सर्द हवा के साथ मांगा रंजन के लिए इंसाफ
रंजन की मौत पर बच्चों ने की शोक सभा
लघु सचिवालय पहुंच मांगा न्याय
कहां स्कूल के खिलाफ करों कार्रवाई
यमुनानगर। सर्दी का मौसम। सुबह से ही सूर्य देवता के दर्शन नहीं हुए। कंपा देने वाली धुंध व शीत लहर, जिसके आगे बड़े से बड़ा व्यक्ति भी हिम्मत हार जाए। परंतु यहां साथी की मौत का गम इस सबमें डटा रहने की प्रेरणा दे रहा था। रंजन की मौत के तीन दिन बाद सोमवार को स्कूल खुला। ऐसे में स्कूल प्रशासन के रवैये को लेकर जहां नेशनल पब्लिक स्कूल के कई अपने साथी की मौत के गम में शरीक हुए। वहीं कई अन्य स्कूलों के स्टूडेंट भी इसमें शामिल हुए। हैरानी की बात तो यह रही की जहां इन तीन दिनों के दौरान स्कूल प्रबंधन में से किसी भी व्यक्ति ने रंजन के परिजनों को सांत्वना देने व उसके घर तक जाने से गुरेज किया। वहीं, हाड कंपा देने वाली ठंड के बीच स्कूल के मुख्य द्वार के बाहर बैठे बच्चों व लोगों को देखकर भी वह बाहर नहीं आए। यदि स्कूल से स्टाफ के किसी सदस्य को बाहर भेजा गया तो उन्हें भी समााने के लिए। ऐसे में रंजन की मौत के बाद पहली बार कई स्टूडेंट व अभिभावकों ने आप बीती मीड़िया से सांाी की। ऐसे में पता चला की स्कूल प्रशासन पूरी तरह से बच्चों के प्रति तानाशाह रवैया अपनाएं हुए हैं। उधर, पुलिस द्वारा तीन दिन गुजर जाने पर भी इस दिशा में कोई मामला दर्ज नही किया गया हैं। इस बात को लेकर भी परिजन व समाज के लोगों में रोष हैं। सोमवार को नेशनल पब्लिक स्कूल के गेट पर रंजन की आत्मिक शांति के लिए शोक सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान स्कूली स्टूडेंट ने जहां केंडल जलाकर उसके लिए प्रार्थना की। वहीं बाद में स्कूल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर लघु सचिवालय में अधिकारियों से मुलाकात भी की। स्कूल प्रबंधन का काम यह रहा की गेट पर बच्चों के इकट्ठा होने के बाद आनन-फानन में वहां पर एक शोक संदेश चिपकाया गया। बाद में शाम के समय अखबारों के कायालय में शोक सभा संबंधी एक प्रेस नोट भेजकर अपने कार्य को पूरा कर लिया गया।
दिखाई रंजन की होनहारी
सोमवार को स्कूल खूला भी तो सैकड़ो स्कूली छात्र-छात्राओं ने रंजन की याद में केंडल जलाकर शोक जाहिर किया। स्कूल के खिलाफ रोष जाहिर करते हुए रंजन के कई सहपाठी कक्षाओं का बहिष्कार कर धरने पर बैठ गए। हाथ में न्याय की गुहार लगाते हुए विभिन्न सलोगन लिखे पोस्टर व रंजन की काबिलियत को जग-जाहिर करने के लिए उसकी अव्वल आने पर पुरस्कार लेती तस्वीर को देख सब रंजन की होनहारी को याद कर रोने पर विवश थे।
अपना बेटा दे दे मुो
शोक सभा के दौरान रंजन की मां अनीता लोगों के समााए जाने पर बार-बार यहीं कह रही थी की उसे किसी से कोई दुष्मनी नहीं हैं। स्कूल के मालिक राजबीर पुंडीर ने आज तक इस घटना पर एक बार भी शोक नहीं जताया। नहीं यदि वह सच्चा है तो अपने दो बेटों में से एक मुो दे दे, जिससे मेरे दो बेटे पूरे हो जाएं। परंतु यहां पर इस दुखहारी मां की सुनने वाला कोई नहीं था। अनीता के आंखों से तो आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहे थे।
होनहार था हमारा क्लासमेट....चला गया
रंजन के चले जाने पर गम में स्कूल गेट पर बैठे उसके क्लासमेट पूजा, अंचल, मोनिका, प्राची, नेहा आदि ने बताया कि रंजन हर क्षेत्र में अव्वल था, पढ़ाई में होनहार होने का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह एनडीए को लेकर काफी हतोत्साहित था। उन्होंने बताया कि एनडीए कोचिंग के लिए वह दो दिन स्कूल न आ सका था। हमारा क्लासमेट होश्यिार, काबिल और सबके लिए मिसाल था...जो चला गया।
अन्य स्कूलों के भी बच्चे हुए शामिल
रंजन के स्कूल के बच्चों के अलावा जिन स्कूलों में रंजन अपनी पहले ही पढ़ाई कर चुका है। उन स्कूलों ने भी इस धरने व केंडल मार्च में हिस्सा लिया, जिसमें स्वामी विवेकानंद के दर्जनों स्कूली बच्चों के अलावा रंजन के पुराने सहपाठी रह चुके छात्र-छात्रओं ने भी भाग लिया।
लीव देने पर भी लिया था जुर्माना
रंजन हीं नहीं ऐसा ही व्यवहार स्कूली स्टाफ अन्य स्कूली बच्चों के साथ भी करता है। स्कूली बच्चो ने बताया कि यदि कोई बच्चा किसी जरूरी काम के लिए भी स्कूल में एक दिन नहीं आए तो उससे भारी जुर्माना वसूला जाता है।
स्कूल की रूपेंद्र कौर ने बताया कि उसके भाई की शादी थी। लीव देने के बाद भी उससे दो दिन छुट्टी करने के 100 रूपए जुर्माने के रूप में लिए गए।
लिखवाकर भी लिया था
वहीं पूजा ने बताया कि उसके पिता के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने पर वह स्कूल फीस नहीं भर पाई थी। इसके लिए स्कूल टीचर द्वारा उसे प्रताड़ित किया गया। आखिर में पूरे साल की फीस जमा करने के बाद उससे लिखवाकर भी लिया गया।
मिलती है धमकियां
स्कूल की अंजली और कार्तिक ने बताया कि स्कूल द्वारा रविवार को भी क्लास लगाई जाती है। उसने बताया कि यदि कोई बच्चा उसमें नहीं आता तो उससे जुर्माना वसूला जाता है। यदि जुर्माना न भरा जाए तो उसे नंबर काटने व पेपर में न बैठने की धमकियां दी जाती है। यहीं नहीं अगर किसी के परिजन पेरेंट मीटिंग में नहीं आ पाते तो भी उनसे 500 रूपए जुर्माने की मांग की जाती है।
थप्पड़ मारकर छीना कार्ड
आपबीती बताते स्कूल के अंकित व अनुज।
स्कूल के छठी कक्षा के अंकित व अनुज ने बताया कि रंजन की याद में जब स्कूली बच्चों द्वारा स्कूल गेट पर केंडल मार्च निकाला जा रहा था तो इसमें उन्होंने शामिल होने की इच्छा से वह मार्च की ओर जाने लगे। जिस पर स्कूल के बस ड्राइवर निर्मल ने उन्हें उसमें शामिल होने से रोका और उनको थप्पड़ मारा और उनके आईकार्ड भी छिन लिए।
स्कूल से सांतवना देने कोई न आया
दो दिन बीत चुके है, किंतु रंजन के परिजनों की माने तो अभी तक स्कूल प्रबंधन की ओर से कोई भी सांतवाना देने नहीं पहुचा है। केवल स्कूल में सुबह प्रार्थाना सभा में दो मिनट का मौन रख रंजन की मौत का दुख होने की बात जगजाहिर की गई। किंतु जब स्कूल गेट पर स्कूली बच्चों समेत रंजन के परिजन मौजूद थे तो बजाए सांतवना देने के स्कूल गेट समीप दीवार पर रंजन की मौत पर शौक जाहिर करते हुए एक एक पोस्टर व आज भी स्कूल बंद किए जाने की बात लिख दी गई।
यह तो हद हो गई
शांतिपूर्वक धरने पर बैठे बच्चे व परिजनों की आंखे तो नम थी, वहीं स्कूल के एक-दो टीचर स्कूल के बाहर अवश्य खडेÞ थे पर इनके दुख में शामिल होने से कतरा रहे थे। कहीं न कहीं वह स्कूल की सुरक्षा के लिए खडेÞ थे, जबकि परिजन व छात्र अपने स्कूल प्रबंधक से सांत्वना के लिए उम्मीद कर रहे थे। इस बीच उन्होंने बाहर आना मुनासिब नहीं समझा सबके दिलों में इस बात का भी रोष था कि स्टाफ के टीचर भी उनके इस शोक में शामिल नहीं हो रहे है।
प्रशासन से की इंसाफ की मांग
स्कूल गेट पर धरना व केंडल मार्च निकालने के बाद रंजन के क्लासमेट व परिजन इंसाफ की गुहार लगाने लघुसचिवालय पहुंचे। जहां मां अनीता ने रो-रोकर एसडीएम देवेंद्र कौशिक से अपने बेटे रंजन की मौत पर इंसाफ दिलाए जाने की मांग की। उन्होंने एसडीएम देवेंद्र कौशिक को दी शिकायत में बताया कि रंजन की मौत पर उससे मानसिक प्रताड़ना करवाने वाले अध्यापकों राकेश, नीलम व राजबीर पुंडीर के विरूद्ध कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया था। किंतु अभी तक अपराधी खुले आम घूम रहे है। उन्होंने जल्द इंसाफ दिलाने की मांग के साथ ही मांग की कि स्कूल में अन्य बच्चो के साथ स्कूल में कोई ज्यादती न हो। इसी बात को लेकर वह लघु सचिवालय में परिजनों व छात्राओं के साथ शांतिपूर्ण तरीके से सीटीएम सतबीर मान व एसडीएम देवेंद्र कौशिक से भी मिले और लिखित शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की।
नहीं बरती जाएगी कोताही
मामले में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी। हर पहलु पर जांच कर सही इंसाफ दिलाया जाएगा।
सतबीर मान, सीटीएम।
डीएसपी कर रहे गहनता से जांच
मामले की जांच डीएसपी हेडक्वाटर फूल कुमार पूरी गहनता से कर रहे है। सुसाइड नोट पर पुलिस जांच में जुटी है। रिपोर्ट मिलते ही, इस संबंध में जो भी कार्रवाई बनेगी की जाएगी।
देवेंद्र कोशिक, एसडीएम।
जांच करा रहे हैं
हम अपने तरीके से जांच करा रहे हैं, जो भी उचित कार्रवाई होगी वह की जाएगी।
मितेश जैन, एसपी।
हेड राइटिंग मिलवा रहे हैं
फिलहाल 174 के तहत कार्रवाई की हैं। सुसाइट नोट की लिखावट का मिलाना किया जारहा हैं। इसके बाद जो भी कार्रवाई होगी उसे किया जाएगा।
राजीव मिगलानी, एसएचओ, फर्कपुर
विनोद धीमान
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