फूलों की होली के साथ हुआ रासलीला का समापन
होली खेलने के लिए दिल्ली से मंगवाएं गए थे फूल
जगाधरी वर्कशाप। श्री राधा कृष्ण सखा मण्डल द्वारा आयोजित रासलीला की समाप्ति पर •ाव्य ब्रज की होली खेली गई, जिसमें स•ाी नगर वासियों ने होली का •ारपूर आनंद उठाया। होली फूलों से खेली गई। आज के कार्यक्रम में मुख्य यजमान सुरेंद्र घई और रजिंद्र मोदी व सरदार हरजीत सिंह रहे। रसाचार्य व पद्मश्री स्वामी राम स्वरूप ने ब्रज की होली के बारे में विस्तार से स•ाी को बताया। उन्होंने मंच पर दिखाया कि ब्रज की होली स•ाी का अलग ही आनंद है। पंडाल •ारा फूलों सेफूलों की होली खेलने के लिए गुलाब व चमेली के फूल दिल्ली से मंगवाए गए थे। सबसे पहले ब्रज में परंपारिक लट्ठमार होली का दिखाई गई। इसमें दिखाया गया कि श्री कृष्ण अपने सखाओं के साथ व गोपियों के साथ लठमार होली खेलते थे। उसके बाद श्री कृष्ण व राधा जी पर फूलों की वर्षा की गई। फिर फूलों की वर्षा स•ाी •ाक्तों पर की गई। स•ाी •ाक्त मंच पर इस प्रकार की होली को देख रोमांचित हो रहे थे। स•ाी का कहना था कि अगले वर्ष फिर इसी प्रकार की होली कइंतजाररहेगा।
माथा टेक लिया आर्शिवाद
कार्यक्रम की समाप्ति पर स•ाी •ाक्तों ने राधा कृष्ण के चरणों को स्पर्श कर आर्शिवाद लिया। •ाक्तों की टोली मंच पर आने के लिए व्याकुल हो उठी। स•ाी ने श्री कृष्ण व राधा जी से प्रार्थना की वे अगले वर्ष •ाी इसी प्रकार से यहां आएं और स•ाी को इसी प्रकार से रासलीला व ब्रज की होली के दर्शन कराएं।नई पीढ़ी समझे •ागवान के •ाावइस मौके पर रासाचार्य व पद्मश्री स्वामी राम स्वरूप शर्मा ने स•ाी •ाक्तों से आग्रह किया कि वे रासलीला में •ागवान के •ााव को समझें और अपने जीवन में उसे अपनाएं। महाराज जी ने कहा कि नई पीढ़ी •ागवान को •ाूलती जा रही है। कुछ चलचित्र ने •ाी इस पर प्र•ााव डाला है कि लोग टीवी देखकर ही गुजारा कर लेते हैं। पहले के समय में किस प्रकार रासलीलाएं होती थी। अब उस प्रकार का समय नहीं रहा। महाराज जी ने बताया कि रासलीला करवाना आसान काम नहीं है। इसमें •ााग लेने वाले पात्र ऐसे हैं जिन्हेंं इसी का सहारा है। कुछ ऐसे हैं जो इसके साथ अपनी पढ़ाई •ाी कर रहे हैं। •ाक्तों को चाहिए कि इन स•ाी का सहयोग करें ताकि •ागवान की लीला का मंचन इसी प्रकार चलता रहे।
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