Sunday 11 December 2011

मै पागल नही हुं और न ही नालायक CITY NEWS YNR


    यमुनानगर के एक निजी स्कूल के अध्यापकों की प्रताडना से तंग आकर बाहरवी कक्षा के एक छात्र ने खुद पर मिटटी का तेल छिडककर आत्म हत्या कर ली इस घटना को छात्र ने उस समय अंजाम दिया ज बवह दो दिन की छुटटी के बाद स्कूल गया था तो स्कूल के प्रधानाचार्या ने उसको कक्षा से बाहर खडे रखा और उसको स्कूल से निकालने की बात कही जिसे वह सहन कर पाया और घर पहुंचकर उसने स्वयं के उपर मिटटी का तेल छीडककर खुद को आग लगा ली लगभग 90 प्रतिषत मौके पर ही जल जाने से अस्पतल ले जाते समय उसने दम तोड दिया लेकिन मरने से पहले छात्र छोड गया एक सुसाइड नोट पर सारी दास्ता
   मै पागल नही हुं और न ही नालायक पर स्कूल के प्रधानाचार्या कहते है कि मै ओवर समार्ट बनता हुं जबकि ऐसा कुछ भी नही है दो दिन स्कूल में न आने पर उसे कलास से बाहर रखा और निकाल दिया स्कूल से बाहर जोकि वह सहन नही कर पाया यह उस छात्र का कहना है जो मरने से पहले सुसाइड नोट पर सारी दासता लिख गया है दराअस्ल यमुनानगर के नेष्नल पब्लिक स्कूल की कक्षा बाहरवी में पढने वाला रंजन षर्मा का दो पढाई के साथ साथ एनडीए की तैयारी भी कर रहा था और उसी सिलसिले में रंजन दो दिन स्कूल में नही गया जिसका सिला उसे अपनी जान गवा कर देना पडा बाप का साया पहले ही सिर से उठ जाने के कारण रंजन चाहता था  िकवह अपनी मां को कुछ बन कर दिखाए ओर उसी के चलते वह पढाई के साथ साथ एनडीए की तैयारी में जुटा हुआ था नोन मेडिकल का छात्र रंजन काफी होनहार था जबकि यह बात स्कूल प्रबंधक भी भालीभाति जानते थे लेकिन कुछ दिनों से उसको काफी प्रातडित किया जा रहा था रंजन के परिजनों का आरोप है कि दो दिन तक रंजन छुटटी पर था और उसके बाद स्कूल मेनेजमेंट का रवैय उसके प्रति काफी कडा था रंजन को उसकी  कक्षा में नही जाने दिया दो दिन कक्षा के बाहर रखा और आखिरकार स्कूल से उसका नाम भी काट दिया गया जिसका गम रंजन को म नही मन काफी सताने लगा रंजन ने सुसाइड नोट में यह भी लिखा की उसके स्कूल में न जाने के कारण उसकी मां को भी स्कूल प्रबंधकों ने काफी कुछ सुनाया है फूट फूट कर रो रही मां की आंखों से भी आंसू थमने का नाम नही ले रहे और उसका भी यही कहना है कि उसके बेटे को उसके स्कूल वाले ही खा गए   रंजन की मौत की सूचना मिलते ही स्कूल प्रषासन को यह लगा कि रंजन के परिजन स्कूल में हंगामा न कर दे इस लिए उन्होंने आनन फानन में स्कूल की छुटटी कर दी जहा तक कि बाहर से किसी भी व्यक्ति को स्कूल में प्रवेष न करने की हिदायतें भी दे दी बाद में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्कूल का दरवाजा खुलवाया जहा तक कि मीडिया से भी पहले स्कूल प्रबंधक बात करने को तैयार नही था अगर स्कूल मैनेजमेंट की माने तो उनका भी यही कहना है कि यह घटना रंजन के घर पर हुई है और इसकी उन्हें जानकारी भी नही है लेकिन बाद में उन्होंने स्वयं ही मान लिया कि रंजन चार दिनो ंसे स्कूल में नही आ रहा था और उससे भी स्कूल में न आने का कारण ही पूछा था और उसके बाद क्या हुआ वह नही जानते उधर घटना की सूचना मिलते ही पुलिस के आलाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए लेकिन हैरानी की बात तो यह रही कि मौके पर पहुंचे डीएसपी को रंजन का सुसाइड नोट लिखा भी समझ में नही आया जबकि रंजन ने यह साफ साफ लिखा कि स्कूल के मुख्याधयापक ही उसे परेषान कर रहे थे जबकि हर साल वह अच्छे अंकों से पास होता रहा है फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है और मृत्क के पोस्टमार्टम करवाने के बाद षव को परिजनों के हवाले कर दिया है इस पूरे घटना क्रम के बाद स्कूल का कोई भी करिंदा रंजन के घर तक नही पहुंचा और न ही सहानभूति के लिए अस्पताल में जोकि संदेह के घेरे में है
एस . डी . एम्  को दर्द सुनाती  राजन की माँ 

                                                                         विनोद धीमान 









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