत के बाद इन लोगों को उसे भी जब घर से बाहर भेजना पडा तो वह भी दीवार के सहारे ही इस पूरे मामले में एक तरफ सरपंच तो कह रहा है कि उसने अपने उच्च अधिकारियों के द्वारा भेजी गई ग्राट के बाद ही उसने बालमीकि चैपाल की चारदीवारी करवाई थी और यदि उन्हें उच्चधिकारी आदेश दे तो वह दीवार को तुडवाकर रास्ता दे देगा लेकिन सच्चाई आखिर है कहा इसका बारे में तो अभी कुछ कहा नही जा सकता क्योंकि एक तरफ तो सरपंच घर के बाहर दीवार बनाने की बात अधिकारियों पर फेंक रहा है तो दूसरी तरफ बीडीपीओ का तर्क है कि इन लोगों की आपसी रंजिश के चलते ही इन लोगों का घर से बाहर निकलने का रास्ता बंद कर रखा है जबकि उन्होंने कई बार सरपंच को बुलाकर रास्ता खुलवाने की बात कही है लेकिन सरपंच बार बार ब्यान बदल रहा है जबकि सरपंच व बीडीपीओ की आपस में क्या बात हो रही है यह तो यही जानते है लेकिन इन दोनों की बात में आपसी सहमती न होने के कारण आज भी वृद्वाओ को दीवार फांद कर ही बाहर जाना पड रहा है जबकि अब मामला नवनियुक्त जिला उपायुक्त के पाले मे चले गया है और उन्होंने स्वयं इस मामले में दख्ल देते हुए कहा है  क़ी वह दो व तीन दिन में ही मामले को निपटा देंगे और आज से ह़ी वह इस मामले में कार्यावाई शुरू कर देंगे


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