लाईट...म्यूजिक...एक्शन
थिएटर की दुनिया से कराया रूबरू
लाईट... म्यूजिक... एक्शन। कुछ इसी अंदाज में एमएलएन कॉलेज हॉल में गुरुवार देर शाम एनएसडी के तत्वावधान में शुरु हुआ थिएटर फेस्टिवल। जहां यायावर गु्रप के कलाकारों ने विभिन्न नाट्य कलाओं का मंचन किया।
एनएसडी (नेशनल स्कूल आफ ड्रामा) की ओर से कराए गए इस कार्यक्रम के शुभारंभ के मौके पर डीसी आशोक सांगवान उपस्थित रहे, जिन्होंने दीप प्रज्जवलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। दो दिवसीय इस थिएटर फेस्टिवल में गुरुवार को पहले दिन महान लेखक एंटन चेखव, विजय दान और फणीश्वर नाथ रेणु रचित नाटकों ‘चेखव की दुनिया’, ‘आजमजाद’ और ‘पंच लाइट’ का मंचन किया गया। कॉलेज के हॉल में आयोजित इस थिएटर आर्ट को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में दर्शक मौजूद थे। यायावर गु्रप के कलाकारों ने अपनी अद्दभुत अभिनय से उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कलाकारों द्वारा मनोरंजन के साथ-साथ सामजिक कुरीतियों पर भी चोट करते हुए मंचन किया गया। इस पर वहां मौजूद दर्शकों ने कलाकारों के अभिनय की प्रशंसा में खूब तालियां बजाई।
थिएटर का मानवीय संवेदनाओं पर गहर प्रभाव
थिएटर फेस्टिवल का निर्देशन कर रहे रंजीत कपूर ने बताया कि नाटकों के माध्यम से मानवीय संवेदनाओं को व्यक्त किया जा सकता है। थिएटर ही वह मंच है, जहां आम आदमी के समाजिक ताने-बाने व आपसी रिश्तों की मर्यादा का दर्शकों के जहर पर गहरा प्रभाव छोड़ा जा सकता है। दर्शकों ने प्रत्येक दिल तक पहुंचे संवाद पर दिल खोल कर तालियां बजाकर कलाकारों को दाद दी।
थिएटर की ओर लौट रहे है दर्शक
एमएलएन कॉलेज में विभिन्न नाट्य कहानियों का मंचन करने उपरांत एनएसडी के यायावर गु्रप के कलाकारों ने बताया कि आज फिल्म और टीवी सीरियल सपने बेचते हैं। जबकि थियेटर यथार्थ से परिचित कराता है। उन्होंने कहा कि बदलते समय के मुताबिक अब दर्शक पुन: थियेटर की ओर लौटने लगे है। गु्रप में शामिल कलाकार जावेद इब्राहिम ने बताया कि वह पिछले छह साल से थिएटर के साथ जुड़ा हुआ है। जावेद ने बताया कि थिएटर ही वह मंच है जहां कलाकार को प्रतिभा का निखारने का मौका मिलता है।
No comments:
Post a Comment