अनसेफ जिगर के टूकडे
लगातार बढ़ रही बच्चों के लापता होने की वारदात
बीते वर्ष में हुई 13 वारदात, 12 अब भी अनसुल जी
विनोद धीमान

तीन साल में लापता बच्चों के 26 मामले
2012 - 02
2011 - 13
2010 - 11
बीते वर्ष के 13 मामलों में 12 अब भी अनसॉल्व
जिलें में साल 2011 में लापता हुए बच्चों के 13 मामले हुए। जिसमें से 12 अब भी अनसुलछे है। एक मामला सुलाा भी तो वहां भी गायब हुए बच्चें को सही सलामत घर पर नहीं पहुंचाया जा सका था। दशहरे के दिन घर से लापता हुए मुकुल का शव 14 दिन बाद पुलिस को कुरुक्षेत्र से बरामद हुआ। मामले में पुलिस ने तीन के खिलाफ मामला दर्ज कर कोर्ट में पेश किया। बीते वर्ष पुलिस को बस इसी मामले में कामयाबी हासिल हो सकी, वह भी अपहरण हुए बच्चें के सही सलामत घर लौटने की वजह से अधुरी हुई साबित हुई। तो अभी हाल ही में आईटीआई के समीप से अगवा हुई चरणजीत कौर अपहरण के दो दिन बाद सकुशल घर लौट आई। चरणजीत को कौन अगवा कर ले गया था। इसका भी आज तक कुछ पता नहीं चल पाया हैं।
पुलिस प्रशासन का हर संभव प्रयास रहता है कि इस तरह की वारदातों पर अंकुश लगाया जा सके। किंतु कई मामलों में बच्चे खुद भी घर से परेशान होकर चले जाते है। ऐसे में उन्हें तलाश करने में समस्या आती है। अभी हाल ही में पुलिस द्वारा बच्ची के लापता होने का मामला सुलझाया है। बीते सालों के हुए ऐसे मामलों पर भी हर पहलु पर जांच की जा रही है।
फूल कुमार, डीएसपी हेडक्वाटर्र।
ट्यूशन पढ़ने गए बच्चे का अपहरण!

लक्ष्मी गार्डन निवासी मनोहर लाल ने बताया कि उसका बेटा विकास न्यू हैप्पी स्कूल में नौवी कक्षा में पढ़ता है। रोजाना की भांति वह गुरुवार को भी स्कूल से आने के बाद अपने दोस्त शुभम, साजन व मितेश के साथ घर से शिवपुरी कालोनी में ट्यूशन पढ़ने के लिए गया था। मनोहर ने बताया कि शाम को विकास व उसके दोस्त ट्यूशन पढ़कर वापस घर लौट रहे थे। रास्ते में शिवपुरी कोलानी में दो नकाबपोश युवकों के बुलाए जाने पर विकास उनके समीप चला गया और देखते ही देखते वह दोनों लोग विकास को अपने साथ बाइक पर बैठाकर ले गए। उन्होंने बताया कि इस बात की सूचना परिवार वालों को विकास के दोस्तों ने घर पर दी। विकास के गायब होने की खबर सुनकर परिवार वालों ने विकास की तलाश आसपास के क्षेत्र में की। किंतु देर रात तक उसके न मिलने पर, उन्होंने इसी शिकायत पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने परिवार वालों व विकास के दोस्तों से पूछताछ कर उक्त बाइक सवार लोगों की तलाश के लिए टीमें बनाकर संबंधित क्षेत्र में छानबीन की। किंतु देर रात तक जारी रही पुलिस कार्रवाई में उक्त लोगों का कोई सुराग हाथ नहीं लग सका। वहीं, शुक्रवार को भी इस मामले में पुलिस के हाथ ज्यों के त्यों खाली थे। पुलिस कार्रवाई में विकास का कोई सुराग हाथ न लग पाने से परिजनों की चिंता गहराने लगी है। घर पर विकास की मां सुमन का रो रोकर बुरा हाल हो गया है। बार-बार मां अपने बेटे विकास की तसवीर हाथ में लेकर रोने पर विवश है।
कोई अपना तो नहीं ले गया?

तीन बहनों का था एकलौता भाई
विकास तीन बहनों का इक्लोता भाई है, परिवार में विकास सबसे छोटा है। जिसके लापता होने के बाद से उसकी रजी, सोनिया व मोनिका भी गमगीन माहौल में है। तीनों बहने अपने छोटे भाई के कहीं चले जाने पर आंसुआ से नम है।
वर्जन
देर रात को शिकायत मिलने पर उक्त गायब हुए लड़के की तलाश संबंधित क्षेत्र में की गई थी। मामले में परिजनों व उसके दोस्तों से भी पुछताछ की गई। किंतु फिलहाल कोई सुराग नहीं लग सका है, अभी जांच जारी है।
प्रमोद कुमार, फर्कपुर थाना प्रभारी।
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