Sunday, 3 March 2013
पीठ थपथपाने इंग्लैंड से आए डा. राबर्ट CITY NEWS YNR
यमुना सेवा समिति की पीठ थपथपाने इंग्लैंड से आए थेम्स नदी को बचाने वाले डा. राबर्ट
जैविक खेती के माध्यम से यमुना और सहायक नदियों को किया प्रदूषण मुक्त
विनोद धीमान
जगाधरीवर्कशाप। यमुना नदी को प्रदूषित करने के लिए केवल फैक्ट्रियों से निकलने वाले कैमिकल युक्त पानी ही जिम्मेदार नहीं है। रासायनिक खेती से भी इस पवित्र नदी का जल जहरीला हो रहा है। यमुना को रासयनिक खेती जनित प्रदूषण से निजात दिलाने में यमुना सेवा समिति ने मिसाल कायम की है। इस उपलब्धि के लिए समिति को उसकी सहायक संस्था दिल्ली की पीस इंस्टीट्यूट चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से प्रथम पुरस्कार दिया गया है। यह संस्था इंग्लैंड के थे स रीवर ट्रस्ट के साथ मिलकर यमुना के पुर्नजीवन और उसे प्रदूषण मुक्त करने में जुटी हुई है। थेमस रीवर ट्रस्ट के संस्थापक डा. राबर्ट कोट्स ने लंदन में बहने वाली थेमस नदी को प्रदूषण मुक्त कर विश्व भर में अपनी पहचान बनाई है। राबर्ट कोट्स अपने साथियों के साथ कनालसी गांव पहुंचें और समिति पदाधिकारियों और सदस्यों की पीठ थपथपाई।
यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए पीस इंस्टीट्यूट चैरिटेबल ट्रस्ट पिछले चार साल से कार्य कर रही है। इसके लिए यमुनौत्री से इलाहाबाद तक बहने वाली 1370 किलोमीटर लंबी यमुना के किनारे कुल 10 समितियां बनाई गई हैं। ये समितियां पीस इंस्टीट्यूट चैरिटेबल ट्रस्ट के निर्देशानुसार यमुना को प्रदूषण मुक्त करने के लिए कार्य कर रही हैं। इनमें से यमुना सेवा समिति ने अपने क्षेत्र में बहने वाली यमुना, सोम और थपाना नदी को पूरी तरह प्रदूषण मुक्त कर दिया है। यह कार्य नदी के किनारों पर जैविक खेती के माध्यम से किया गया है। पीस इंस्टीट्यूट चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से एक मार्च को दिल्ली में यमुना सेवा समिति को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया। यमुना सेवा समिति के कार्यों से प्रभावित होकर थे स रीवर ट्रस्ट के संस्थापक डा. राबर्ट कोट्स, पीटरस्प्लेट, सू वर्डले रविवार को इंग्लैंड से यमुनानगर के कनालसी गांव पहुंचें। उनके साथ पीस इंस्टीट्यूट चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक मनोज मिश्रा भी थे।
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