
खुल्म-खुल्ला लगा रहे करोड़ो का चुना
रेल विभाग की नाक तले नियमों के विरूद्ध हो रही यात्रा
यात्री जरूरत से अधिक सामान लेकर ट्रेनों में कर रहे सफर
विनोद धीमान
रेल प्रशासन को करोड़ो की आमदन कराने वाले यात्री ही विभाग की नाक तले करोड़ो का चुना लगाने में लगे है। सब जानते हुए भी ऐसे यात्रियों के प्रति कार्रवाई नहीं की जाती जो यात्रा के दौरान अपने साथ भारी-भरकम सामान लेकर आ-जा रहे है। यहीं लापरवाहीं से न चाहकर भी विभाग को करोड़ो का चुना आए दिन लग रहा है।
यदि नियमों की माने तो एक व्यक्ति ट्रेन में अपने साथ केवल वहीं सामान लेकर चल सकता है, जिसकी जरूरत उसे यात्रा के दौरान अथवा ट्रेन से सफर तय करने के बाद गाड़ी से उतरने के बाद पड़ती है। किंतु या त्री अपने साथ कई किलो से लेकर क्वंटलों वजन का सामान साथ लेकर सफर कर रेल विभाग की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहे है। ऐसे लोगों के प्रति कार्यवाई न करने के चलते आए दिन रेल मंत्रालय को करोड़ो का फटका लग रहा है।
ये है नियम
पार्सल बुकिंग शुल्क से बचने के चक्कर में...यात्रियों द्वारा ऐसा करने के पीछे पार्सल बुकिंग शुल्क अदा करने से बचना ही है, साथ ही कई दिनों के पार्सल के इंतजार के चलते भी अधिक्तर यात्री सामान को साथ ले जाने में ही भलाई समझते है। ईका-दुका यात्री ही इस पार्सल बुकिंग को कराने में रूचि दिखाता है। ऐसे में पार्सल बुकिंग भुगतान से होने वाली करोड़ो रूपए की कमाई पर पानी फिर रहा है।
भारी-भरकम सामान ले जाने से जहां पहले ही गाड़ियों में बैठने को स्थान नहीं मिल पाता तो वही सामान के कारण अधिक्तर डिब्बों में पैर रखने को भी जगह नहीं मिल पाती। ऐसी स्थिति में गाड़ियों में बुजुर्गो, महिलाओं व बच्चों को सबसे अधिक परेशानी उठानी पड़ती है। कई बार तो डिब्बों के दरवाजों पर ही बहुत अधिक समान होने के कारण उनमें न चढ़ सकने की स्थिति में कई लोगों की ट्रेने तक छूट जाती है तो कई लोग गिरकर चोटिल हो जाते है।
स्वयं होना होगा जागरूक
कानून के मुताबिक यात्री सिर्फ अपनी जरूरत का सामान ही लेकर सफर कर सकता है। कार्रवाई करने पर भी लोग ऐसे करने से नहीं मानते, इसलिए हमे स्वयं ही इस ओर जागरूक होने की जरूतर है।
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