Monday 14 May 2012

पीजी मालिकों पर पुलिसिया शिकंजे की तैयारी CITY NEWS YNR



    पीजी मालिकों पर पुलिसिया शिकंजे की तैयारी
                    शहर में 150 से ज्यादा चह रहे हैं पीजी

विनोद धीमान
जगाधरी वर्कशॉप। शहर के पीजी हॉस्टलों में आखिर कौन रहता है? पुलिस इसकी पूरी स्क्रीनिंग करेगी। पेंइंग गेस्ट (पीजी) में रहने वाले शख्स का रिकॉर्ड दर्ज किया जाएगा। यमुनानगर संवेदनशील इलाका है, इसके चलते पुलिस कप्तान मितेश जैन ने इसके लिए एक योजना तैयार कर ली है। स थाने व चौकी प्रभरियों को जल्द ही इसके दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।
सूत्रों की माने तो इस समय शहर में 150 से ज्यादा पीजी चल रहे हैं। जगह-जगह पीजी खुलने के साथ उसमें बाहर से आकर रहने वालों की संख्या भी  बढ़ गई है। मगर वे कौन हैं, और कहां से आए, क्या करते हैं और उनका कोई क्रिमिनल बैक ग्राउंड तो नही? इसका न तो पुलिस के पास और न ही पीजी मलिक के पास कोई रिकार्ड है। ऐसे में शहर में बाहर से आकर रहने वाला एक बड़ा तबका पूरी तरह पुलिस की निगाह से बाहर है। पुलिस अब सभी पीजी व हॉस्टलों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है, क्योंकि मालिक इनको सिर्फ विश्वास के आधार पर अपने पीजी में रख लेते हैं लेकिन कभी  भी  उनका  पिछला रिकार्ड जानने की कोशिश नहीं करते। पीजी मलिकों की इस तरह की लापरवाही कभी  भी शहर पर भरी पड़ सकती है क्योंकि ये मालिक अपनी मोटी कमाई के चक्कर में ज्यादा गहराई तक नही जाते और ऐसे में बाहर से आकर रहने वाला कौन है इसका पता नही चल पता।  
मोटा पैसा ऐठते हैं, सुविधा नामात्र
यमुनानगर जिला हिमाचल व उत्तर प्रदेश दो राज्यों की सीमाओं पर पड़ता है। इंडस्ट्रियल हब के साथ-साथ यह जिला एजुकेशन की हब भी माना जाता है और यहां 150 से ज्यादा पीजी चल रहे हैं। इनमें करीब छ हजार विद्यार्थी व अन्य व्यक्ति रहते हं। घर जैसी सुविधा देने के नाम पर पीजी मलिक उनसे मोटी रकम वसूल रहे हं। ऐसे मे ये न तो उनकी पूरी जानकारी खुद रखते हैं और न ही पुलिस को जानकारी देते हैं। ऐसे मे जब कोई शहर में वारदात होती है, तो पुलिस को अरोपी तक पहुचने मे कड़ी मशक्त करनी पड़ती है। अभी  हाल ही में कुछ वारदतों में देखने में आया है कि घटना को अंजाम देने वाले युवा छात्र व अच्छे घरों के लड़के ही हैं जो कहीं न कहीं अपने शौक व खर्चों को पूरा करने के लिए ऐसा करते हैं। ऐसे में प्रशासन की और से पीजी व हॉस्टल के कोई नियम पूरी तरह से स्पष्ट न होने के कारण भी  ये मालिक मोटी रकम वसूल रहे हं।
विभग को भी लगा रहे चूना
वैसे तो कोई भी  भवन जहां लोग आकर रुकते हैं वह कमर्शियल की श्रेणी में आते हैं। ऐसे में इन्हे मिलने वाला पानी, बिजली व अन्य सुविधाओं का भी कमर्शियल कनेक्शन लेना होता है। ऐसे मालिक सब कुछ घरेलू बिल देकर ही उन सब सुविधाओं का ला·ा ले विभाग को भी चूना लगा रहे हंै।
घटना को दे चुके हैं अंजाम
पिछले दिनों 16 फरवरी को कांसापुर व हंरबस पुरा के रहने वाले विजय व नितिन ने लक्ष्मी नगर के विकास का अपहरण कर हत्या कर दी थी। दोनों ंआरोपी अच्छे कॉलेजों के छात्र थे। हाल ही में नौ मई को चंडीगढ़ पुलिस ने यमुनानगर की तीन लड़कियों को एटीएम तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उनमें से दो स्टूडेंट थी। पकड़ी गई तीन लड़कियों में से एक लड़की मल्लिका अंबाला के एक पॉलिटेक्नीक से डिप्लोमा कर रही थी। दूसरी लड़की मेघा पढ़ाई के साथ-साथ मोहाली के एक कॉल सेंटर में भी काम कर रही थी। कहीं न कहीं उन्होंने अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के चलते इस कार्य को अंजाम दिया था। यमुनानगर में सैकड़ों बाहरी युवक व युवतियां हॉस्टल व पीजी में रह रहे हैं। उनमें से ज्यादातर का पुलिस के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है।
वर्जन
अ·ाी कोई ·ाी पीजी निगम के पास रजिस्टर्ड नहीं है। निगम के नियमों के मुताबिक सर्वें करवाकर यह पता लगाया जाएगा कि शहर में कितने पीजी चल रहे हैं।
केके जैन, ईओ, नगर निगम, यमुनानगर
 वर्जन
इसके लिए स·ाी थानों व चौकियों के प्र·ाारी को दिशा-निर्देश दिए गए हंै ताकि बाहर से आकर रहने वाले लड़कों व लड़कियों का रिकार्ड रखा जा सके और घटना होने पर जांच में मदद मिल सके।
मितेश जैन, पुलिस अधीक्षक यमुनानगर




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