सम्मान समारौह में विशेषकर उडीसा, तमिलनाडू, कर्नाटका, मध्यप्रदेश, मिजोरम व हरियाणा आदि प्रदेशों से विज्ञान, शिक्षा, समाज सेवा आदि में उत्कृष्ट भूमिका निभाने वाले कुल 23 लोगों को सम्मानित किया गया। जिनमें हरियाणा की दो शख्सियतों को सम्मान आई कविता वाधवा को शिक्षा रतन से सम्मानित किया गया।
बचपन से ही थी कुछ कर दिखाने की चाह
डा. मानसी अबोहरी ने बताया कि उसकों मिला यह सम्मान का पूरा श्रेय वह अपने पति व परिवार को देती है। उन्होंने बताया कि बचपन से ही बच्चों के लिए हर संभव सहायता करने की इच्छा शक्ति के कारण ही वह पूर 9 वर्षों से बच्चों के उत्थान की अलख छेडेÞ बैठी है। जिसे वह निरंतर आगे बढ़ाती चली जाएगी, उन्होंने बताया कि पंजाब में शिक्षा ग्रहण करने के दौरान ही उन्होंने जरूरत मंद जो किसी कारणवंश पढ़ाई से अछूते रह जाते है, उन गरीब बच्चों को निशुल्क रूप से पढ़ाना शुरू कर दिया। उसके उपरांत 2002 में शादी कर यमुनानगर में भी इस मुहिम को जारी रखा और वह लगातार 9 वर्षो से जरूरतमंद बच्चों की सेवा का कार्य कर रही है। पिछले 6 सालों से लगातार गरीब बच्चों को शिक्षा रूपी ज्ञान में कई तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन कर रही है।
101 दंत चैक्अप कैंप लगा चुकी पेशे से दंत चिकित्सक होने के नाते गरीब बच्चों व जरूरतमंदों के लिए निशुल्क रूप से डा. मानसी अबोहरी 101 दंत चैक्अप कैंप लगा चुकी है। मानसी ने बताया कि अभी भी उसे अपने द्वारा लगाया गया प्रथम चिकित्सा कैंप जोकि 17 सितम्बर 2005 में गुरूद्वारा सिंह सभा में लगाया था याद है। तब से लेकर अब तक उनके द्वारा लगातार 101 दंत जांच शिविर लगा चुकी है। जिसमें करीब 10 हजार मरीजों के दंत जांच कर चुकी है। एक नहीं कई मिले सम्मान
इनके द्वारा किए गए कार्यो के लिए केवल यमुनानगर ही नहीं विदेशों में भी चीन की संस्था ईपीईसी (ईलैक्ट्रोनिक पावर कंस्ट्रक्शन कंपनी) द्वारा वर्ष 2010 में आउट स्टेंडिंग वुमेन अचिविंग अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। 2010 में बजुर्गो के लिए बनी संस्था डे केयर क्लब संस्था भी सम्मानित किया गया। 2011 में संसदीय सचिव शारदा राठौर द्वारा उत्कृष्ट दंत चिकित्सक के लिए भी नवाजा गया। 2011 में भी बाल कल्याण के लिए राष्टीय पुरस्कार के लिए नामंकित किया गया।
क्या है सपना
उन्होंने बताया कि उनका सपना है कि उनका जिला यमुनानगर में जितनी भी झूग्गी-झोपड़िया है, उनमें रहने वाले बच्चों को प्रेरित कर सर्व शिक्षा अभियान के तहत जोड़ा जाए। इस अभियान को भी वह जल्द शुरू करने जा रही है। जिसके तहत झूग्गी-झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को इक्ठा कर उन्हें मुख्य धारा से जोड़ जीवन में पैरों पर खडेÞ होने के गुर सिखा सके।
रिपोट बाये विनोद धीमान
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