Saturday 12 May 2012

एक डांट ने बदल दी जीवन की राह CITY NEWS YNR


                 एक डांट ने बदल दी जीवन की राह

यमुनानगर। एक डांट ऐसी पड़ी कि जीवन की राह ही बदल गई। सपना था कुक बनने का, लेकिन बन गई एचसीएस आफिसर। यह हकीकत है  पहले ही प्रयास में 2011 में हरियाणा सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास करके यमुनानगर में तैनात सिटी मेजिस्ट्रेट  पूजा चांवरिया के जीवन की।
कुकिंग की बेहद शौकिन पूजा चांवरिया का कहना है कि वह कुकिंग के फिल्ड में हाथ आजमाना चाहती थी। वह इस फिल्ड में करियर बनाने के साथ-साथ नाम कमाने की भी इच्छुक थी। प्लस टू पास की ही थी कि इसी दौरान दिल्ली के पूसा स्थित होटल मैनेजमेंट इंस्टीच्यूट में एडमिशन के लिए टेस्ट के फॉम निकल गए। उसने टेस्ट दिया और उसमें मेरिट लिस्ट में आ गई, लेकिन जब मम्मी-पापा को इसके बारे में पता चला तो इस बात को लेकर घर में बवाल खड़ा हो गया। घर में कोई नहीं चाहता था कि वह कुक बने। इस पर पेरेंट्स ने उसे खूब डांट पिलाई।
मामा की राह से मिली मंजिल
पूजा बताती है कि इस डांट के बारे में जब मामा सुरेंद्र कुमार को पता चला तो उन्होंने उसे ऐसी राह दिखाई कि वह पहले ही प्रयास में हरियाणा सिविल सर्विस की परीक्षा में पास हो गई। पूजा का कहना है कि मामा ने उसे कहा था कि उनकी बेटी कुक नहीं बल्कि एक बड़ी आफिसर बनेगी। आफिसर बनकर वह नाम भी कमाएगी और पब्लिक सर्विस भी करेगी। वह बताती है कि हालांकि आज वह एक आफिसर बन गई है लेकिन उसका कुकिंग का शौक अब भी खत्म नहीं हुआ है। यमुनानगर में वह अपने रेजीडेंस पर खुद ही अपना खाना बनाती है।
अंबाला में पली, बढ़ी पूजा
अंबाला सिटी की रहने वाली पूजा ने बताया कि उसने 10वीं तक पढ़ाई आरएन कपूर डीएवी स्कूल अंबला सिटी से की। उसके बाद प्लस वन व टू कॉंवेंट आफ जिजेस एंड मैरी स्कूल, अंबाला कैंट व बीबीए जीएमएन कालेज अंबाला कैंट से पास की। उन्होंने बताया कि वह पोस्ट ग्रजुऐशन (एमए) करने के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ गई। वहां उसने पब्लिक एडमिनिस्टेÑशन सब्जेक्ट में यूनिवर्सिटी को टॉप किया। टॉपर रहने पर यूनिवर्सिटी कंवोकेशन के अवसर पर कार्यक्रम कें चीफ गेस्ट सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस ने उन्हें गोल्ड मेडल से सम्मानित किया था। पूजा को पढ़ाई से बेहद प्यार है। यूनिवर्सिटी से एमए करने के बाद उन्होंने नेट भी क्लीयर किया था। अब पूजा पंजाब यूनिवर्सिटी से ही डॉ. रमनजीत कौर जौहल की गाइडेंस में पीएचडी कर रही है। उनका टॉपिक है एडमिनिस्टेÑशन आफ राइट टू इनफॉर्मेशन एक्ट 2005 इन दा स्टेट आफ हरियाणा।
एचसीएस परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद पूजा ने 12 जनवरी 2011 को टेÑनिंग के लिए ज्वाइन किया था। टेÑनिंग खत्म होने के बाद 2 जनवरी 2012 में उन्हें अपने जीवन की पहली पोस्टिंग यमुनानगर में मिली और तब से वह यहां सिटी मेजिस्टेÑट की पोस्ट पर कार्य कर रही है।
आईएएस बनना है सपना
पूजा की मंजिल एचसीएस आफिसर बनने पर ही खत्म नहीं होती। वह आईएएस आफिसर बनना चाहती है, ताकि समाज के लिए और अच्छे ढंग से कार्य किया जा सके। उन्होंने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है और अगले साल उनका यूपीएससी की परीक्षा देने का इरादा है। एचसीएस से पहले पूजा ने यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की  असिस्टेंट कमांडेंट की परीक्षा दी थी, जिसमें वह लिखित परीक्षा में क्वालीफाई कर गई थी लेकिन सलेक्शन नहीं हो सकी थी। इसी तरह राजस्थान एडमिनिस्टेÑटिव सर्विस में भी वह केवल .95 प्रतिशत अंक से सलेक्शन से वंचित रह गई थी। पूजा का 2010 में आरटीआई पर शोध पेपर भी छपा था।
बिना कोचिंग पास की परीक्षा
पूजा ने बताया कि उसने परीक्षा की तैयारी सेल्फ स्टड़ी से की। केवल इंटरव्यू के लिए मॉक कोचिंग इसलिए लेनी पड़ी थी, क्योंकि इंटरव्यू से कुछ समय पहले ही एक संबंधी की मौत हो गई थी, जिसकी वजह से वह इंटरव्यू की अच्छी तरह से तैयारी नहीं कर पाई थी। उन्होंने कहा कि जीवन में सफल होने के लिए हार्ड वर्क व डेडिकेशन जरूरी है। चाहे थोड़ा पढ़ो, लेकिन पढ़ो नियमित और पढ़ते समय क्वेनटिटि की बजाए क्वालिटी पर ध्यान देना चाहिए। जो भी करो 100 प्रतिशत दिल लगाकर करो, सफलता जरूर मिलेगी।

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