अब कपड़े भी चाइना के
भारतीय की अपेक्षा सस्ते होने से लोग कर रहे जमकर खरीदारी
विनोद धीमान
जगाधरी वर्कशाप। सर्दी के बढ़ते ही कंबल बाजार में रौनक लौट आई है। आज हर आदमी अपनी जरूरत के हिसाब से कंबल व रजाई खरीदने पर लगा है। जहां कंबल बाजार गर्म है, वहीं लोगों में अपने लिए अच्छे से अच्छे व अपनी जरूरत के हिसाब से कंबल खरीद रहे हैं। वहीं लोगों को इस बार अपने देश के अलावा विदेश से आए कंबलों को भी देखने व खरीदने का मौका मिल रहा है। दुकानदारों ने ग्राहकों के हिसाब से कंबलों को अपनी दुकान में रखा है। कंबल विक्रेता अशोक कुमार ने बताया कि पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष कंबल व रजाई ज्यादा बिक रही है। इसमें एक कारण चाइना से आ रहे कंबल का भी है। जोकि हलके होने के साथ लोगों की पहुंच में भी हैं, जिससे रखना भी आसान है और इसके लिए ज्यादा खर्च भी नहीं करना पड़ता। हमारे देश के कंबलों की मात्रा में ये कंबल हलके जरूर हैं, परंतु सुंदर होने के साथ लोग इन्हें ज्यादा खरीदना पसंद कर रहे हैं, जिसके चलते वह हर रोज 10 से 15 कंबल व 4-5 रजाई बेच रहे हैं। आजकल शादियों का सीजन होने की वजह से लोग शादियों में भी इन्हें देना पंसद करते हैं।
पंजाब व हरियाणा से आते थे पहले
गुलजार हुआ कंबल बाजार
सर्दियों की रंगत आने के साथ ही यमुनानगर का कंबल बाजार भी गुलजार हो गया है। बाजार में कंबल ही नहीं अब पानीपत मेड फाइवर रजाई की बड़ी धूम है। दुकानदारों में व्यापार को लेकर खासा उत्साह है, लेकिन अपने कंबलों की गिरती साख से परेशान भी हैं, क्योंकि धीरे-धीरे इसकी जगह बाहरी कंबल लेते जा रहे हैं। अब से पहले दुकानदार लुधियाना व अमृतसर के कंबलों की टेÑडिंग करते थे, लेकिन अब वह विदेशी कंबल की भी टेÑडिंग कर रहे हैं, जिसके चलते हमारे देश की कंबल यूनिटों को फर्क पड़ रहा है।
पहुंच के भीतर
दुकान पर खरीदने आई साइना और समीरा ने बताया कि हलकी सर्दी के साथ ही लोग कंबल को ज्यादा पसंद करते हैं। वह अपने परिवार के लिए कुछ गर्म शालें व स्टाल तथा रजाई खरीदने के लिए आई हैं। इस बार बाजार में चाइना की भी वैरायटी मिल रही है जो सस्ती है और आम लोगों की पहुंच में है।
चाइना व भारतीय समान के रेट
स्टाल -200 से 300 चाइनिज
स्टाल - 250 से 400 भारत
अमृतसरिया कंबल - 200 से 700
चाइना कंबल - 200 से 500 के बीच
सिंगल रजाई - 500 से 600 चाइना
सिंगल रजाई -800 से 1000 भारत
मखमली रजाई - 400 से 800 चाइना
मखमली रजाई - 700 से 1000 भारत
डबल बैड कंबल-800 से 2000 चाइना
डबल बैड कंबल-1000 से 3000 भारत
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