Wednesday 26 December 2012

हर्षोल्लास के साथ मनाया क्रिसमस का त्यौहार CITY NEWS YNR


    हर्षोल्लास के साथ मनाया क्रिसमस का त्यौहार

क्रिसमस एक ऐसा त्यौहार है जिसे शायद दुनिया के सर्वाधिक लोग पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. आज यह त्यौहार विदेशों में ही नहीं बल्कि भारत में भी समान जोश के साथ मनाया जाता है. भारत की विविधतापूर्ण संस्कृति के साथ क्रिसमस का त्यौहार भी पूरी तरह घुल-मिल गया है. सदियों से यह त्यौहार लोगों को खुशियां बांटता और प्रेम और सौहार्द की मिसाल कायम करता रहा है. यह त्यौहार हमारे सामाजिक परिवेश का प्रतिबिंब भी है, जो विभिन्न वर्गों के बीच भाईचारे को मजबूती देता आया है. क्रिसमस का अर्थ मानव मुक्ति और समानता है. बाइबिल के अनुसार, ईश्वर ने अपने भक्त याशायाह के माध्यम से 800 ईसा पूर्व ही यह भविष्यवाणी कर दी थी कि इस दुनिया में एक राजकुमार जन्म लेगा और उसका नाम इमेनुएल रखा जाएगा. इमेनुएल का अर्थ है ‘ईश्वर हमारे साथ’. याशायाह की भविष्यवाणी सच साबित हुई और यीशु मसीह का जन्म इसी प्रकार हुआ.
बालक यीशु के जन्म की सबसे पहली खबर इस दुनिया के सबसे निर्धन वर्ग के लोगों को मिली थी. वे कड़ी मेहनत करने वाले गड़रिये थे. सर्दी की रात जब उन्हें यह खबर मिली तो वे खुले आसमान के नीचे खतरों से बेखबर सोती हुई अपनी भेड़ों की रखवाली कर रहे थे. एक तारा चमका और स्वर्ग-दूतों के दल ने गड़रियों को खबर दी कि तुम्हारे बीच एक ऐसे बालक ने जन्म लिया है, जो तुम्हारा राजा होगा. पूरी दुनिया के गरीब यह खबर सुनकर जहां खुश हुए, वहीं गरीबों पर जुल्म करने वाला राजा हेरोदेस नाराज हो गया. उसने अपने राज्य में 2 वर्ष की उम्र तक के सभी बच्चों को कत्ल करने का आदेश जारी कर दिया, ताकि उसकी सत्ता को भविष्य में किसी ऐसे राजा से खतरा न रहे. अच्छाई को देखकर बुराई करने वाले इसी तरह दुखी और नाराज होते हैं. यही शैतानियत का प्रतीक है. ईसा मसीह इसी शैतानियत को तो खत्म करने के लिए आए थे.
ईसा मसीह ने मानव के रूप में जन्म लेने के लिए किसी संपन्न व्यक्ति का घर नहीं चुना. उन्होंने एक गरीब व्यक्ति के घर की गोशाला में घास पर जन्म लिया. दरअसल, वे गरीब, भोले-भाले और शोषित व पीड़ित लोगों का उद्धार करने आये थे. इसीलिए उन्होंने जन्म से ही ऐसे लोगों के बीच अपना स्थान चुना. यह बहुत बड़ा संदेश था.
30 वर्ष की आयु में ईसा मसीह ने सामाजिक अव्यवस्था के विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद की. उन्होंने जनता को दीन-दुखियों और लाचारों की सहायता करने, प्रेमभाव से रहने, लालच न करने, ईश्वर और राज्य के प्रति कर्तव्यनिष्ठ रहने, जरूरतमंद की जरूरत पूरी करने, आवश्यकता से ज्यादा धन संग्रह न करने का उपदेश दिया. आज ईसा मसीह के दिए हुए संदेशों की प्रासंगिकता बहुत ज्यादा है, क्योंकि भले ही सामाजिक बुराइयों ने अपना रूप बदल लिया हो, लेकिन वे आज भी समाज में विद्यमान हैं और गरीबों, लाचारों, शोषितों, पीड़ितों और दलितों को उनका शिकार होना पड़ता है.
ईसा मसीह ने समाज को समानता का पाठ पढ़ाया था. उन्होंने बार-बार कहा कि वे ईश्वर के पुत्र हैं और भले ही इस दुनिया में क्रूरता, अन्याय और गैर-बराबरी जैसी अनेक बुराइयां हैं, पर ईश्वर के घर में सभी बराबर हैं. उन्होंने ऐसा ही समाज बनाने पर जोर दिया, जिसमें क्रूरता व अन्याय की जगह न हो और सभी प्रेम और समानता के साथ रहें. ऐसी ही एक कहानी बाइबिल में आती है, जो एक सामरी संप्रदाय की स्त्री की है. जब ईसा मसीह ने उससे पीने के लिए पानी मांगा तो स्त्री ने कहा कि तू यहूदी होकर मुझ सामरी स्त्री से पानी क्यों मांगता है? दरअसल, यहूदी लोग सामरियों के साथ किसी प्रकार का व्यवहार नहीं रखते थे और उन्हें कमतर मानते थे. लेकिन ईसा ने उसके हाथ का पानी पिया. ईसा मसीह ने दलित, दमित और असहाय लोगों को आशा और जीवन का संदेश दिया. उन्होंने अपना पूरा जीवन मानव कल्याण में लगाया. यही वजह थी कि उन्हें क्रॉस पर मृत्युदंड भी दिया गया. लेकिन दूसरों के हित में काम करने वाले मृत्युदंड से कब भयभीत हुए हैं.
क्रिसमस का त्यौहार कई चीजों के लिए खास होता है जैसे क्रिसमस ट्री, स्टार, गिफ्टस आदि. और हां, कई लोग मानते हैं क्रिसमस के दिन सांता क्लॉज बच्चों को उपहार देता है. सांता क्लॉज को याद करने का चलन 4वीं शताब्दी से आरंभ हुआ था और वे संत निकोलस थे जो तुर्किस्तान के मीरा नामक शहर के बिशप थे. सांता क्‍लाज़ लाल व सफेद ड्रेस पहने हुए, एक वृद्ध मोटा पौराणिक चरित्र है, जो रेन्डियर पर सवार होता है तथा समारोहों में, विशेष कर बच्‍चों के लिए एक महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है.
 क्रिसमस उम्मीदों और खुशियों का त्यौहार है. ईसा मसीह का जीवन और उनके उपदेश आज भी इसलिए प्रासंगिक हैं, क्योंकि आज भी अमीरी-गरीबी, जातिवाद और सामाजिक विसंगतियां समाज में मौजूद हैं. जब हम अपने आसपास नजर डालेंगे और गरीब व लाचार लोगों के दुख-दर्द को समझेंगे और ईसा मसीह की तरह अपनी कोशिशों से उनके चेहरे पर थोड़ी-सी मुस्कान लाएंगे, तभी हमें क्रिसमस की वास्तविक खुशियां मिलेंगी.

Thursday 13 December 2012

-आज से शुरू होगा, सुर, ताल व नृत्य का संगम-CITY NEWS YNR


-आज से शुरू होगा, सुर, ताल व नृत्य का संगम-

यमुनानगर। सुर, ताल, नृत्य व वादन का संगम आज से डीएवी गल्र्स कालेज में शुरू हो रहा है। डीएवी गल्र्स कालेज की प्रिंसिपल डा.सुषमा आर्या व स्पिक मैके के स्टेट को-ओडिनेटर चक्षु दत्ता ने बताया कि १४ से १६ दिसंबर तक आयोजित स्पिक मैके हरियाणा स्टेट कंवेंशन में पद्मश्री भजन सपोरी, पद्मश्री शोवना नारायण, पंडित शंशाक सुब्रमण्यम, गुरु सुलोचना बृहस्पति, गुरु सिंहजीत सिंह व चारू सीजा माथुर द्वारा अपनी प्रस्तुती देकर सभी को मंत्र मुग्ध करेंगे। कार्यक्रम का शुभारं ा मु य अतिथि के रुप में डीएवी मैनेजिंग कमेटी सदस्या डा. सुनीता सलुजा करेंगी।
डीएवी संगीत विभाग की अध्यक्षा डा. नीता द्विवेदी ने बताया कि १४ दिसंबर को पद्मश्री भजन सपोरी व पद्मश्री शोवना नारायण द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। १५ दिसंबर को सुप्रसिद्ध बांसुरी वादक शशांक सुब्रमण्यम व गुरु सुलोचना बृहस्पति द्वारा प्रस्तुतियां दी जाएगी। शशांक की खासियत है कि उन्होंने शास्त्रीय संगीत के साथ-साथ सिफनी व जैज संगीत पर भी प्रस्तुति दी है। उन्होंने आस्ट्रेलिया, मलेशिया, सिंगापुर के अलावा अनेक देश विदेशों में अपनी प्रस्तुति के जरिए सभी को भाव विभोर किया है।
रामपुर घराने की सुप्रसिद्ध हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की गायिका गुरु सुलोचना बृहस्पति द्वारा शाम के समय शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति दी जाएगी। उन्होंने इलाहाबाद के पंडित भोला नाथ भट्ट और रामपुर के उस्ताद मुस्ताक हुसैन खां से संगीत की शिक्षा ली। इनकी गायकी में आलाप अंग के साथ ध्रुपद, याल, ठुमरी, दादरा, टप्पा इत्यादि गायन शैलियों पर पूर्ण अधिकार प्राप्त है। हिंदुस्तान के अलावा विदेशों में रसिया, हंगरी, मंगोलिया, नेपाल, जर्मन, यूके, फ्रांस, इटली इत्यादि देशों में इन्होंने अपनी प्रस्तुतियां दी है। कुछ वर्षों तक इंडियन क्लासिकल और फ्रंच यूजिक के साथ यूजन पर भी कार्य किया है। इन्हें डागर स मान, तानसेन स मान, नेशनल संगीत नाटक अकादमी स मान,उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी स मान के अलावा अनेक पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। १६ दिसंबर को गुरु सिंहजीतसिंह और चारू सीजा माथुर द्वारा मणिपुरी नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा। इस नृत्य के जरिए धार्मिक और पौराणिक कथाओं का प्रदर्शन होता है। नृत्य में हमें कोमलता और सुकुमारता का अनुठा संगम देखने को मिलेगा।
पांच कार्यशालाओं में भाग लेंगे बच्चे-
स्टेट हरियाणा कंवेंशन के दौरान स्कूली बच्चों के लिए पांच कार्यशाला आयोजित की जाएगी। जिसमें वुड क्रा ट, पॉट्री, शास्त्रीय गायन, शास्त्रीय नृत्य मोहिनीअट्टम व योग शामिल है। कालेज प्रिंसिपल डा. आर्या व स्पिक मैके के स्टेट को-ओडिनेटर चक्षु दत्ता ने बताया कि आमिर हसन द्वारा विद्यार्थियों को वुड क्रा ट की जानकारी दी जाएगी। जबकि झब्बूलाल प्रजापति द्वारा पॉट्री, गुरू सुलोचना बृहस्पति द्वारा शास्त्रीय गायन, जयप्रभा मैनन द्वारा शास्त्रीय नृत्य मोहिनीअट्टम व योग विभाग के प्राध्यापक शिव कुमार व प्राध्यापिका रंजना द्वारा योग की कार्यशाला ली जाएगी। उन्होंने बताया कि इन कार्यशालाओं में प्रदेश के सभी जिलों से विद्यार्थी भाग लेगें, जिसमें यमुनानगर से ३० स्कूलों के बच्चे भी शामिल है।






Wednesday 12 December 2012

12 बजकर 12 मिन्ट पर खुशी की किल्लकारी CITY NEWS YNR


12 12 और 12 और वह भी 12 साल के बाद 12 बजकर                12 मिन्ट पर खुशी की किल्लकारी 

 12 12 और 12 और वह भी 12 साल के बाद 12 बजकर 12 मिन्ट  यमुनानगर के एक परिवार मे खुशी की किल्लारियां गंजू उठी हालाकि आज के दिन को एक यादगार बनाने के लिए अपने बच्चों का जन्म करवाते है लेकिन यमुनानगर के एक निजी अस्पताल में यहा एक बच्चों को प्लान करवाया तो वही दूसरी तरफ एक परिवार के घर 12 साल के बाद खुशी ने आगाज किया दोनों ही परिवार में खुशी का महौल है क्योंकि एक के घर 12 साल के बाद तो दूसरे के घर आज 17 साल के बाद खुशी आई है

 यमुनानगर के एक निजी अस्पताल में आज 12 बजकर खुशी की लहर दौड पडी क्योंकि इस अस्पताल में आज दो डिलिवरी हुई है और उसमें भी एक 12 साल के बाद तो दूसरी 17 साल के बाद हालाकि इस दिन को लोग महूरत की शक्ल में याद रखने के लिए प्लान करवाते है लेकिन यहा का तो मामला ही कुछ और था क्योंकि यमुनानगर के प्रेम नगर निवासी प्रदीप कोहली की शादी को 12 साल बीत गए थे लेकिन घर में खुशी का आगाज नही हुआ लेकिन आज जब हुआ तो इस लम्हे को कोई भी बुला नही सकता क्योंकि प्रदीप कोहली के घर आज 12 साल के बाद जो खुशी आई है वह भी 12 ही 12 में तबदील हो गई क्योंकि एक तो शादी के 12 साल पूरे हुए तो दूसरी तरफ आज का दिन भी 12 तरीख 12 वां महीना और साल भी 12 यही नही इनके घर जो मासूम आया है वह भी 12 बजकर 12 मिन्ट पर है न करिशमा लेकिन इस लम्हे को याद रखने के साथ साथ परिवार को लोग इसको एक करिशमा मान रहे है और कह रहे है कि भगवान ने उनको यह दिन देना था और तभी इतना लंबा इंतजार करना पडा और खुशी में प्रदीप के साथ यहा अस्पताल के स्टाफ खुशी मना रहा है तो दूसरी तरफ लोगों के बधाई देने का भी तांता लगा हुआ है
 प्रदीप के घर तो 12 साल के बाद भगवान ने ऐसा समय दिया  िकवह 12 जैसे शब्द को भुला भी नही सकेंगे लेकिन वही अंजू के घर 17 साल के बाद खुशी लौटी है क्योंकि अंजू के घर 17 साल के बाद संतान हुई है और वह भी एक कन्या के रूप में दराअस्ल 17 साल के बाद अंजू के घर जो खुशी आई है उसे वह एक यादागार के रूप में रखना चाहते थे और उन्होंने जानबूझ कर ही इस दिन को चुना हालाकि आज 12 12 और 12 में अंजू भी भागीदार हो गई लेकिन उसके घर 12 बजकर 12 मिन्ट की जगह 12 बजकर तीन मिन्ट पर जरूर लडकी पैदा हुई हालाकि इस पूरे मामले में दोनों ही परिवार के लोग खुशी के मारे फूले नही समा रहे और इस खुशी के महौल में डाक्टर भी उनके साथ बराबर हकदार बने हुए है तभी अस्पताल में यहा दवाईया ही दवाईया नजर आती है और आज इस खुशी के अवसर पर आज दवाई की जगह मिठाई नजर आ रही है





Tuesday 11 December 2012

माऊस पर नाच रही बुर्जुगों की उंगलियां- CITY NEWS YNR


की-बोर्ड व माऊस पर नाच रही बुर्जुगों की उंगलियां-


-अपनों से जुड़े रहने के लिए कंप्यूटर एजुकेशन जरूरी-

यमुनानगर। डीएवी गल्र्स कालेज में सीनियर सिटीजन के लिए चलाए गए कंप्यूटर लिट्रेसी प्रोग्राम के तहत इन दिनों बुर्जुगों की उंगलियां की-बोर्ड व माऊस पर नाच रही है। बुर्जुगों को अभी तक बेसिक कंप्यूटर, विंडो, टाइपिंग, नई फाइल व फोल्डर बनाना, एमएस वर्ड व इंटरनेट से संबंधित की जानकारी दी गई है। बुर्जुगों का कहना है कि कंप्यूटर क्लास में जहां उनका ज्ञानवृद्र्धन हो रहा है, वहीं वे इसे इंज्वाय भी कर रहे हैं।
कंप्यूटर साइंस विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर संजय भारद्वाज ने बताया कि कंप्यूटर लिट्रेसी प्रोग्राम का मु य उद्देश्य सीनियर सिटीजन को इंटरनेट का इस्तेमाल व कंप्यूटर की बेसिक जानकारी से रू-ब-रू करवाना है। ताकि यहां से कंप्यूटर सिखने के बाद वे उसे अपने घर पर आसानी से ऑपरेट कर सकें। अगर किसी सीनियर सिटीजन को किसी प्रकार की दिक्कत आती हैं, तो वे उसका समाधान विभाग में आकर कर सकते हैं।


विदेश में रह रहे दोहते से चैटिंग करने के लिए सीख रहा हूं कंप्यूटर-

लंदन में रह रहे दोहते सुविध से चैटिंग व ई मेल के जरिए बातचीत हो जाए, इसलिए कंप्यूटर की शिक्षा ले रहा हूं। आज के तकनीकी युग में जिन्हें कंप्यूटर का ज्ञान नहीं होता,उन्हें अनपढ़ के समान समझा जाता है। यह कहना है मॉडल टाउन निवासी ७८ वर्षीय मदन मोहन अरोड़ा का। जो इन दिनों डीएवी गल्र्स कालेज द्वारा सीनियर सिटीजन के लिए चलाए गए कंप्यूटर लिट्रेसी प्रोग्राम में कंप्यूटर की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

अब तो घर बैठकर ही जमा करावाऊंगा बिल-

सेक्टर-१८ निवासी ६७ वर्षीय एमएल शर्मा का कहना है कि तकनीकी युग में कंप्यूटर ज्ञान के बिना कुछ भी संभव नहीं है। इंटरनेट के माध्यम से जहां हम विश्व के हर कोने से जुड़ सकते हैं, वहीं ई मेल व चैटिंग के जरिए रिश्तेदारों व अन्य के संपर्क में रह सकते हैं। इसके अलावा इंटरनेट के माध्यम से घर बैठे ही बिजली व पानी के बिल भी जमा करवा सकते हैं। इतना ही नहीं ई बैंकिंग के जरिए पैसों का लेनदेन भी कर सकते हैं। कंप्यूटर की नॉलेज लेने के बाद उन्हें अब लाइनों में लगने की जरूरत नहीं है।

नॉलेज अपडेट करने के लिए कंप्यूटर जरूरी-

कमला नगर निवासी ५७ वर्षीय अशोक कुमार का कहना है कि जमाने के साथ चलने के लिहाज से कंप्यूटर की नॉलेज होना बेहद जरूरी है। इंटरनेट में सभी के लिए बहुत सारी ऑपरच्यूनिटी उपलब्ध है। जिनका फायदा उठाकर हम अपनी नॉलेज को अपडेट कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर सीखने के बाद उसे सुबह अखबार का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि अब सभी अखबारों के ई पेपर इंटरनेट पर उपलब्ध हैं, जिन्हें वे आसानी से पढ़ सकते हैं। अगर कोई खबर महत्वपूर्ण लगे तो उसे डाउनलोड कर अपने पास सहज कर रख सकते हैं।





Sunday 2 December 2012

फूलों को देखने के लिए उमड़ी शहर की भीड़ CITY NEWS YNR


   - लावर शो में डीएवी कालेज बना ओवर आल विजेता-
           -गुलदाउदी के फूलों को देखने के लिए उमड़ी शहर की भीड़-
यमुनानगर। डीएवी गल्र्स कालेज में रविवार को यमुना फुलवारी द्वारा २४वां लावर शो आयोजित किया गया। जिसमें १६ कैटागिरी में १००० से ज्यादा एंट्रीज आई। कार्यक्रम का शुभरंभ कालेज प्रिंसिपल डा. सुषमा आर्य ने किया। जबकि करनाल से आए आलोक दत्त मु य अतिथि रहे। ओवर ऑल ट्राफी पर डीएवी गल्र्स कालेज का कब्जा रहा।
लावर शो में गुलदाउदी, कैक्टस, कोलियस, पॉम एंड साइक्स, स्कुलैंट्स, ग्रीन फोलिएज, बॉगनवेलिया इत्यादि फूल रखे गए। लावर शो को देखने के लिए शहर के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। यमुना फुलवारी की प्रधान रचना नैयर ने कहा कि फूलों के पौधों को विकसित करने के लिए निरंतर देखभाल की जरुरत होती है। कार्यक्रम के दौरान चंडीगढ़ से आए एसएस साही, सहारनपुर से आए अशोक जैन, ईएनटी स्पेशलिस्ट डा. जनक ने निर्णायक मंडल की भूमिका निभाई। विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर स मानित किया गया। गुलदाउदी, बॉगनवेलिया, ग्रीन फोजिएस की कैटागिरी में डीएवी गल्र्स कालेज ने ओवर ऑल ट्राफी पर कब्जा जमाया। जबकि लॉन्स की कैटागिरी में भारत गर्ग ने ओवर ऑल ट्राफी जीती। मौके पर यमुना फुलवारी के चेयरमैन भारत गर्ग, सचिव गौरी ओबरॉय, जीएस जैन, एससी जैन, अजय ओबरॉय, डीएवी गल्र्स कालेज से डा. सुनीता कौशिक, डा. नीना बजाज, डीएवी स्टडीज सेंटर की को-ओडिनेटर डा. विश्वमोहिनी, एसोसिएट प्रोफेसर संगीता गोयल, एसोसिएट प्रोफेसर संजय भारद्वाज सहित अन्य स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।
इस प्रकार रहा परिणाम-
फुलवारी मैंबर की कैटेगरी के दौरान गुलदाउदी के एक से ज्यादा बड़े लवार कैटागिरी में भारत गर्ग ने पहला, डीएवी गल्र्स कालेज प्रिंसिपल डा. सुषमा आर्य ने दूसरा तथा सुभाष पाहुजा ने तीसरा स्थान अर्जित किया। सिंगल गुलदाउदी कैटागिरी में डीएवी गल्र्स कालेज की प्रिंसिपल डा. सुषमा आर्य ने पहला, राज पाहूजा ने दूसरा तथा रचना नैयर ने तीसरा स्थान अर्जित किया। छोटे गुलदाउदी कैटागिरी में डा. सुषमा आर्य ने पहला, राजेश नैयर ने दूसरा तथा रचना नैयर ने तीसरा स्थान अर्जित किया। कोलियस १० इंच गमले वाली की कैटागिरी में रचना नैयर ने पहला, राशि गर्ग ने दूसरा तथा अजय ओबरॉय ने तीसरा स्थान अर्जित किया। कोलियस की १० इंच से ज्यादा कैटागिरी में डीएवी गल्र्स कालेज की प्रिंसिपल ने पहला, रचना नैयर ने दूसरा तथा राजेश नैयर ने तीसरा स्थान अर्जित किया। पॉम एंड साइक्स की कैटागिरी में राशि गर्ग ने पहला, जीएस जैन ने दूसरा तथा अजय ओबरॉय ने तीसरा स्थान अर्जित किया। छोटे लॉन की कैटागिरी में राजेश त्रेहन ने पहला, डा. डीपी बंसल ने दूसरा तथा गौरी ओबरॉय ने तीसरा स्थान अर्जित किया। बडे लॉन की कैटागिरी में भारत गर्ग ने पहला, राजेश त्रेहन ने दूसरा तथा एसपी पाहुजा ने तीसरा स्थान अर्जित किया। एकल कैटागिरी के दौरान गुलदाउदी बड़ा लावर में डीएवी गल्र्स कालेज के कश्मीरी ने पहला, अजय कुमार ने दूसरा तथा सोनिका ने तीसरा स्थान अर्जित किया। गुलदाउदी के डिफरेंट छोटे लावर कैटागिरी में डीएवी गल्र्स कालेज के सतबीर कुमार ने पहला, आंचल गर्ग ने दूसरा तथा डीएवी गल्र्स कालेज के कश्मीरी ने तीसरा स्थान अर्जित किया। कोलियस की १० इंच की कैटेगिरी में गायत्री नैयर ने पहला, ऋषभ नैयर ने दूसरा तथा राम नैयर ने तीसरा स्थान अर्जित किया। १० इंच से बड़े गमले की कैटागिरी में डीएवी गल्र्स कालेज की हिमानी ने पहला, डीएवी की एसोसिट प्रोफेसर डा. नीना बजाज ने दूसरा तथा डीएवी गल्र्स कालेज की दीपाक्षी ने तीसरा स्थान अर्जित किया। स्कुलैंट्स व कैक्टस की कैटागिरी में अनिल कुमार ने पहला,दूसरा व तीसरा स्थान अर्जित किया। बोगेनविलिया की १५ इंच कैटागिरी में रचना नैयर ने पहला, राजेश नैयर ने दूसरा तथा निर्दोष जैन ने तीसरा स्थान अर्जित किया। पॉम एंड साइक्स में ऋषभ नैयर ने पहला, पवित्र चोपड़ा ने दूसरा तथा शिल्पा ने तीसरा स्थान अर्जित किया।
संस्थाओं से आए गुलदाउदी बड़ा फूल एक से ज्यादा कैटागिरी में डीएवी गल्र्स कालेज ने पहला, इस्जैक ने दूसरा तथा नीलगिरी प्लाइवुड ने तीसरा स्थान अर्जित किया। गुलदाउदी सिंगल में डीएवी गल्र्स कालेज ने पहला, डीएवी हॉस्टल ने दूसरा ने दूसरा तथा डीएवी डेंटल कालेज ने तीसरा स्थान अर्जित किया। गुलदाउदी छोटे फूल कैटागिरी में डीएवी गल्र्स कालेज ने पहला, यूनाइटिड टिंबर वक्र्स ने दूसरा तथा सौरभ आर्ट गैलरी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। पॉम एंड साइकस में मैट्रो प्लाइबोर्ड ने पहला , डीएवी गल्र्स कालेज ने दूसरा तथा कमल इंजीनियरिंग कारपोरेशन ने तीसरा स्थान अर्जित किया। पब्लिक लॉन १००० फीट से ज्यादा की कैटागिरी में श्मशान घाट ने पहला, ग्रीन अबिन्यू पार्क तथा तिकोना पार्क ने तीसरा स्थान अर्जित किया। कैक्टस एंड स्कैयुलेंट की कैटागिरी में डीएवी गल्र्स कालेज ने पहला, यूनाइटिड टिंबर वक्र्स तथा इस्जैक ने तीसरा स्थान अर्जित किया। बोगनविला की १५ इंच की कैटागिरी में डीएवी गल्र्स कालेज ने पहला, इरोल एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड ने दूसरा तथा उत्तर भारत उद्योग प्राइवेट लिमिटेड ने तीसरा स्थान अर्जित किया। इससे बड़ी कैटागिरी में डीएवी गल्र्स कालेज ने पहला तथा इस्जैक ने दूसरा स्थान अर्जित किया। ग्रीन फोलिएज़ की १२ इंच कैटागिरी में हिंदूस्तान टेस्ट हाउस ने पहला, यूनाइटिड टिंबर वक्र्स ने दूसरा तथा डीएवी गल्र्स कालेज ने तीसरा स्थान अर्जित किया। ग्रीन फोलिएज़ की १२ इंच से ज्यादा बड़ी कैटागिरी में इस्जैक ने पहला, डीएवी गल्र्स कालेज व इरोल एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड ने संयुक्त रूप से दूसरा तथा डीएवी हॉस्टल व इरोल एक्सपोर्ट ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान अर्जित किया। कोलिएस १० इंच की कैटागिरी में हिंदूस्तान टेस्ट हाउस, इस्जैक ने दूसरा तथा हिंदूस्तान टेस्ट हाउस-दो ने तीसरा स्थान अर्जित किया। कोलिएस की १० इंच से बड़ी कैटागिरी में डीएवी गल्र्स कालेज ने पहला, डीएवी हॉस्टल ने दूसरा तथा बीडी नैयर एंड संस ने तीसरा स्थान अर्जित किया। बॉनसाइ की छोटी कैटागिरी में संयुक्ता ओबरॉय ने पहला, संजय पाहूजा ने दूसरा तथा देवांगी जैन ने तीसरा स्थान अर्जित किया। मेडिसनल प्लांट की कैटागिरी में वंदना गंभीर ने पहला, अर्जर जैन ने दूसरा तथा एसबी सेठ ने तीसरा स्थान अर्जित किया। सर्कल की कैटागिरी में गौरी ओबरॉय ने पहला, जीएस जैन ने दूसरा तथा ललित सलूजा ने तीसरा स्थान अर्जित किया।

Saturday 1 December 2012

मेहंदी में अपराजिता व ज्योति तथा भाषण में उर्वशी ने मारी बाजी CITY NEWS YNR




        मेहंदी में अपराजिता व ज्योति तथा भाषण में उर्वशी ने मारी बाजी

यमुनानगर। डीएवी गल्र्स कालेज में राष्ट्रीय सा प्रदायिक सद्भावना सप्ताह के तहत शनिवार को मेहंदी व भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें कालेज की १५० से ज्यादा छात्राओं ने भाग लिया। भाषण प्रतियोगिता के दौरान छात्राओं ने सा प्रदायिक सद्भावना से संबंधित विचार रखें, वहीं मेहंदी प्रतियोगिता में उन्होंने राष्ट्रीय सद्भावना का परिचय दिया। मेहंदी प्रतियोगिता में एमएससी अंतिम वर्ष की छात्रा अपराजिता व एम कॉम प्रथम वर्ष की छात्रा ज्योति ने संयुक्त रूप से पहला स्थान अर्जित किया। जबकि भाषण प्रतियोगिता में बी-कॉम द्वितीय वर्ष की उर्वशी पहले स्थान पर रही। विजेता प्रतिभागियों को कालेज प्रिंसिपल डा. सुषमा आर्या ने स मानित किया।
कालेज प्रिंसिपल डा. सुषमा आर्या ने कहा कि प्रतियोगिताओं का मु य उद्देश्य छात्राओं में संप्रदायिक सद्भावना व राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि जब तक युवा राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए आगे नहीं आएंगे, तब तक देश का विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि विश्व में प्रेम और सद्भावना से बढ़कर कोई चीज नहीं है। उन्होंने छात्राओं से आह्वान किया कि वे कौमी एकता को बढ़ावा देने के लिए आगे आएं तथा लोगों को जागरूक करें।
विमेन सेल इंचार्ज एवं एसोसिएट प्रोफेसर विवेक नरूला ने बताया कि सांप्रदायिक सद्भावना सप्ताह के तहत कालेज में स्लोगन, पोस्टर,भाषण, कोलॉज व मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं के जरिए छात्राओं को राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना का संदेश दिया गया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों में भाग लेने से जहां छात्राओं में एकता कि भावना पनपती है, वहीं जातीय भेदभाव भी समाप्त होते हैं। मेहंदी प्रतियोगिता में होम साइंस विभाग से आभा खेतरपाल, कॉस्मोटोलॉजी विभाग से रितू शर्मा व फैशन डिजाइनिंग विभाग से डोली ने निर्णायक मंडल की भूमिका निभाई। जबकि भाषण प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में वाणिज्य विभाग से विवेक नरूला, मीनू गुलाटी व पूजा सिंदवानी तथा अंग्रेजी विभाग से गीता शर्मा शामिल रही।
इस प्रकार रहा परिणाम-
मेहंदी प्रतियोगिता में एमएससी अंतिम वर्ष की छात्रा अपराजिता व एम कॉम प्रथम वर्ष की छात्रा ज्योति ने संयुक्त रूप से पहला, बीसीए द्वितीय वर्ष की पलक दत्त व बीएससी कंप्यूटर साइंस द्वितीय वर्ष की निष्ठा ने संयुक्त रूप से दूसरा तथा बीएससी अंतिम वर्ष की अंजली रानी व बी-कॉम प्रथम वर्ष की रूपा ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान अर्जित किया। जबकि बी-कॉम अंतिम वर्ष की अन्नू राणा को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। भाषण प्रतियोगिता में बी-कॉम द्वितीय वर्ष की उर्वशी पहला, बी-कॉम प्रथम वर्ष की गौरी गांधी ने दूसरा तथा बी-कॉम प्रथम वर्ष की अंजना ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।