बिलासपुर/ यमुनानगर।(विनोद धीमान) संत निरंकारी मिशन द्वारा संत निरंकारी सत्संग भवन बिलासपुर में जोन स्तरीय निरंकारी महिला संत समागम का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न स्थानों से बहनों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। समागम की अध्यक्षता संत निरंकारी मंडल दिल्ली की केंद्रीय प्रचारक बहन डॉ. शरण खन्ना ने की। समागम के दौरान अनेक बहनों ने संत निरंकारी मिशन के सुंदर, सरल और सुरीले गीतों, विचारों और कविताओं के माध्यम से सत्य का संदेश दिया।
प्रचारक बहन डॉ. शरण खन्ना ने प्रवचन करते हुए कहा कि जहां आज महिलाएं दुनिया की हर ऊँचाई को विद्या के माध्यम से छू रही हैं, उसी प्रकार गुरुमत की विद्या को भी हमें ग्रहण करना है। उसे ही अपने जीवन का आधार बनाना है। सत्संग में जो संत महात्माओं की शिक्षा हमें मिलती है।
उसे पूर्ण जागरूकता से ग्रहण करना चाहिए और उसे अपने गृहस्थ जीवन में अपनाना चाहिए। नारी ही समाज की सबसे बड़ी सुधारक होती है और आने वाली पीढ़ियों को सत्संग से जोड़ने से बड़ा और कोई सुधार का मार्ग नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि गुरु से केवल गुरुमत का गुण मांगे, बाकी दुनियावी सुख तो भक्तों के चरणों में स्वयं ही आते चले जाते हैं, क्योंकि भक्तों ने भक्ति को ही परम सुख माना है।
यही संदेश आज निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज जन जन को दे रहे है। हमें भी उनकी शिक्षाओं का अनुशरण कर अपना लोक सुखी और परलोक सुहेला करना चाहिए।
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