यमुनानगर। (विनोद धीमान)। मकतबा दाउदीया सोसायटी के संस्थापक एवं समाजसेवी मोहम्मद वसीम दाऊदी ने बताया कि आज जिस इंसान को देखो वह दूसरों में ऐब निकालने के लिए हमेशा तैयार बैठा है। दूसरे के बारे में राय कायम करने में बिल्कुल जज की भूमिका निभा रहा है बिना सोचे समझे हालांकि वह भूल गया है की अल्लाह से बेहतर ना तो कोई जानने वाला है ना जान सकता है। वह किस इंसान को क्या बना दे और किसी इंसान से सब कुछ देकर कब छीन ले आज इंसान को इंसान से डरने की जरूरत है। क्योंकि इंसान का इंसान से मामला पड़ा तो बहुत मुश्किल हो जाएगा रब से मामला अल्लाह से मामला आसान है क्योंकि अल्लाह 70 माओ से भी ज्यादा प्यार करने वाला है।
लेकिन इंसान अगर खुदा ना खस्ता गिरिवान पकड़ कर खड़ा हो गया तो बहुत मुश्किल हो जाएगा आज समाज में जितने लोग काम कर रहे हैं चाहे हिंदू हो, मुसलमान हो बिना सोचे समझे उनके बारे में राय कायम नहीं करनी चाहिए अगर हो सके तो उनके साथ देना चाहिए अगर नहीं दे सकते तो चुप रहे तो बेहतर है क्योंकि रब देख रहा है और इंसान का दिल नाहक दुखाने से सारी बातें सारी नमाजे खराब हो जाएंगे कुछ काम नहीं आएगा मेरे दीन में हदीस का मफूम है कि मेरे नबी के पास एक आदमी आया उसने कहा एक औरत है बहुत नमाजे पड़ती है बहुत अल्लाह अल्लाह करती है लेकिन अपने पड़ोस का दिल नाहक दिल दुखाती है पड़ोस मतलब इसमें यह नहीं कहा गया कि खाली मुसलमान ही हो कोई भी हो अल्लाह के नबी ने कह दिया वह दोजख में यानी नरक में जाएगी और तभी कहा एक औरत और है बीमार रहती है नमाजे पड़ती है लेकिन बीमारी के कारण कम अल्लाह अल्लाह करती है लेकिन उसकी वजह से सारा का सारा पड़ोस खुश है किसी का दिल नहीं दुखाती अल्लाह के नबी ने फौरन कहा वह जन्नत में यानी स्वर्ग में जाएगी और आज हम लोगों को देखो बिना सोचे समझे किसी के बारे में गलत सलत राय बयां करना यह भी दिल दुखाने में है मैंने किताब पढ़ी इसका एक वाक्य मुझे याद आ गया आप लोगों को बताता मेरे लिए भी आपके लिए भी सबक है एक इंसान दुनिया की नजरों में बहुत खराब था सब उसको गलत समझते थे क्योंकि शराब के मयखाने में जाना तवायफ के पास जाना उसकी रोज की रूटीन थी लेकिन उसकी मां हमेशा कहा करती थी कि वक्त का बादशाह तेरे मरने पर ऐलान करेगा और तुझे पूरे राज्य में मान सम्मान के साथ कफन दफन यानी अंतिम संस्कार करेगा एक दिन उसकी मौत हो गई वह भी बीच चौराहे पर लेकिन उसकी बॉडी को कोई हाथ ना लगाएं सब उससे दूर भाग रहे थे और कह रहे थे बड़ा गलत आदमी था रोज मयखाने और तवायफ के पास जाया करता था वक्त के बादशाह के मन में रब ने बात डाली ईसके घर वालों से मिला जाए वह फौरन उसकी मां के पास गया और कहा कि तेरे बेटे को कोई हाथ क्यों नहीं लगा रहा क्या इतना बड़ा गुनहगार था तेरा बेटा उसकी मां ने कहा मेरे बेटे जैसा नेक और फरमाबरदार शायद ही कोई बेटा हो वह हमेशा समाज में बड़ी गंदगी को दूर करने के लिए काम करता रहता था लेकिन उसकी आय कम थी लेकिन उसकी सोच बहुत बड़ी थी वह रोज मयखाने जाया करता और दो शराब की बोतल लेता और उनको तोड़ दिया करता और आकर कहा करता मां मैंने दो बोतल आज फिर नष्ट करी ताकि उसके कोई पी न सके किसी का घर खराब ना हो और इसी तरह शाम के वक्त तवायफ के यहां जाता और अपने जो दिन में कमाए हुए पैसे उसको देता और कहता आज रात आप गलत काम नहीं करोगे यह पैसे आप ले लो इस तरह वह फिर परिवार के लिए काम किया करता लेकिन लोगों की नजर में हमेशा बुरा बना रहा लेकिन मैं उसको कहा करती थी कोई देखे ना देखे रब देख रहा है और तुझे इसका बदला दुनिया में भी और मरने के बाद भी जरूर मिलेगा तभी बादशाह की आंखों में आंसू आ गए और उसने पूरे राज्य में ऐलान किया आज एक खुदा का नेक बंदा दुनिया से जा रहा है सभी के सभी लोग काम काज छोड़कर उसका जनाजे में शरीक होंगे यानी अंतिम संस्कार में सभी का मौजूद होना कंपलसरी कर दिया और खुद अपने हाथ से नहलाया सारी तैयारी की इसलिए मेरे सभी भाइयों दोस्तों आप सब से गुजारिश है किसी के बारे में राय कायम ना करें क्या पता कौन कितना करीब है खुदा के फिर मैं एक ही बात कहना चाहूंगा आप सबसे अपिल करना चाहूंगा किसी ने सही कहा है उम्र भर गालीब यही भूल करता रहा धूल चेहरे पर थी और आईना साफ करता रहा आज हम सबको जरूरत है अपने आप को साफ करना अपने चेहरे को साफ करना इंशाल्लाह समाज साफ सुथरा नजर आने लगेगा और फिर किसी इंसान के अंदर ऐब नजर नहीं आएगा
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