Sunday, 27 May 2012

डिग्री लेकर गदगद हुए विद्यार्थी CITY NEWS YNR


                                  डिग्री लेकर गदगद हुए विद्यार्थी
यमुनानगर। गुरू नानक खालसा कॉलेज में आयोजित दीक्षांत समारोह में 500 ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट छात्र-छात्राओं को डिग्रियां बांटी गई। इस अवसर पर डीसी अशोक सांगवान ने कहा कि शिक्षा मात्र डिग्रियां प्राप्त करना ही नहीं है। शिक्षा मनुष्य का सर्वांगिण विकास करती है और सच्चे अर्थों में मनुष्य को मानव बनाती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत वह बदलते हुए आर्थिक परिदृश्य  और बढ़ती प्रतिर्स्पधाओं में कदम रख रहे है। परंतु वह इन चुनोतियों से घबराएं नहीं और कठिन परिश्रम, पूर्ण आत्म विश्वास, कड़ी मेहनत से कार्य करते हुए अपना लक्ष्य प्राप्त करने तक अपना संघर्ष जारी रखें। उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं से आहवान् किया कि वह जहां भी जाए वह अपने माता-पिता, गुरूजनों, अपनी संस्था और अपने संस्कारों को हमेशा याद रखें और देश में व्याप्त समस्याओं का निराकरण करने में सहयोग करने के साथ-साथ दलितोत्थान में अपना योगदान दें। उन्होनें कहा कि आज हमारे देश में लड़कियां भी  किसी प्रकार से लड़कों से कम नहीं हैं। वह भी  प्रत्येक क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं इसलिए छात्राओं को चाहिए कि वह भी  मेधावी छात्राओं से प्रेरणा लेते हुए जीवन में अग्रसर हो। कॉलेज प्रबंधक समिति के चेयरमैन सरदार भपेंद्र सिंह जौहर ने छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन उमंग और उत्साह से भरपूर है क्योंकि प्रत्येक विद्यार्थी आज के दिन की उत्कंठा से प्रतीक्षा करता है वहीं उनके माता-पिता अपने आपको भाग्यशाली समझते हैं कि उनके बच्चों ने शिक्षा के सफ र को पूरा कर लिया है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वह अपने गुरूओं की कुर्बानियों को याद रखते हुए देश की एकता और अखंडता के लिए कार्य करें और अपना भविष्य उज्जवल बनाने के लिए अच्छे रोजगार अपनाएं। कॉलेज की प्राचार्या डॉ. विरेंद्र कौर ने कॉलेज की शैक्षिक, खेलकूद, रक्तदान और समाजसेवा के क्षेत्र में उपलब्धियों संबंधी संक्षिप्त रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि कॉलेज के द्वारा विद्यार्थियों के चहुमुखी विकास के लिए भरसक प्रयास किए जाते है जिनके चलते विनीत शर्मा, सुनीता, कविता और अंकुर शर्मा जैसे विद्यार्थियों ने कॉलेज का नाम अंर्तराष्टÑीय स्तर पर रोशन किया है। कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि को सिरोपा, कृपाण और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर खालसा शिक्षण संस्थाओं के महा निदेशक डॉ. महेंद्र सिंह, वित्त सचिव सुरजीत सिंह, महासचिव गुरशरण सिंह चावला, सरदार हरभजन सिंह अलघ, कॉलेज के प्राध्यापक तथा भरी संख्या में उपाधियां प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।





स्कूल में तैयार हो रहा था मिल्क केक CITY NEWS YNR



                   स्कूल में तैयार हो रहा था मिल्क केक
  पुलिस व स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर की रेड जांच के लिए भेजे सेंपल

यमुनानगर। स्वास्थ्य विभाग व पुलिस की टीम ने संयुक्त रूप से अंटावा गांव के एक स्कूल में छापा मारकर वहां से भारी मात्रा में मिलावटी मिल्क केक बरामद किया है। हालांकि स्कूल में बच्चे नहीं पढ़ाए जा रहे थे, लेकिन बाहर स्कूल का बोर्ड टंगा हुआ था। मौके से पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम को भारी मात्रा में मिल्क केक बरामद हुआ है।
रेडिंग टीम में शामिल अधिकारी यह देखकर दंग रह गए कि स्कूल भवन में बच्चे नहीं पढ़ रहे थे बल्कि मिल्क केक तैयार किया जा रहा था। मौके से इस टीम ने कर्इं दर्जन बॉक्स मिलावटी मिल्क केक के भी बरामद किए। वैसे इस स्कूल का नाम न्यू आदर्श रहा है, लेकिन इस स्कूल में आदर्श तो कहीं नहीं नजर आया बल्कि नकली मिल्क केक बनाने का कारोबार ही चारों तरफ नजर आया। जानकारी के अनुसार लंबे समय से यहां पर यह धंधा चल रहा था। स्कूल के अंदर ही आग की भट्ठियां भी चल रही थी, लेकिन आसपास के लोगों को इसकी भनक तक नहीं थी। यहां तक की इस गांव से चंद कदम दूर ही पुलिस चौंकी भी है। इस स्कूल से मिल्क केक तैयार कर सप्लाई भी किया जाता रहा है लेकिन इसके बावजूद पुलिस को इस संदर्भ में कोई संदेह नहीं हुआ।  स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मौके पर बरामद मिल्क केक को पुलिस बल की मौजूदगी में अपने कब्जे में लेकर उसके सैंपल जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज दिए है। फिलहाल  समाचार लिखे जाने तक पुलिस ने किसी प्रकार की कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की थी। हालांकि बरामद मिल्क केक नकली है या नहीं। यह तो सैंपल की रिपोर्ट आने के बात ही पता चल पाएगा, लेकिन इतना तो अवश्य तय है कि जब यह काम चोरी छिपे वह भी एक स्कूल के नाम की आड़ में हो रहा था तो अवश्य ही इसमें कुछ काला होगा।

तीन दिन से इनको पकड़ने की तैयारी चल रही थी, लेकिन सबूत न मिलने के कारण स्कूल इन पर हाथ नहीं डाल रही थी। पुलिस ने स्तर पर भी मामले की जांच आरंभ कर दी है।
सुरेश कौशिक, डीएसपी, यमुनानगर।

मौके से सूजी, मिल्क पाऊडर व शूगर व मिल्क केक सेंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं।
केके शर्मा, खाद्य निरीक्षक, यमुनानगर।




Monday, 14 May 2012

पीजी मालिकों पर पुलिसिया शिकंजे की तैयारी CITY NEWS YNR



    पीजी मालिकों पर पुलिसिया शिकंजे की तैयारी
                    शहर में 150 से ज्यादा चह रहे हैं पीजी

विनोद धीमान
जगाधरी वर्कशॉप। शहर के पीजी हॉस्टलों में आखिर कौन रहता है? पुलिस इसकी पूरी स्क्रीनिंग करेगी। पेंइंग गेस्ट (पीजी) में रहने वाले शख्स का रिकॉर्ड दर्ज किया जाएगा। यमुनानगर संवेदनशील इलाका है, इसके चलते पुलिस कप्तान मितेश जैन ने इसके लिए एक योजना तैयार कर ली है। स थाने व चौकी प्रभरियों को जल्द ही इसके दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।
सूत्रों की माने तो इस समय शहर में 150 से ज्यादा पीजी चल रहे हैं। जगह-जगह पीजी खुलने के साथ उसमें बाहर से आकर रहने वालों की संख्या भी  बढ़ गई है। मगर वे कौन हैं, और कहां से आए, क्या करते हैं और उनका कोई क्रिमिनल बैक ग्राउंड तो नही? इसका न तो पुलिस के पास और न ही पीजी मलिक के पास कोई रिकार्ड है। ऐसे में शहर में बाहर से आकर रहने वाला एक बड़ा तबका पूरी तरह पुलिस की निगाह से बाहर है। पुलिस अब सभी पीजी व हॉस्टलों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है, क्योंकि मालिक इनको सिर्फ विश्वास के आधार पर अपने पीजी में रख लेते हैं लेकिन कभी  भी  उनका  पिछला रिकार्ड जानने की कोशिश नहीं करते। पीजी मलिकों की इस तरह की लापरवाही कभी  भी शहर पर भरी पड़ सकती है क्योंकि ये मालिक अपनी मोटी कमाई के चक्कर में ज्यादा गहराई तक नही जाते और ऐसे में बाहर से आकर रहने वाला कौन है इसका पता नही चल पता।  
मोटा पैसा ऐठते हैं, सुविधा नामात्र
यमुनानगर जिला हिमाचल व उत्तर प्रदेश दो राज्यों की सीमाओं पर पड़ता है। इंडस्ट्रियल हब के साथ-साथ यह जिला एजुकेशन की हब भी माना जाता है और यहां 150 से ज्यादा पीजी चल रहे हैं। इनमें करीब छ हजार विद्यार्थी व अन्य व्यक्ति रहते हं। घर जैसी सुविधा देने के नाम पर पीजी मलिक उनसे मोटी रकम वसूल रहे हं। ऐसे मे ये न तो उनकी पूरी जानकारी खुद रखते हैं और न ही पुलिस को जानकारी देते हैं। ऐसे मे जब कोई शहर में वारदात होती है, तो पुलिस को अरोपी तक पहुचने मे कड़ी मशक्त करनी पड़ती है। अभी  हाल ही में कुछ वारदतों में देखने में आया है कि घटना को अंजाम देने वाले युवा छात्र व अच्छे घरों के लड़के ही हैं जो कहीं न कहीं अपने शौक व खर्चों को पूरा करने के लिए ऐसा करते हैं। ऐसे में प्रशासन की और से पीजी व हॉस्टल के कोई नियम पूरी तरह से स्पष्ट न होने के कारण भी  ये मालिक मोटी रकम वसूल रहे हं।
विभग को भी लगा रहे चूना
वैसे तो कोई भी  भवन जहां लोग आकर रुकते हैं वह कमर्शियल की श्रेणी में आते हैं। ऐसे में इन्हे मिलने वाला पानी, बिजली व अन्य सुविधाओं का भी कमर्शियल कनेक्शन लेना होता है। ऐसे मालिक सब कुछ घरेलू बिल देकर ही उन सब सुविधाओं का ला·ा ले विभाग को भी चूना लगा रहे हंै।
घटना को दे चुके हैं अंजाम
पिछले दिनों 16 फरवरी को कांसापुर व हंरबस पुरा के रहने वाले विजय व नितिन ने लक्ष्मी नगर के विकास का अपहरण कर हत्या कर दी थी। दोनों ंआरोपी अच्छे कॉलेजों के छात्र थे। हाल ही में नौ मई को चंडीगढ़ पुलिस ने यमुनानगर की तीन लड़कियों को एटीएम तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उनमें से दो स्टूडेंट थी। पकड़ी गई तीन लड़कियों में से एक लड़की मल्लिका अंबाला के एक पॉलिटेक्नीक से डिप्लोमा कर रही थी। दूसरी लड़की मेघा पढ़ाई के साथ-साथ मोहाली के एक कॉल सेंटर में भी काम कर रही थी। कहीं न कहीं उन्होंने अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के चलते इस कार्य को अंजाम दिया था। यमुनानगर में सैकड़ों बाहरी युवक व युवतियां हॉस्टल व पीजी में रह रहे हैं। उनमें से ज्यादातर का पुलिस के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है।
वर्जन
अ·ाी कोई ·ाी पीजी निगम के पास रजिस्टर्ड नहीं है। निगम के नियमों के मुताबिक सर्वें करवाकर यह पता लगाया जाएगा कि शहर में कितने पीजी चल रहे हैं।
केके जैन, ईओ, नगर निगम, यमुनानगर
 वर्जन
इसके लिए स·ाी थानों व चौकियों के प्र·ाारी को दिशा-निर्देश दिए गए हंै ताकि बाहर से आकर रहने वाले लड़कों व लड़कियों का रिकार्ड रखा जा सके और घटना होने पर जांच में मदद मिल सके।
मितेश जैन, पुलिस अधीक्षक यमुनानगर




Saturday, 12 May 2012

एक डांट ने बदल दी जीवन की राह CITY NEWS YNR


                 एक डांट ने बदल दी जीवन की राह

यमुनानगर। एक डांट ऐसी पड़ी कि जीवन की राह ही बदल गई। सपना था कुक बनने का, लेकिन बन गई एचसीएस आफिसर। यह हकीकत है  पहले ही प्रयास में 2011 में हरियाणा सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास करके यमुनानगर में तैनात सिटी मेजिस्ट्रेट  पूजा चांवरिया के जीवन की।
कुकिंग की बेहद शौकिन पूजा चांवरिया का कहना है कि वह कुकिंग के फिल्ड में हाथ आजमाना चाहती थी। वह इस फिल्ड में करियर बनाने के साथ-साथ नाम कमाने की भी इच्छुक थी। प्लस टू पास की ही थी कि इसी दौरान दिल्ली के पूसा स्थित होटल मैनेजमेंट इंस्टीच्यूट में एडमिशन के लिए टेस्ट के फॉम निकल गए। उसने टेस्ट दिया और उसमें मेरिट लिस्ट में आ गई, लेकिन जब मम्मी-पापा को इसके बारे में पता चला तो इस बात को लेकर घर में बवाल खड़ा हो गया। घर में कोई नहीं चाहता था कि वह कुक बने। इस पर पेरेंट्स ने उसे खूब डांट पिलाई।
मामा की राह से मिली मंजिल
पूजा बताती है कि इस डांट के बारे में जब मामा सुरेंद्र कुमार को पता चला तो उन्होंने उसे ऐसी राह दिखाई कि वह पहले ही प्रयास में हरियाणा सिविल सर्विस की परीक्षा में पास हो गई। पूजा का कहना है कि मामा ने उसे कहा था कि उनकी बेटी कुक नहीं बल्कि एक बड़ी आफिसर बनेगी। आफिसर बनकर वह नाम भी कमाएगी और पब्लिक सर्विस भी करेगी। वह बताती है कि हालांकि आज वह एक आफिसर बन गई है लेकिन उसका कुकिंग का शौक अब भी खत्म नहीं हुआ है। यमुनानगर में वह अपने रेजीडेंस पर खुद ही अपना खाना बनाती है।
अंबाला में पली, बढ़ी पूजा
अंबाला सिटी की रहने वाली पूजा ने बताया कि उसने 10वीं तक पढ़ाई आरएन कपूर डीएवी स्कूल अंबला सिटी से की। उसके बाद प्लस वन व टू कॉंवेंट आफ जिजेस एंड मैरी स्कूल, अंबाला कैंट व बीबीए जीएमएन कालेज अंबाला कैंट से पास की। उन्होंने बताया कि वह पोस्ट ग्रजुऐशन (एमए) करने के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ गई। वहां उसने पब्लिक एडमिनिस्टेÑशन सब्जेक्ट में यूनिवर्सिटी को टॉप किया। टॉपर रहने पर यूनिवर्सिटी कंवोकेशन के अवसर पर कार्यक्रम कें चीफ गेस्ट सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस ने उन्हें गोल्ड मेडल से सम्मानित किया था। पूजा को पढ़ाई से बेहद प्यार है। यूनिवर्सिटी से एमए करने के बाद उन्होंने नेट भी क्लीयर किया था। अब पूजा पंजाब यूनिवर्सिटी से ही डॉ. रमनजीत कौर जौहल की गाइडेंस में पीएचडी कर रही है। उनका टॉपिक है एडमिनिस्टेÑशन आफ राइट टू इनफॉर्मेशन एक्ट 2005 इन दा स्टेट आफ हरियाणा।
एचसीएस परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद पूजा ने 12 जनवरी 2011 को टेÑनिंग के लिए ज्वाइन किया था। टेÑनिंग खत्म होने के बाद 2 जनवरी 2012 में उन्हें अपने जीवन की पहली पोस्टिंग यमुनानगर में मिली और तब से वह यहां सिटी मेजिस्टेÑट की पोस्ट पर कार्य कर रही है।
आईएएस बनना है सपना
पूजा की मंजिल एचसीएस आफिसर बनने पर ही खत्म नहीं होती। वह आईएएस आफिसर बनना चाहती है, ताकि समाज के लिए और अच्छे ढंग से कार्य किया जा सके। उन्होंने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है और अगले साल उनका यूपीएससी की परीक्षा देने का इरादा है। एचसीएस से पहले पूजा ने यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की  असिस्टेंट कमांडेंट की परीक्षा दी थी, जिसमें वह लिखित परीक्षा में क्वालीफाई कर गई थी लेकिन सलेक्शन नहीं हो सकी थी। इसी तरह राजस्थान एडमिनिस्टेÑटिव सर्विस में भी वह केवल .95 प्रतिशत अंक से सलेक्शन से वंचित रह गई थी। पूजा का 2010 में आरटीआई पर शोध पेपर भी छपा था।
बिना कोचिंग पास की परीक्षा
पूजा ने बताया कि उसने परीक्षा की तैयारी सेल्फ स्टड़ी से की। केवल इंटरव्यू के लिए मॉक कोचिंग इसलिए लेनी पड़ी थी, क्योंकि इंटरव्यू से कुछ समय पहले ही एक संबंधी की मौत हो गई थी, जिसकी वजह से वह इंटरव्यू की अच्छी तरह से तैयारी नहीं कर पाई थी। उन्होंने कहा कि जीवन में सफल होने के लिए हार्ड वर्क व डेडिकेशन जरूरी है। चाहे थोड़ा पढ़ो, लेकिन पढ़ो नियमित और पढ़ते समय क्वेनटिटि की बजाए क्वालिटी पर ध्यान देना चाहिए। जो भी करो 100 प्रतिशत दिल लगाकर करो, सफलता जरूर मिलेगी।

Saturday, 5 May 2012

लाईट...म्यूजिक...एक्शन CITY NEWS YNR





                    लाईट...म्यूजिक...एक्शन
                            थिएटर की दुनिया से कराया रूबरू

 लाईट... म्यूजिक... एक्शन। कुछ इसी अंदाज में एमएलएन कॉलेज हॉल में गुरुवार देर शाम एनएसडी के तत्वावधान में शुरु हुआ थिएटर फेस्टिवल। जहां यायावर गु्रप के कलाकारों ने विभिन्न नाट्य कलाओं का मंचन किया।
एनएसडी (नेशनल स्कूल आफ ड्रामा) की ओर से कराए गए इस कार्यक्रम के शुभारंभ के मौके पर डीसी आशोक सांगवान उपस्थित रहे, जिन्होंने दीप प्रज्जवलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। दो दिवसीय इस थिएटर फेस्टिवल में गुरुवार को पहले दिन महान लेखक एंटन चेखव, विजय दान और फणीश्वर नाथ रेणु रचित नाटकों ‘चेखव की दुनिया’, ‘आजमजाद’ और ‘पंच लाइट’ का मंचन किया गया। कॉलेज के हॉल में आयोजित इस थिएटर आर्ट को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में दर्शक मौजूद थे। यायावर गु्रप के कलाकारों ने अपनी अद्दभुत अभिनय से उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कलाकारों द्वारा मनोरंजन के साथ-साथ सामजिक कुरीतियों पर भी चोट करते हुए मंचन किया गया। इस पर वहां मौजूद दर्शकों ने कलाकारों के अभिनय की प्रशंसा में खूब तालियां  बजाई।
थिएटर का मानवीय संवेदनाओं पर गहर प्रभाव
थिएटर फेस्टिवल का निर्देशन कर रहे रंजीत कपूर ने बताया कि नाटकों के माध्यम से मानवीय संवेदनाओं को व्यक्त किया जा सकता है। थिएटर ही वह मंच है, जहां आम आदमी के समाजिक ताने-बाने व आपसी रिश्तों की मर्यादा का दर्शकों के जहर पर गहरा प्रभाव छोड़ा जा सकता है। दर्शकों ने प्रत्येक दिल तक पहुंचे संवाद पर दिल खोल कर तालियां बजाकर कलाकारों को दाद दी।


थिएटर की ओर लौट रहे है दर्शक
एमएलएन कॉलेज में विभिन्न नाट्य कहानियों का मंचन करने उपरांत  एनएसडी के यायावर गु्रप के कलाकारों ने बताया कि आज फिल्म और टीवी सीरियल सपने बेचते हैं। जबकि थियेटर यथार्थ से परिचित कराता है। उन्होंने कहा कि बदलते समय के मुताबिक अब दर्शक पुन: थियेटर की ओर लौटने लगे है। गु्रप में शामिल कलाकार जावेद इब्राहिम ने बताया कि वह पिछले छह साल से थिएटर के साथ जुड़ा हुआ है। जावेद ने बताया कि थिएटर ही वह मंच है जहां कलाकार को प्रतिभा का निखारने का मौका मिलता है।






Friday, 4 May 2012

शब्दों का जाल चला रहे फास CITY NEWS YNR



                शब्दों का जाल चला रहे फास


                      भले भाले लोगों को फांस रहे हैं तांत्रिक
                      जादू-टोने के नाम पर ऐंठते हैं मोटे पैसे

विनोद धीमान
जगाधरी वर्कशाप। शमां तूफानों में जल सकती हैं, कश्ती भावर से निकल सकती है, मायूस न हो, दुआ भी  तकदीर बदल सकती है, चैलेंज देने वालों से सावधान, खुदा नहीं वह है इंसान, मेरे पास आपकी हर समस्या का समाधान, खुदा ने चाहा तो आपको खून के आंसू रोने नहीं दूंगा, 101 परसेंट गारंटी के साथ आपकी हर समस्या का समाधान करूगा, सबको आजमाया बार-बार मुझे आजमाओं एक बार, हर-एक दुख भलांएगे, मंजिल तक पहुंचाएंगे, माई प्रोमिस  11 मिन्टों में 101 फीसदी समाधान, खतरनाक समस्याओं का तूफानी समाधान, जैसा चाहोगे, वैसा पाओगे, हमसे पहले काम करने वाले को मुंह मांगा ईनाम, माई प्रोमिस प्यार टूटने नही दूंगा, आपकी हर मुश्किल दूर कर दूंगा, जी हां, यही वह जुमले हैं। जिनकी बदोलत तंत्र मंत्र व काले जादू का खौफ दिखा तांत्रिक प्यार मुहब्बत में कामयाबी से लेकर दुश्मन को ठिकाने लगाने जैसी समस्याओं को चुटकियों  में हल करने का दावा कर आम लोगों को अपने जाल में फांस लेते हं। कोई 11 घंटे तो कोई 72 घंटे में समाधान का दावा करता है, तो कोई काम की 100 फीसदी गारंटी देता है। खुद को रूहानी ईल्म, बंगाली जादू, तांत्रिक सिद्ध शक्तियों, खतरनाक रूहानी ताकतों आदि का बेताज बादशाह बताकर लोगों को इस कदर भरमित किया जाता है कि वह प्रभवित होकर इनके पास पहुंचता है और फिर 101 से 501 रूपए तक की कंसल्टेशन फीस लेने के बाद परेशान व्यक्ति को इस कदर फांसा जाता है, कि वह इन तात्रिकों के चंगुल से कभी  निकल ही नहीं पाता। यही नहीं तंत्र शक्तियों में कोई 30 वर्ष का तो कोई 40 वर्ष का अनुभव बताता है। कोई 72 घंटे, कोई 21 घंटे तो कोई एक घंटे में हर समस्या के हल का दावा करता है। कुल मिलाकर कोशिश बस शिकार फांसने की होती है। इसी वजह से परेशान व्यक्ति आसानी से तांत्रिक के चुंगल में फंस जाता है। शब्दों के भरमजाल का यह पाशा इस तरह से फेंका जाता है कि एक बार इनके मोहपाश में फंस गया, फिर सारी जमा-पंजी लुटाने के बाद ही उसे होश आता है।
मजेदार बात यह है कि हर तांत्रिक अपने विज्ञापनों और होड़िग में फ्री सेवा का दावा करता है। फीस नहीं, ईनाम लूंगा, फ्री सेवा, फ्री सेवा, कहकर शब्दों के जाल में परेशान व्यक्ति को अपनी तरफ खिंचा जाता है और जब यह तांत्रिकों के पास पहुंचता है तो फिर शुरूआत में छोटी-मोटी फीस लेने के बाद उसे तरह-तरह से डराकर काली कमाई की दुनिया में फांस लिया जाता है।
समाधान का दावा
झूठ व लालच की बुनियाद पर खड़े तंत्र-मंत्र के लिए संसार में ये तांत्रिक अपने गौरख धंधे को चमका काली कमाई के लिए सरकारी नौकारी, कारोबार, पति-पत्नी में अनबन, विदेश यात्रा में रुकावट, संतान प्राप्ति या संतान पैदा होकर मर जाना, दुश्मन व सौतन से छुटकारा, घर में खून के छिंटे आना, खिलाया-पिलाया, जादू- टोना, मनचाहा वशीकरण यानी किसी को भी वश में करना, बीमारी में दवा का न लगना, कोर्ट-कचहरी के मामले, ड़रावने सपने आना, कपडें कटना, लव मैरिज, प्यार में धोखा, फसल को नुकसान पहुंचना जैसी कई समस्याओं का चुटकियों में हल करने का दावा करते हं। दूसरों की परेशानी हल हो न हो लेकिन तांत्रिक जेबें भरकर अपनी समस्या जरूर हल कर लेते हैं। हालांकि शहर से इस प्रकार के किसी तांत्रिक का प्रचार नहीं हो रहा, लेकिन पड़ोसी जिले के कुछ तांत्रिक जिले में पर्चें बांटकर इसी प्रकार का प्रचार कर रहे हैं।
बॉक्स
ऐसे तांत्रिकों के खिलाफ प्रशासन भी  आंखें बंद करके बैठा है जिस विभाग को इसके ऊपर कार्रवाई करनी चाहिए वह भी  अपनी जिम्मेदारी से या तो मुंह मोड़ता है या फिर शिकायत मिलने की बात करता है। ऐसे में शिकायत कर्ता न मिलने के चलते विभाग तो अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है परंतु कहीं न कहीं ये तांत्रिक लोगों को गुमराह कर अपनी जेबें भरने पर लगे हैं। ऐसे में प्रशासन को भी  अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए या तो लोगों को जागरूक करना चाहिए या फिर तांत्रिकों पर लगाम कसनी चाहिए।

जागरूक होने की जरूरत
पंडित उदयवीर शास्त्री के अनुसार यह हमारी दैवीय शक्तियों का अपमान है। ऐसे लोग परेशान लोगों को भरमित कर लूट खसोट का काम करते हैं। ऐसे में परेशान आदमी और दिक्कतों में फंस जाता है। लोगों को ऐसे पाखंड़ियों से जागरूक होने की जरूरत है।




लूट खसोट के उद्देश्य से करते हैं ये काम
लक्ष्मी नगर निवासी पुनीत कुमार का कहना है कि ऐसे लोग पहले तो किसी न किसी जरिए से आदमी को अपने चुंगल में लेते हैं और बाद में उससे लूट खसोट की नीति अपनाते हैं। साइंस के जरिए कुछ चमत्कार दिखाकर लोगों को भरमित कर उनसे गलत कार्य करा अपनी जेबों को भरते हैं परंतु परेशान आदमी का कोई भला नहीं करते इसलिए हमें खुद जागरूक होकर ऐसे लोगों से बचना चाहिए।

Tuesday, 1 May 2012

रासलीला में दिखाया प्रभु-भक्त प्रेम CITY NEWS YNR


           रासलीला में दिखाया प्रभु-भक्त प्रेम
   जगाधरी वर्कशाप। श्री राधा कृष्ण सखा मंडल द्वारा पुराना राधा स्वामी सत्संग भवन विष्णुनगर में करवाई जा रही रासलीला के तीसरे दिन श्री भक्तिमयी मीरा चरित्र का मंचन किया गया। जिसमें रासाचार्य व पद्मश्री स्वामी राम स्वरूप शर्मा ने परंपरागत ढंग से रासलीला का मंचन करवाया। आज के मंचन में श्री कृष्ण द्वारा गिरधर पर्वत को उंगली पर उठाना, भक्तिमयी मीरा के प्रभू के प्रति प्रेम और उसकी ननद उधा का हृदय परिर्वतन दिखाया गया। कंस के अत्याचारों के बढ़ने के साथ ही जब कंस ने गोकुल की तरफ अपना रुख किया तो श्री कृष्ण ने गोकुल वासियों की रक्षा करने का प्रण लिया। श्री कृष्ण गोकुल वासियों से कहते हैं कि इंद्र देवता का धर्म है

कि वे वर्षा करें और धरा को तृप्त करें। आप इसकपूजा क्यों करते हैं। पूजा ही करनी है तो श्री गोवर्धन की करें। इससे इंद्रदेव नाराज हो जाते हैं और अपनी वर्षा का प्रहार नंद गांव पर करते हैं। वर्षा इतनी अधिक होती है कि पूरे गांव में पानी भर जाता है। इंद्र देव के प्रकोप से बचाने के लिए श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लेते हैं और सभी गांव वाले पर्वत के नीचे आकर अपनी जान बचाते हैं और इंद्र देव का अभिमान टूट जाता है। मीरा पूर्व जन्म में कृष्ण जी की एक गोपी थी। उनका विवाह कृष्ण के एक सखा के साथ सम्पन्न हुआ। वह गोपी नंद गांव जाने लगी तो उसकी मां ने कहा कि तू कृष्ण का मुख मत देखना क्योंकि जो भी उसका मुख देखता है वह उसके पीछे पागल हो जाता है। गोपी मां की बात मान कृष्ण को अपना मुख नहीं दिखाती है। कृष्ण कहते हैं कि एक दिन ऐसा आएगा जब तू स्वयं मेरा मुख देखने आएगी। ऐसा ही हुआ जब कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाया तो वह समझ गई कि वह प्रभू ही हैं और वह प्रभू से माफी मांगती है और प्रभू का आर्शिवाद लेती है। प्रभू ने आर्शिवाद दिया कि कलयुग में तू मीरा के नाम से जन्म लेगी मै तूझे गिरधर गोपाल के रूप मेें मिलूंगा। मीरा का जन्म राजस्थान के मेड़वा गांव में हुआ और उनका विवाह चित्तौड़ मेें राणा भोजराज के साथ हुआ। लेकिन मीरा तो कहती मेरो तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई। पति के स्वर्गवास के बाद गद्दी पर राणा विक्रम बैठे जिन्होंने मीरा को सताना शुरु कर दिया। उनके गोपाल की चोरी कराइ पिटारे में सांप भेजा विष का प्याला पिलाया। परंतु भगवान ने मीरा की रक्षा की। अंत में मीरा वृंदावन आई और बांके बिहारी का दर्शन किया। स्वामी राम स्वरूप ने सभी भक्तों से आग्रह किया कि मौका मिले तो वृंदावन जरूर आएं और भगवान के दर्शन जरूर करें।
 पुराने राधा स्वामी सत्संग घर में जारी रासलीला में चौथे दिन द्रोपदी के चीरहरण की कथा का मंचन किया गया। चीरहरण कथा का बखान करते हुए कथा वाचक रासाचार्य व पद्म श्री स्वामी राम स्वरुप शर्मा ने उपस्थित श्रद्धालुओं खूब भाव विभौर किया। इस दौरान भक्तजन  भजनों से मंत्रमुग्ध हो गए। रासलीला में द्रोपदी चिर हरण कथा के मंचन के दौरान उन्होंने बताया कि मकर सक्रांति के पर्व पर रानी द्रोपदी गंगा स्नान करने संगम तट पर गई थी। उसी तट पर दुर्वासा ऋषि भी स्नान कर रहे थे। अचानक दुर्वासा ऋषि का अंग वस्त्र पानी में बह गया। इसी दौरान रानी द्रोपदी ने अपनी साड़ी फाड़कर ऋषि को दी।  इस घटना को देखते हुए दुर्वासा ऋषि के मुख से सहज ही यह शब्द निकल आए कि जैसे तूने मेरी लाज बचाई हैं, उसी प्रकार ईश्वर तेरी लाज बचाएंगे। कथा वाचक ने कहा कि ऐसी ही घटना उस समय घटी जब शिशुपाल ने अपनी हद पार करते हुए भगवान श्री कृष्ण को सो गालियां दे डाली। इस पर भगवान श्री कृष्ण ने सुर्दशन चक्र शिशुपाल का वध करने के लिए छोड़ा तो ध्यान भंग होने के कारण चक्र से श्री कृष्ण की अंगुली भी कट गई। अंगुली कटने से उसमें से रक्त बहने लगा। यह देखते ही द्रोपदी एक क्षण में अपनी साड़ी फाड़कर कृष्ण जी की अंगुली पर बांध देती हैं। इससे खुश होकर श्री कृष्ण द्रोपदी को कहते हैं, हे द्रोपदी समय आने पर मैं तुम्हारे लिए वस्त्रों के ढ़ेर लगा दूंगा। जब दुष्शासन द्रोपदी को केश से घसीटता हुआ भरी सभा में ले गया और वहां द्रोपदी की साड़ी उतारनी चाहिए तो, किसी को अपना सहायक न पाकर द्रोपदी श्री कृष्ण को पुकारती है। भगवान श्री कृष्ण वहां साड़ी को इतना बढ़ा देते हैं कि दुष्शासन थक जाता है।







                              

जगाधरी वर्कशाप। श्री राधा कृष्ण सखा मण्डल वर्कशाप द्वारा करवाई जा रहे रासलीला में शुक्रवार को भीष्म प्रतीज्ञा व प्रभू की चार भक्तों पर कृपा का दृष्य दिखाया गया। इससे पहले राजसू यज्ञ में भगवान सभी को अलग अलग सेवा देते हैं और अपने आप सभी के जूठे पत्तल उठाने व सभी के पांच धुलवाने का काम लेते हैं। जुएं में सारा राजपाठ हार जाने के बाद व दुर्योधन द्वारा द्रोपदी को अपनी जंघा पर बैठने को कहने के बाद भीम प्रतिज्ञा करते हैं कि गदा से इन्हीं जंघाओं को तोडूंगा। उधर, द्रोपदी प्रतिज्ञा करती है कि दुशासन के रक्त से जब तक अपने केश नहीं धोती वो केश खुले ही रखेगी। भगवान श्री कृष्ण पांडवों के शांति दूत बनकर दुर्योधन को समझाने के लिए प्रस्थान करते हैं। द्रोपदी श्री कृष्ण को अपनी प्रतिज्ञा याद दिलाती है। श्री कृष्ण दुर्योधन के स्वागत सत्कार को ठुकराकर विदूरानी के घर जाते हैं। विदुरानी को श्री कृष्ण कहते हैं कि उन्हें भूख लगी है कुछ खाने को दो। विदूरानी उन्हें केला खिलाती है। विदुरानी प्रभू के प्रेम में यह भूल जाती है कि वह प्रभू को केले का छिल्का ही खिला रही है और प्रभू खाते जा रहे हैं। प्रभू कहते हैं कि वह भाव के भूखे हैं प्रेम के भूखे हैं वस्तु के नहीं। प्रभु को प्रेम से भक्त जो भी अर्पण करते हैं वह स्वीकार कर लेते हैं। उधर दुर्योधन श्री कृष्ण की बात नहीं मानता और युद्ध होना तय हो जाता है। अर्जुन और दुर्योधन दोनो ही सहायता मांगने श्री कृष्ण के पास जाते हैं। दुर्योधन प्रभु से सेना मांगता है और अर्जुन प्रभु को ही मांग लेता है। रसाचार्य स्वामी श्री राम स्वरूप शर्मा ने भक्तों से कहा कि जिसके साथ प्रभु हैं उसे किसी प्रकार की सेना या किसी हथियार की अवश्यक्ता नहीं होती। युद्ध में नित्य पांडवों की जीत को देखकर दुर्योधन घबरा जाता है। वह पितामह भीष्म के पास जाता है और उन्हें उत्तेजित कर देता है। भीष्म प्रतिज्ञा करते हैं कि वह कृष्ण से हथियार उठवा देंगे नहीं तो पांडवों को मार देंगे। यह सुनकर पांडव निश्चित मान लेते हैं कि कल पितामह हमें मार डालेंगे। श्री कृष्ण द्रोपदी को लेकर रात्री के समय उनके शिविर में पहुंच जाते हैं। द्रोपदी उन्हें प्रणाम करती र्है। पितामह द्रौपदी को दुर्योधन की पत्नी समझ अखण्ड सौभाग्य वती होने का आर्शिवाद दे देते हैं। जब पितामह को पता चलता है कि यह द्रौपदी है तो वह श्री कृष्ण के चरणों में प्रार्थना करते हैं कि मेरी लाज अब आपके हाथ में है। श्री कृष्ण पितामह की प्रतिज्ञा को पूरा कराने के लिए अपनी प्रतिज्ञा तोड़ देते हैं।










  रासलीला ने रच दी अनौखी गाथा 
श्रीकृष्ण लीला के साथ हुआ सीता स्वंयवर का मंचन

 प्राचीन समय से भगवान श्रीकृष्ण विभिन्न रुपों का मंचन करती आई रासलीला ने अनौखी गाथा रच दी। बात जगाधरी वर्कशाप में श्रीराधा-कृष्ण मंडल के तत्वावधान में पिछले सप्ताह-भर से आयोजित की जा रही रासलीला की है। जहां शनिवार को पहली बार कुछ यूं हुआ कि मंच  कलाकारों द्वारा श्रीकृष्ण लीला के साथ रामायण के सीता स्वंयवर का मंचन भी किया गया। एक ही मंच पर भगवान श्रीकृष्ण की लीला व श्रीराम की महिमा का मंचन होता देखकर उपस्थित श्रद्धालु भाव-विभौर हुए। वहीं, सभी ने रासलीला के मंच पर रामायण का मंचन किए जाने की खूब प्रशंसा की।
शनिवार को मंडल के मंच कलाकारों के माध्यम से श्रीकृष्ण भगवान की लीला दिखाने उपरांत रामायण में हुए सीता स्वंयवर का भव्य मंचन किया गया। सीता स्वंयवर के लिए राजा जनक गुरु सततानंद को राम-लक्ष्मण सहित मुनि विश्वामित्र को बुलाते है। इस निमंत्रण पर श्रीराम-लक्ष्मण के नगर में आगमन पर नगर के सभी निवासी उनके दर्शनों के लिए उमड़ने लगते है। नगर में जैसे ही भगवान श्रीराम-लक्ष्मण प्रवेश करते है, वैसे ही नगरवासियों में उनके भव्य रुप को देखने के लिए होड़ मचने लगती है। मंच के माध्यम से बताया गया कि भगवान भक्तों की भावना अनुसार ही उन्हें दर्शन देते है। सीता स्वंयवर के लिए सभा में दस हजार राजा तथा रावण वाणासुर भी आते है। बारी-बारी सभी राजाओं ने धनुष उठाने का प्रयास किया, किंतु किसी से भी धनुष को उठाया न जा सका। यह देखकर जनक महाराज व्याकुल हो उठे और कहने लगे कि क्या इस पृथ्वी पर कोई भी वीर नहीं है, जो इस धनुष को तोड़ सके। यह सुनकर सभा में मौजूद लक्ष्मण क्रोधित हो उठते है और कहते है कि इस धनुष को वह सारे ब्रह्माण्ड में उठाकर कच्चे घडेÞ के समान फोड़ सकते है। उसी वक्त लक्ष्मण को समझाकर मुनि विश्वामित्र श्रीराम को धनुष तोड़ने की आज्ञा देते है। इस पर श्रीराम ने गुरु को प्रणाम कर धनुष समीप जाते है और धनुष समक्ष हाथ जोड़कर प्रार्थना करते है। इसके बाद श्रीराम धनुष को उठाकर उसके दोनों सिरों पर कमाल बांधकर देखते ही देखते धनुष तोड़ देते है। श्रीराम द्वारा धनुष तोड़ दिए जाने पर गुरु सतानंद की आज्ञा से सीता श्रीराम को जयमाला पहनाती है और राज जानकी का विवाह सम्पन्न होता है।
पांच कन्याओं का विवाह करवाया
श्रीराधा-कृष्ण मंडल की ओर से रासलीला में शनिवार को रासलीला के दौरान सीता स्वयंवर का मंचन किए जाने के साथ ही पांच कन्याओं का विवाह भी सम्पन्न करवाया गया। इस आयोजन पर मुख्यातिथि के रुप में गणेश गुप्ता, मदन मोहन अरोड़ा व दर्शन लाल जगोता शामिल रहे। जिनके सहयोग से ससौली माजरी की रजनी का विवाह अमादलपुर के  सुनील कुमार, गांव विलपुर की सुमन का विवाह गांव गादीपूर बिटू, अम्बेडकर विहार की कुसम का विवाह गांव बाड़ीमाजरा के राजेश कुमार, लाजपत नगर की शालू का विवाह जोगिंद्र नगर के राजन और गांव ससौली की राजबाला का विवाह रिंकू के साथ हुआ।












फूलों की होली के साथ हुआ रासलीला का समापन CITY NEWS YNR



  फूलों की होली के साथ हुआ रासलीला का समापन
होली खेलने के लिए दिल्ली से मंगवाएं गए थे फूल

जगाधरी वर्कशाप। श्री राधा कृष्ण सखा मण्डल द्वारा आयोजित रासलीला की समाप्ति पर •ाव्य ब्रज की होली खेली गई, जिसमें स•ाी नगर वासियों ने होली का •ारपूर आनंद उठाया। होली फूलों से खेली गई। आज के कार्यक्रम में मुख्य यजमान सुरेंद्र घई और रजिंद्र मोदी व सरदार हरजीत सिंह रहे। रसाचार्य व पद्मश्री स्वामी राम स्वरूप ने ब्रज की होली के बारे में विस्तार से स•ाी को बताया। उन्होंने मंच पर दिखाया कि ब्रज की होली स•ाी का अलग ही आनंद है। पंडाल •ारा फूलों सेफूलों की होली खेलने के लिए गुलाब व चमेली के फूल दिल्ली से मंगवाए गए थे। सबसे पहले ब्रज में परंपारिक लट्ठमार होली का दिखाई गई। इसमें दिखाया गया कि श्री कृष्ण अपने सखाओं के साथ व गोपियों के साथ लठमार होली खेलते थे। उसके बाद श्री कृष्ण व राधा जी पर फूलों की वर्षा की गई। फिर फूलों की वर्षा स•ाी •ाक्तों पर की गई। स•ाी •ाक्त मंच पर इस प्रकार की होली को देख रोमांचित हो रहे थे। स•ाी का कहना था कि अगले वर्ष फिर इसी प्रकार की होली कइंतजाररहेगा।
माथा टेक लिया आर्शिवाद
कार्यक्रम की समाप्ति पर स•ाी •ाक्तों ने राधा कृष्ण के चरणों को स्पर्श कर आर्शिवाद लिया। •ाक्तों की टोली मंच पर आने के लिए व्याकुल हो उठी। स•ाी ने श्री कृष्ण व राधा जी से प्रार्थना की वे अगले वर्ष •ाी इसी प्रकार से यहां आएं और स•ाी को इसी प्रकार से रासलीला व ब्रज की होली के दर्शन कराएं।नई पीढ़ी समझे •ागवान के •ाावइस मौके पर रासाचार्य व पद्मश्री स्वामी राम स्वरूप शर्मा ने स•ाी •ाक्तों से आग्रह किया कि वे रासलीला में •ागवान के •ााव को समझें और अपने जीवन में उसे अपनाएं। महाराज जी ने कहा कि नई पीढ़ी •ागवान को •ाूलती जा रही है। कुछ चलचित्र ने •ाी इस पर प्र•ााव डाला है कि लोग टीवी देखकर ही गुजारा कर लेते हैं। पहले के समय में किस प्रकार रासलीलाएं होती थी। अब उस प्रकार का समय नहीं रहा। महाराज जी ने बताया कि रासलीला करवाना आसान काम नहीं है। इसमें •ााग लेने वाले पात्र ऐसे हैं जिन्हेंं इसी का सहारा है। कुछ ऐसे हैं जो इसके साथ अपनी पढ़ाई •ाी कर रहे हैं। •ाक्तों को चाहिए कि इन स•ाी का सहयोग करें ताकि •ागवान की लीला का मंचन इसी प्रकार चलता रहे।