12 12 और 12 और वह भी 12 साल के बाद 12 बजकर 12 मिन्ट पर खुशी की किल्लकारी
12 12 और 12 और वह भी 12 साल के बाद 12 बजकर 12 मिन्ट यमुनानगर के एक परिवार मे खुशी की किल्लारियां गंजू उठी हालाकि आज के दिन को एक यादगार बनाने के लिए अपने बच्चों का जन्म करवाते है लेकिन यमुनानगर के एक निजी अस्पताल में यहा एक बच्चों को प्लान करवाया तो वही दूसरी तरफ एक परिवार के घर 12 साल के बाद खुशी ने आगाज किया दोनों ही परिवार में खुशी का महौल है क्योंकि एक के घर 12 साल के बाद तो दूसरे के घर आज 17 साल के बाद खुशी आई है
यमुनानगर के एक निजी अस्पताल में आज 12 बजकर खुशी की लहर दौड पडी क्योंकि इस अस्पताल में आज दो डिलिवरी हुई है और उसमें भी एक 12 साल के बाद तो दूसरी 17 साल के बाद हालाकि इस दिन को लोग महूरत की शक्ल में याद रखने के लिए प्लान करवाते है लेकिन यहा का तो मामला ही कुछ और था क्योंकि यमुनानगर के प्रेम नगर निवासी प्रदीप कोहली की शादी को 12 साल बीत गए थे लेकिन घर में खुशी का आगाज नही हुआ लेकिन आज जब हुआ तो इस लम्हे को कोई भी बुला नही सकता क्योंकि प्रदीप कोहली के घर आज 12 साल के बाद जो खुशी आई है वह भी 12 ही 12 में तबदील हो गई क्योंकि एक तो शादी के 12 साल पूरे हुए तो दूसरी तरफ आज का दिन भी 12 तरीख 12 वां महीना और साल भी 12 यही नही इनके घर जो मासूम आया है वह भी 12 बजकर 12 मिन्ट पर है न करिशमा लेकिन इस लम्हे को याद रखने के साथ साथ परिवार को लोग इसको एक करिशमा मान रहे है और कह रहे है कि भगवान ने उनको यह दिन देना था और तभी इतना लंबा इंतजार करना पडा और खुशी में प्रदीप के साथ यहा अस्पताल के स्टाफ खुशी मना रहा है तो दूसरी तरफ लोगों के बधाई देने का भी तांता लगा हुआ है
प्रदीप के घर तो 12 साल के बाद भगवान ने ऐसा समय दिया िकवह 12 जैसे शब्द को भुला भी नही सकेंगे लेकिन वही अंजू के घर 17 साल के बाद खुशी लौटी है क्योंकि अंजू के घर 17 साल के बाद संतान हुई है और वह भी एक कन्या के रूप में दराअस्ल 17 साल के बाद अंजू के घर जो खुशी आई है उसे वह एक यादागार के रूप में रखना चाहते थे और उन्होंने जानबूझ कर ही इस दिन को चुना हालाकि आज 12 12 और 12 में अंजू भी भागीदार हो गई लेकिन उसके घर 12 बजकर 12 मिन्ट की जगह 12 बजकर तीन मिन्ट पर जरूर लडकी पैदा हुई हालाकि इस पूरे मामले में दोनों ही परिवार के लोग खुशी के मारे फूले नही समा रहे और इस खुशी के महौल में डाक्टर भी उनके साथ बराबर हकदार बने हुए है तभी अस्पताल में यहा दवाईया ही दवाईया नजर आती है और आज इस खुशी के अवसर पर आज दवाई की जगह मिठाई नजर आ रही है
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